चुनाव से पहले पात्र और चुनाव बाद अपात्र? … सांसद वरुण गांधी ने फिर अपनी सरकार को घेरा,
राशन कार्ड गाइडलाइंस पर उठाए सवाल…..
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी सरकार को घेरा है। इस बार का मुद्दा है- राशन कार्ड के नए नियम। वरुण गांधी ने राशन कार्ड की गाइडलाइन पर शनिवार को ट्वीट कर सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। वरुण गांधी ने लिखा- ‘चुनाव से पहले पात्र और चुनाव के बाद अपात्र ? जनसामान्य के जीवन को प्रभावित करने वाले सभी मानक अगर चुनाव देखकर तय किए जाएंगे तो सरकारें अपनी विश्वसनीयता खो बैठेंगी। चुनाव खत्म होते ही राशन कार्ड खोलने वाले करोड़ों देशवासियों की याद सरकार को कब आएगी। शायद अगले चुनाव में।
पेंशन बहाली पर भी सरकार को घेरा था
वरुण ने पुरानी पेंशन के लिए चल रहे आंदोलन को सही ठहराया था। वरुण ने लिखा था कि- ‘76 लाख सरकारी कर्मचारी अपनी वृद्धावस्था में आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने वाली पुरानी पेंशन योजना की बहाली हेतु आंदोलन की राह पर हैं। मैं इसे एक न्यायपूर्ण एवं मानवीय मांग मानता हूं।’
अगली लड़ाई रोजगार की होगी: वरुण
इससे पहले भी वरुण गांधी ने सरकार के विरोध में चल रहे तमाम आंदोलनों का समर्थन किया है। वरुण गांधी ने लखीमपुर हिंसा, किसानों की समस्या जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरा है। कुछ दिनों पहले पीलीभीत में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि अगली लड़ाई रोजगार की होगी। उन्होंने कहा था गांव, शहर के युवा बेरोजगार हैं। हमें बाकी चीजों को छोड़कर ये देखना चाहिए कि देश का भविष्य क्या होगा। देश में डेढ़ करोड़ पद खाली हैं। ये सभी नौकरियां नई नहीं हैं, बल्कि पहले से घोषित हैं, लेकिन भर्ती आज तक नहीं हुई है।
वरुण के वार, सरकार पर लगातार
- वरुण 19 दिसंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संविदा कर्मियों के कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां उनकी समस्याएं सुनी थीं।
- कृषि कानून के मुद्दे पर भी वरुण सरकार के लिए कई बार असहज स्थिति पैदा कर चुके हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार को कई बार लेटर लिखा था।
- वरुण गांधी ने एक किसान के फसल जलाने पर लिखा था कि- यूपी के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें आग लगा दी।
- गन्ना मूल्य को लेकर परोक्ष रूप से राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए वरुण ने कहा कि टिकट कटने के डर से पार्टी के नेता ऐसे मुद्दे नहीं उठाते। उन्हें इसका कोई डर नहीं है, क्योंकि उनके परिवार ने निर्दलीय भी चुनाव जीता है।