पंजाब में ग्रेनेड हमला, हिमाचल में खालिस्तानी झंडे; जानिए कैसे पाकिस्तान भारत में खालिस्तान को दे रहा हवा

पंजाब के मोहाली में पुलिस इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऑफिस पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड, यानी RPG से हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गई हैं। प्रतिबंधित खालिस्तान समूह सिख फॉर जस्टिस, यानी SFJ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उधर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस हमले के पीछे आतंकी साजिश की जांच कर सकती है। NIA का मानना है कि पंजाब में खालिस्तानी समूह फिर से सिर उठा रहा है और इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है।

ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर कैसे पाकिस्तान पंजाब समेत आसपास के राज्यों में भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकियों को हवा दे रहा है? हाल के दिनों में हुई कौन सी घटनाएं इस ओर इशारा कर रहीं ? सुरक्षा एजेंसियों ने कौन सी चेतावनी जारी की ?

पंजाब और आसपास के राज्यों में फिर से सिर उठा रहा खालिस्तानी ग्रुप

पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पिछले कुछ महीनों के दौरान ऐसी कई आतंकी घटनाएं हुई हैं, जो दिखाती हैं कि इन राज्यों में खालिस्तानी ग्रुप फिर से सिर उठा रहा है। चलिए पिछले कुछ महीनों के दौरान हुई इन घटनाओं पर एक नजर डालते हैं।

8 अगस्त 2021: अमृतसर के अजनाला में एक तेल टैंकर को उड़ाने के लिए एक टिफिन बम का इस्तेमाल किया गया। इस मामले में पंजाब पुलिस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI समर्थित आतंकी मॉड्यूल से जुड़े 4 लोगों को अरेस्ट किया था।

8 अगस्त 2021: अमृतसर पुलिस ने लोपोके में डेलके गांव से पांच हैंड ग्रेनेड और एक टिफिन बम बरामद दिया।

21 अगस्त 2021: कपूरथला पुलिस ने भी फगवाड़ा से दो हैंड ग्रेनेड और एक टिफिन बम समेत अन्य विस्फोटक बरामद किए।

15 सितंबर 2021: पाकिस्तानी सीमा के करीब स्थित फाजिल्का जिले के जलालाबाद में एक बाइक के जरिए ब्लास्ट की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस केस में प्रवीण कुमार नामक शख्स को अरेस्ट किया गया, जो फाजिल्का के धरमूपुर गांव का रहने वाला है। ये गांव पाकिस्तान की सीमा से महज 3 किलोमीटर दूर है।

7 नवंबर 2021: पंजाब के नवांशहर में क्राइम इंवेस्टिगेटिव एजेंसी यानी CIA की बिल्डिंग पर हैंड ग्रेनेड से हमला, पुलिसवाले बाल-बाल बचे थे। इस हमले की साजिश में पाकिस्तान भाग चुके गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा का नाम सामने आया।

22 नवंबर 2021: पंजाब में पठानकोट स्थित भारतीय सेना के कैंप के पास ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ।

23 दिसंबर 2021: लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट हुआ। धमाका करने वाले गगनदीप की मौत हुई, 6 अन्य घायल हुए। NIA ने इस मामले में प्रतिबंधित खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस के जसविंदर सिंह मुल्तानी के खिलाफ केस दर्ज किया था। NIA की जानकारी पर मुल्तानी को जर्मनी में हिरासत में लिया गया था। NIA ने कहा कि मुल्तानी ने ब्लास्ट के लिए पाकिस्तान की मदद से लुधियाना में विस्फोटक पहुंचाए थे।

30 अप्रैल 2022: पटियाला में खालिस्तानी समर्थकों और शिवसेना के बीच झड़प हुई, इसमें 3 लोग घायल हुए। ये झड़प खालिस्तानी आतंकी और SFJ नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने के ऐलान और शिवसेना द्वारा इसका विरोध करने के बाद हुई थी।

5 मई 2022: हरियाणा पुलिस ने करनाल से 4 लोगों को भारी मात्रा में हथियारों और विस्फोटकों के साथ अरेस्ट किया। ये लोग पंजाब से हथियारों को हरियाणा पहुंचाने की कोशिश के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़े। पुलिस ने कहा कि इन चारों के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से लिंक थे।

8 मई 2022: पंजाब पुलिस ने तरन तारन जिले के नौशेरा पन्नू गांव से IED और 1.5 किलो RDX के साथ दो लोगों को पकड़ा। पुलिस का कहना है कि इनकी योजना पंजाब में धमाका करने की थी।

8 मई 2022: हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला स्थित विधानसभा में मेन गेट और चारदीवारी पर खालिस्तानी झंडे और पोस्टर लगाए गए। इस घटना के पीछे खालिस्तानी गुट सिख फॉर जस्टिस का हाथ सामने आया।

9 मई 2022: मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऑफिस में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड से हमला हुआ, हालांकि ग्रेनेड फटा नहीं और केवल कांच के दरवाजे और खिड़की के शीशे टूटे।

मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस ब्यूरो को ऑफिस में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड से हमला हुआ। पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर खैबर पखतूनख्वाह में इन हथियारों को खुलेआम बेचा जाता है।

देश में खालिस्तानियों के फिर सक्रिय होने के पीछे पाकिस्तान का हाथ

हाल के दिनों में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुई घटनाएं देश में फिर से खालिस्तानी आतंकियों के सिर उठाने की ओर इशारा करती हैं। मोहाली में पुलिस ऑफिस पर हुए ग्रेनेड हमले की जांच NIA आतंकी साजिश के ऐंगल से कर सकती है। NIA का मानना है कि मोहाली ग्रेनेड हमले के पीछे पंजाब में फिर से सक्रिय हो रहे खालिस्तानी ग्रुप का हाथ हो सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के दिनों में कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के मंसूबों के भारतीय सेना की कार्रवाई से कमजोर पड़ने के बाद पाकिस्तान भारत के पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा है। पाकिस्तान लगातार खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों को फंडिंग के अलावा उन्हें हथियार और गोला-बारूद मुहैया करा रहा है।

खास बात ये है कि सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि खालिस्तानी आतंकियों के देश में फिर सक्रिय होने के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। इसमें पाक खुफिया एजेंसी ISI ड्रोन के जरिए हथियारों और गोला-बारूदों को सीमावर्ती इलाकों में पहुंचाकर खालिस्तानी आतंकियों की मदद कर रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब में विस्फोटक और हथियार पहुंचाने के लिए पाकिस्तान ड्रोन की मदद ले रहा है। माना जा रहा है कि ये ड्रोन चीन से पाकिस्‍तान पहुंच रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक ड्रोन एक बार में 10 किलो हथियार व विस्फोटक पाकिस्तानी से पंजाब के खेतों में गिरा देता है, जिसे बाद में स्थानीय एजेंट उठाते हैं और आगे के ठिकानों तक पहुंचाते हैं।

पंजाब पुलिस के मुताबिक, हाल ही में करनाल में पकड़े गए बब्बर खालसा के चार आतंकियों के पास से भारी मात्रा में जो हथियार बरामद हुए थे, उन्हें पाकिस्तान ने उन तक ड्रोन के जरिए ही पहुंचाया था। पुलिस का कहना है कि इन आतंकियों को ये हथियार और विस्फोटक पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के बताए लोकेशन पर पहुंचानी थी।

हथियार ही नहीं पाकिस्तान से होती है ड्रग्स की भी सप्लाई

इसी साल 9 मई को अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से भेजी जा रही 11 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी। ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान से पंजाब में भेजी गई ड्रग्स बरामद की गई हो। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ हथियार और ड्रग्स की सप्लाई के जरिए प्रॉक्सी वॉर छेड़े हुए है।

इससे पहले अगस्त 2021 में ऐसे ही एक ऑपरेशन में BSF और पंजाब पुलिस ने अमृतसर के सीमावर्ती इलाके से पाकिस्तान से स्मगल की गई 200 करोड़ रुपए कीमत के ड्रग्स बरामद किए थे।

किन खालिस्तानी आतंकियों का हाल की घटनाओं में आ रहा नाम

मोहाली में पुलिस इंटेलिजेंस ब्यूरो ऑफिस पर हुए हमले की जिम्मेदारी बैन खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने ली है। संगठन ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडे लहराने की भी जिम्मेदारी ली है।

SFJ के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक ऑडियो संदेश जारी करते हुए न केवल मोहाली हमले की जिम्मेदारी ली बल्कि हिमाचल प्रदेश के CM जयराम ठाकुर को भी खालिस्तानी ग्रुपों से भिड़ने की चेतावनी भी दे डाली। पन्नू ने ठाकुर से हिमाचल विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडे लहराने के मामले में भी कार्रवाई न करने की धमकी दी।

गुरपतवंत सिंह पन्नू: पन्नू पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसने 2007 में अमेरिका में सिख फॉर जस्टिस का गठन किया था। फिलहाल पन्नू अमेरिका में रहता है और वहीं से अपनी आतंकी गतिविधियां चलाता है। SFJ खालिस्तानी सोच का समर्थक है। पन्नू ने पंजाब में खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को करीब 2 लाख रुपए का इनाम देने की भी घोषणा की थी।

2020 में उसने लंदन में भारत से पंजाब को अलग कराने के लिए एक जनमत संग्रह कराने की घोषणा की थी, जिसके बाद भारत ने SFJ को एंटी-टेरर कानून UAPA के तहत बैन कर दिया था। हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाए जाने के बाद सरकार ने पन्नू के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया है।

हरविंदर सिंह रिंदा: पंजाब के नौशेरा में हमले का संदिग्ध

पंजाब में गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा पर हत्या और आर्म्स ऐक्ट के तहत कई केस दर्ज हैं। रिंदा पाकिस्तान में बैठकर पंजाब में आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान की मदद कर रहा है।

हाल ही में करनाल में पकड़े गए बब्बर खालसा के चार आतंकियों का पाकिस्तान में बैठे गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा से कनेक्शन सामने आया है। साथ ही तरनतारन में पकड़ी गई RDX में भी रिंदा का ही कनेक्शन सामने आया है।

मूल रूप से पंजाब के तरनतारन का रहने वाला रिंदा पिछले साल नवंबर में पंजाब के नौशेरा में क्राइम इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी (CIA), की बिल्डिंग पर हुए आतंकी हमले का संदिग्ध है। पंजाब में उस पर हत्या और आर्म्स ऐक्ट के तहत कई केस दर्ज हैं। पंजाब पुलिस का मानना है कि रिंदा को पाक खुफिया एजेंसी ISI का संरक्षण प्राप्त है। इसीलिए वह पाकिस्तान में बैठकर पंजाब में आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान की मदद कर रहा है।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, फरार आतंकी और बब्बर खालसा चीफ वाधवा सिंह ने भी पाकिस्तान में शरण ली है। इसके अलावा पाक खुफिया एजेंसी ISI खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चीफ रंजीत सिंह नीटा, इंडियन सिख यूथ फेडरेशन के चीफ भाई लखबीर सिंह रोडे, खालिस्तान कमांडो फोर्स के परमजीत सिंह पंजवड़ का इस्तेमाल भी पंजाब में खालिस्तान को हवा देकर आतंक फैलाने की कोशिशों में कर रही है।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने लश्करे खालसा गुट बनाया

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने पंजाब में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए लश्करे खालसा नाम का गुट बनाया है। इसमें अफगान लड़ाकों को भर्ती किया जा रहा है। अफगान लड़ाके RPG समेत सभी मॉडर्न हथियार चलाने में माहिर हैं।

पंजाब में आतंकी घटनाओं के बढ़ने के पीछे भी ISI का ही हाथ माना जा रहा है। भारतीय इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), ने इसे लेकर अलर्ट भी जारी किया है। बताया जा रहा है कि लश्करे खालसा नाम का ये आंतकी संगठन पंजाब के साथ-साथ कश्मीर में भी आंतकी घटनाओं को अंजाम देगा।

माना जाता है कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के जाने के बाद करीब 70 हजार करोड़ रुपए के हथियार तालिबान के कब्जे में आ गए थे। तालिबान के पास पैसों की तंगी है। इसलिए तालिबान ने इन हथियारों को पाकिस्तान के आतंकी संगठन और ISI को बेच दिया।

पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर खैबर पखतूनख्वाह में इन हथियारों को खुलेआम बेचा जाता है। ये वही वेपन है जिसका इस्तेमाल मोहाली में हुआ यानी RPG। इस वेपन का इस्तेमाल अफगान फौज करती रही है।

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