‘शहर है या नरक’ आप तय कीजिए:फिरोजाबाद में खुले नाले दे रहे दर्द, नगर निगम की अनदेखी से बन गया नरक
शहर का नाम जुबां पर आते ही लोगों के जेहन में साफ-सुथरा वातावरण और गंदगी मुक्त शहर की कल्पना जागृत होने लगती है, लेकिन फिरोजाबाद शहर में लोग नरक जैसा जीवन जी रहे हैं। यहां खुले नाले लोगों को दर्द दे रहे हैं। नगर निगम की अनदेखी से शहर नरक बन गया है। खुले नालों को ढकने के लिए लोक नागरिक कल्याण समिति लगातार मांग करती आ रही है।
हुंडा वाला बाग बना तलैया
हुंडा वाले बाग में नालियों से जल निकासी न होने के कारण पानी तलैया में भर रहा है। नालियों से निकलने वाला गंदा पानी गंदगी, दुर्गंध और मच्छर दे रहा है। यहां सैकड़ों परिवारों के मकान जलभराव से घिरे हुए हैं। नगर निगम में शिकायत करने के बाद भी यहां के लोगों की समस्याएं कम नहीं हुई। इसके अलावा चंदवार गेट, रामनगर, संत नगर में भी नाले ढको अभियान चलाया गया।
नालों से निकलती है गैस
लोक नागरिक कल्याण समिति के सचिव सतेंद्र जैन सोली ने बताया, गंदे नालों से गैस निकलती है। जिससे इलेक्ट्रॉनिक सामान एसी, फ्रिज, टीवी, कूलर समेत अन्य उपकरण जल्दी खराब हो जाते हैं। वहीं, इससे निकलने वाली गैस लोगों को बीमार कर देती हैं। शहर में जगह-जगह पाइप लाइन लीकेज हो रही है। इससे अधिकांश मोहल्ले जलमग्न हो रहे हैं।
यदि नगर के नाले व नालियों को चेंबर बनाकर ढक दिया जाएगा तो नगर में जलभराव की समस्या का समाधान हो जाएगा, क्योंकि ढके हुए नाले-नालियों में कचरा जमा नहीं होगा। चेंबर के माध्यम से सफाई हो जाएगी तो नाले और नालियां की सतह खाली रहेगी। जिस कारण जलभराव की समस्या का समाधान हो जाएगा। लेकिन, नगर निगम के कमजोर नेतृत्व के कारण ऐसा हो नहीं हो पा रहा है।
यह रहे शामिल
इस अभियान में विजय टाइगर, डॉ. डीआर वर्मा, डॉ. प्रमोद यादव, मुकेश गुप्ता, सोमचंद गुप्ता, मनोज हैदराबाद, अवधेश राजोरिया, मयंक भटनागर, प्रोफेसर यूएस पांडे, अनुपम शर्मा, करण कुमार, सुमतेस जैन समेत अन्य शहर वासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।