IPL सट्टेबाजी में हारकर बन रहे अपराधी … कर्ज को चुकाने के लिए चोरी और लूट की वारदात को दे रहे अंजाम, पढ़ें ये 4 केस
गोरखपुर में हर साल IPL में सट्टेबाजी का खेल जोर शोर से चलता है। कम समय में मालामाल होने की लालच में सट्टेबाजी की तरफ यहां के युवा बड़ी संख्या में इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं और सट्टा लगा रहे हैं। सट्टेबाजी का खेल लोगों के मन में इतना हावी हो गया है कि अगर किसी के पास पैसा नहीं है तो उधार लेकर सट्टा लगा रहा है। हारने के बाद युवाओं के उपर भारी कर्ज हो जा रहा है। उधारी सट्टा लगवाने वाला बिचौलिया ब्याज पर अपने पैसे वापस लेने के लिए तरह तरह का दबाव बनाता है।
जिसके बाद कर्ज चुकाने के लिए युवा गलत कदम उठाते हैं। या तो वे अपराधी बन जाते हैं या फिर सुसाइड कर लेते हैं। आइए हम आपको ऐसे ही कुछ मामले बताते हैं जहां IPL में सट्टा लगाकर हार चुके कुछ युवा अपराध की दुनिया में कदम रख दिए और वर्तमान में वे जेल में हैं।
केस :1 – सट्टे में हारने पर मुखबिर से बन गया अपराधी
गोरखपुर के खोराबार के कुसम्ही इलाके का रहने वाला शुभम मिश्रा पुलिस के लिए मुखबिरी करता था। उसे IPL में सट्टा खेलने की लत लग गई, 5 लाख कर्ज हो गया। रोज उधारी के लिए धमकियां मिलने लगी। फिर क्या था शुभम ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। 24 मई 2018 को उसने कुसम्ही बाजार में कास्मेटिक शॉप की दुकान चलाने वाले दुकानदार शेषनाथ जायसवाल के छत पर कार्बाइन रख दी और खुद क्राइम ब्रांच को सूचना दे दी।
पुलिस ने कार्बाइन बरामद किया और आरोपी शुभम मिश्रा भी पकड़ा गया। सामने आया कि जमीन के विवाद में शेषनाथ को असलहा तस्करी में फंसाने के लिए उसके भाई अमरजीत जायसवाल ने शुभम से कार्बाइन रखवाया था। शुभम ने बताया था कि उस पर आईपीएल सट्टे का कर्ज था। कार्बाइन रखने के लिए उसे 5 लाख मिले थे। पुलिस ने अमरजीत व रक्षवापार निवासी शुभम को जेल भेजा था। जमानत पर छूटने के बाद वर्तमान में शुभम की मौत हो चुकी है।
केस: 2- सट्टे में 3 लाख रुपए हारा तो करने लगा चोरी
गोरखपुर के खोराबार पुलिस ने 19 अप्रैल 2022 को चोरी के आरोपी कांशीराम आवासीय कालोनी निवासी संदीप गौड़ को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके घर के पत्नी नीलम की आलमारी से 7 लाख के गहने बरामद किए। पुलिस को संदीप ने बताया कि आईपीएल सट्टेबाजी में वह 3 लाख हार चुका था। उसी का कर्ज चुकाने के लिए वह चोरी कर रहा था। गहनों को वह पत्नी के आलमारी में रखता था।
केस:3- सट्टा खेल कर्ज हो गया ज्यादा तो कर लिया सुसाइड
10 अप्रैल 2017 को सहजनवां के तेनुआ टोल प्लाजा के पास फोरलेन पर जलती हुई कार में राजघाट के हरबंश गली निवासी सोना व्यापारी गोविंद अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल की मौत हुई थी। उस समय उसके हत्या की आशंका जताई जा रही थी। बाद में जब पुलिस ने पर्दाफाश किया तो पता चला कि नितिन आईपीएल में सट्टा खेलता था। उसपर 10 लाख से ज्यादा का कर्ज हो गया था। जिसके बाद वह पेट्रोल खरीदकर कार से निकला और फोरलेन पर कार लाक कर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी और सुसाइड कर लिया।
केस:4 -1 लाख का कर्ज हुआ तो करने लगा चेन स्नेचिंग
12 अप्रैल 2022 की सुबह गोरखपुर की कैंट पुलिस ने एनकाउंटर में लुटेरे शहजादे को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया। इस दौरान उसका एक साथी राजघाट के बसंतपुर निवासी सलाम फरार हो गया था। उसे भी पुलिस ने उसी दिन दोपहर में नौसढ़ से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के सामने लुटेरे सलाम ने जो कुछ बताया वह चौकाने वाला था। उसने बताया कि वह IPL में सट्टा खेलता था। उसपर सट्टे का 1 लाख रुपये कर्जा हो गया था। कर्ज चुकाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे, वह परेशान हो गया। इस दौरान 3 महीने पहले उसकी मुलाकात शातिर लुटेरे शहजादे से हुई।
उसने बताया कि ज्यादा पैसा मिलेगा और कर्ज भी चुकता हो जाएगा। जिसके बाद वह लुटेरे शहजादे के साथ लूट व चेन स्नेचिंग करने लगा। आपको बता दें कि शहजादे शातिर लुटेरा है उस पर 10 केस हैं वह दो बार जेल भी जा चुका है।
पहले भी कई आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
- 30 अप्रैल 2019 को गोरखनाथ पुलिस और क्राइम ब्रांच ने एप के जरिए आईपीएल में सट्टा लगवाने वाले जटेपुर दक्षिणी निवासी रवि गुप्ता, राकेश जायसवाल, राजेंद्रनगर निवासी प्रिंस चौबे और पुर्दिलपुर निवासी किशन यादव को गिरफ्तार किया था। वहीं चार लोग अजय यादव, अंकुर केसरवानी, शैलू गुप्ता और दानिश फरार हो गए थे। ये लोग मुंबई के गिरोह से जुड़कर सट्टा लगवाते थे। सट्टेबाज क्रिकेट बीट, क्विक बीट, बीट कूलर, ईसाई फाक्स समेत 12 एप के जरिए सट्टा लगवाते थे।
- 3 नवंबर 2020 को एसटीएफ ने कुशीनगर के झुगुआ निवासी रविशंकर प्रसाद और कसया निवासी प्रिंस कुमार जायसवाल और रत्नेश उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार किया था। सामने आया था कि ये बुकी हैं और इनका हेड बुकी कोलकता का रहने वाला है।
- 2014 और 2010 में भी कोतवाली इलाके में पकड़ा गया था। 2014 में कोतवाली पुलिस ने 6 सट्टेबाजों को पकड़ा था तो 2010 में तीन सट्टेबाज धराए थे। शहर के बलदेव प्लाजा, बेतियाहाता, धर्मशाला, सिंधड़िया, मोहद्दीपुर सहित तमाम क्षेत्रों में गोपनीय तरीके से सट्टे का खेल होता है।