अमेरिका का जानलेवा बंदूक कल्चर, सब्जी खरीदने जितना आसान बंदूक खरीदना; 50 साल में गई 15 लाख जानें
अमेरिका के टेक्सास में एक एलिमेंट्री स्कूल में एक 18 वर्षीय लड़के द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग में 19 स्कूली बच्चों समेत 21 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बंदूक लॉबी पर भड़कते हुए कहा कि इस लॉबी के खिलाफ खड़े होने का वक्त आ गया है। अमेरिका में गन फायरिंग की घटनाएं हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं। इसकी वजह वहां के गन कल्चर को माना जाता है। अमेरिका में गन खरीदना दुनिया में सबसे आसान है और दुनिया में सबसे ज्यादा सिविल गन्स अमेरिका में ही हैं।
अमेरिका में फल और सब्जी खरीदने जैसा है बंदूक खरीदना
अमेरिका में गन कल्चर का इतिहास करीब 230 साल पुराना है। 1791 में संविधान के दूसरे संशोधन के तहत अमेरिका नागरिकों को हथियार रखने और खरीदने का अधिकार दिया गया। अमेरिका में इस कल्चर की शुरुआत तब हुई थी, जब वहां अंग्रेजों का शासन था। उस समय वहां स्थायी सिक्योरिटी फोर्स नहीं थी, इसीलिए लोगों को अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए हथियार रखने का अधिकार दिया गया, लेकिन अमेरिका का ये कानून आज भी जारी है।

अमेरिका में गन कल्चर दुनिया में सबसे ज्यादा कुख्यात है। माना जाता है कि यहां बंदूक खरीदना सब्जी और फल खरीदने जैसा है। अमेरिका में सैकड़ों ऐसे स्टोर, शॉपिंग आउटलेट और छोटी-छोटी दुकानें हैं, जहां बंदूकें बेची जाती हैं। पूरे अमेरिका में हर वीकेंड पर बंदूकों की प्रदर्शनी लगती है। वहां बंदूकें वॉलमॉर्ट जैसी बड़ी कंपनियों के स्टोर से लेकर छोटी दुकानों पर बिकती हैं।
अमेरिका में कोई भी आम आदमी आसानी से बंदूक खरीद सकता है। हथियारों के इस खुले लेन-देन में कोई जांच-पड़ताल नहीं होती। जांच केवल दुकान से बंदूक खरीदने पर ही होती है। बंदूक खरीदते समय खरीदार को एक फॉर्म में नाम, पता, जन्मतिथि और नागरिकता की जानकारी देनी होती है। बंदूक बेचने वाले खरीदार की जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी FBI से साझा करता है, जो बंदूक खरीदार के बैकग्राउंड की जांच करती है।

अमेरिका के द गन कंट्रोल एक्ट (GCA) के मुताबिक, राइफल या कोई भी छोटा हथियार खरीदने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अन्य हथियारों जैसे हैंडगन खरीदने की न्यूनतम उम्र 21 साल होनी चाहिए। वहां हथियार खरीदने के लिए ही नहीं, बल्कि बेचने वाले की भी उम्र 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
अमेरिका में केवल समाज के लिए खतरनाक, भगोड़े, नशे में संलिप्त, मानसिक रूप से बीमार और 1 साल से अधिक जेल और 2 साल से अधिक की सजा पाए लोगों को ही बंदूक खरीदने की इजाजत नहीं है।

दुनिया की 46% सिविलियन बंदूकें अकेले अमेरिका के पास
नागरिकों के बंदूक रखने के मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है। स्विट्जरलैंड के स्मॉल आर्म्स सर्वे यानी SAS की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में मौजूद कुल 85.7 करोड़ सिविलियन गन यानी बंदूकों में से अकेले अमेरिका में ही 39.3 करोड़ सिविलयन बंदूक मौजूद हैं। दुनिया की आबादी में अमेरिका का हिस्सा 5% है, लेकिन दुनिया की कुल सिविलियन गन में से 46% अकेले अमेरिका में हैं।
अक्टूबर 2020 में आए गैलप सर्वे के मुताबिक, 44% अमेरिकी वयस्क उस घर में रहते हैं, जहां बंदूकें हैं, इनमें से एक तिहाई वयस्कों के पास बंदूकें हैं।
दुनिया में केवल तीन ही देश ऐसे हैं, जहां बंदूक रखना संवैधानिक अधिकार है। अमेरिका, ग्वाटेमाला और मैक्सिको। हालांकि, अमेरिका की तुलना में ग्वाटेमाला और मैक्सिको में लोगों के पास काफी कम बंदूकें हैं। साथ ही पूरे मैक्सिको में केवल एक ही गन स्टोर है, जिस पर आर्मी का नियंत्रण है।

अमेरिका में वहां की आबादी से भी ज्यादा सिविलियन गन
SAS की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की जनसंख्या से ज्यादा वहां नागरिकों के पास बंदूकें, यानी सिविलियन गन हैं। अमेरिका की आबादी करीब 33 करोड़ है और वहां सिविलियन गन करीब 40 करोड़ हैं।
अमेरिका में हर 100 लोगों पर 120 बंदूकें उपलब्ध हैं। 2011 में ये संख्या प्रति 100 लोगों पर 88 बंदूकों की थी। अमेरिका के बाद इस मामले में दूसरे नंबर पर यमन है, जहां हर 100 लोगों पर 53 बंदूकें उपलब्ध हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 के दौरान अमेरिका में 75 लाख वयस्कों ने पहली बार बंदूक खरीदी। इससे अमेरिका में 1.1 करोड़ लोगों के घर में पहली बार बंदूक पहुंच गई, जिनमें 50 लाख बच्चे शामिल थे। इस दौरान पहली बार बंदूक खरीदने वालों में से आधी की खरीदार महिलाएं थीं, जबकि करीब 40% बंदूकें अश्वेतों ने खरीदीं।
अमेरिका में जानलेवा बनता बंदूक कल्चर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में बंदूक से हुई हिंसा की वजह से पिछले 50 वर्षों में 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। ये संख्या 1776 में अमेरिका की आजादी के बाद से पिछले करीब 250 सालों में अमेरिका के सभी युद्धों में मारे गए कुल सैनिकों की संख्या से भी ज्यादा है।
US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी CDC की रिपोर्ट के मुताबिक, औसतन अमेरिका में हर दिन 53 लोगों की मौत गन की वजह से होती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 79% हत्याएं बंदूकों से होती हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2002 से 2011 के बीच अमेरिका में बंदूक कल्चर की वजह से हर साल करीब 11 हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका बंदूक की वजह से होने वाली लोगों की हत्याओं के मामले में दुनिया में सबसे आगे है। 2019 में अमेरिका में बंदूक से हर 1 लाख लोगों में करीब 4 लोगों की हत्याएं हुईं, ये अन्य विकसित देशों की तुलना में 18 गुना ज्यादा हैं।
बंदूक से होने वाली प्रति व्यक्ति मौतों के मामले में भी अमेरिका सबसे आगे है। इस मामले में अमेरिका में कनाडा से 8 गुना ज्यादा, यूरोपियन यूनियन से 22 गुना और ऑस्ट्रेलिया से 23 गुना ज्यादा मौतें हुईं।
CDC के मुताबिक, 2020 में अमेरिका में बंदूक से संबंधित इंजरी से 45,222 लोगों की मौत हुई। 2019 में ऐसी मौतों की संख्या 38,355 थी।

मर्डर ही नहीं, आत्महत्या के भी मामले बढ़े
गन कल्चर की वजह से अमेरिका में न केवल लोगों की हत्याओं के मामले बढ़े हैं, बल्कि इससे आत्महत्या के भी केस बढ़े हैं। CDC की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में अमेरिका में बंदूक से 23 हजार से ज्यादा लोगों ने सुइसाइड किया था। ये इस दौरान दुनिया में बंदूक से आत्महत्या के कुल मामलों का 44% था। वहीं 2020 में ये आंकड़ा बढ़कर 24300 हो गया। UN के मुताबिक, 1990 से 2019 के बीच बंदूकों से सर्वाधिक आत्महत्या के केस अमेरिका में दर्ज हुए।

मास शूटिंग की घटनाओं में हजारों की मौत
अमेरिका में बंदूकों से होने वाली मास शूटिंग में एक साथ कई लोगों की हत्याओं की घटनाएं पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं, लेकिन अमेरिका में मास शूटिंग की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है।
FBI के मुताबिक, अमेरिका में 2000-2020 के बीच 345 ‘एक्टिव गोलीबारी की घटनाएं’ हुईं, जिनमें 1024 लोगों की मौत हुई और 1828 लोग घायल हुए। इनमें सबसे घातक हमला 2017 में लास वेगास में हुआ था, जिनमें 50 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
स्कूलों में गोलीबारी की सैकड़ों घटनाएं हो चुकी
एजूकेशन वीक की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 से अमेरिका में स्कूलों में 119 गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी हैं। अकेले 2022 में ही वहां स्कूलों में गोलीबारी की 27 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 140 की मौत हुई है। 2021 में गोलीबारी में 250 लोगों को निशाना बनाया गया था, जिनमें से 103 लोगों की मौत हो गई थी।
अमेरिका में क्यों नहीं लग पाती गन कल्चर पर लगाम
अमेरिका 230 साल बाद भी अपने गन कल्चर को नहीं खत्म कर पाया है। इसकी दो प्रमुख वजहें हैं। पहली- कई अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर वहां के राज्यों के गवर्नर तक इस कल्चर को बनाए रखने की वकालत करते रहे हैं। थियोडेर रूजवेल्ट से लेकर फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट, जिमी कार्टर, जॉर्ज बुश सीनियर, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और डोनाल्ड ट्रंप तक कई अमेरिकी राष्ट्रपति गन कल्चर की तरफदारी करते रहे हैं।
गैलप की 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डेमोक्रेटिक पार्टी के 91% सदस्य सख्त गन लॉ बनाने के पक्ष में थे, तो वहीं रिपलब्किन पार्टी के 24% लोग ही इसके पक्ष में थे। जो बाइडेन डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रंप रिपलब्किन से हैं।
दूसरी वजह गन बनाने वाली कंपनियां, यानी गन लॉबी भी इस कल्चर के बने रहने की प्रमुख वजह है। 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 63 हजार लाइसेंस्ड गन डीलर थे, जिन्होंने उस साल अमेरिकी नागरिकों को 83 हजार करोड़ रुपए की बंदूकें बेची थीं।
नेशनल राइफल एसोसिएशन यानी NRI अमेरिका में सबसे ताकतवर गन लॉबी है, जो वहां संसद सदस्यों को प्रभावित करने के लिए जमकर पैसा खर्च करती है। ये ताकतवर लॉबी गन कल्चर को खत्म करने के लिए प्रस्तावित दूसरे संविधान संशोधन में बदलावों का विरोध करती रही है।
अमेरिका के कई चुनावों में वहां की गन समर्थक लॉबी, गन पर बैन लगाने की मांग वाली लॉबी की तुलना में ज्यादा पैसा खर्च करती रही है। 2020 में गन समर्थक लॉबी ने करीब 3.2 करोड़ डॉलर खर्च किए थे, जबकि गन का विरोध करने वाली लॉबी 2.2 करोड़ डॉलर खर्च कर पाई थी।
कई अमेरिकी राज्य भी बंदूक से जुड़े प्रतिबंधों को हटाते रहे हैं। जून 2021 में टेक्सास ने एक बिल पारित करते हुए अपने नागरिकों को बिना लाइसेंस और ट्रेनिंग के हैंडगन रखने की इजाजत दे दी थी। अप्रैल 2021 में एक और अमेरिकी राज्य जॉर्जिया ने बिना परमिट और लाइसेंस के ही नागरिकों को हथियार रखने की इजाजत दे दी थी।
अमेरिकी के 48% लोग मानते हैं गन वायलेंस को बड़ी समस्या
Pew रिसर्च सेंटर के अप्रैल 2021 के सर्वे में करीब आधे अमेरिकी लोगों ने गन वायलेंस, यानी बंदूक से हिंसा को देश के लिए बड़ी समस्या माना था। लोगों ने गन वायलेंस की समस्या को बजट घाटा (49%), हिंसक अपराध (48%), अवैध अप्रवास (48%) और कोरोना वायरस संकट (47%) जितनी बड़ी समस्या माना था।
