पदोन्नति नहीं मिलने से परेशान केंद्रीय सचिवालय सेवा के 13000 अधिकारी !

CSS: पदोन्नति नहीं मिलने से परेशान हैं केंद्रीय सचिवालय सेवा के 13000 अधिकारी, 13 साल में नहीं मिल रही प्रमोशन

सीएसएस फोरम के महासचिव आशुतोष मिश्रा के मुताबिक, 13000 से ज्यादा अधिकारी, अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्हें समय पर पदोन्नति नहीं दी जा रही। केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में करीब 2600 अतिरिक्त पदों की आवश्यकता है। इस बाबत सभी विभागों ने डीओपीटी को यह सूची मुहैया कराई है।
पदोन्नति नहीं मिलने से परेशान केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारी …
केंद्र सरकार की रीढ़ कही जाने वाली केंद्रीय सचिवालय सेवा ‘सीएसएस’ के अधिकारी, पदोन्नति के मोर्चे पर लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। इन्हें 13 साल में भी पहली प्रमोशन नहीं मिल पा रही है। ‘सीएसएस फोरम’ (केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारियों की एसोसिएशन) ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डीओपीटी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का आभार जताया है, लेकिन साथ ही आग्रह किया है कि सीएसएस के अधिकारियों को समय पर पदोन्नति दी जाए। 

क्या है सीएसएस फोरम की मांग?
सीएसएस फोरम की मांग है कि सीआरसी की रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू किया जाए। सीआरसी की रिपोर्ट प्रस्तुत करने और उसके कार्यान्वयन में हो रही देरी से सीएसएस अधिकारी, पदोन्नति की राह पर पिछड़ गए हैं। केंद्रीय सचिवालय सेवा में कैडर रिव्यू के अलावा समयबद्ध प्रमोशन, एनएफयू, प्रतिनियुक्ति पर पाबंदी और सीएसएस डे, जैसे कई मुद्दे पिछले 12 वर्षों से लंबित पड़े हैं।

‘अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं अधिकारी’
सीएसएस फोरम के महासचिव आशुतोष मिश्रा के मुताबिक, 13000 से ज्यादा अधिकारी, अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्हें समय पर पदोन्नति नहीं दी जा रही। केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में करीब 2600 अतिरिक्त पदों की आवश्यकता है। इस बाबत सभी विभागों ने डीओपीटी को यह सूची मुहैया कराई है। इसमें एएसओ, एसओ, अंडर सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर के पद शामिल हैं। एक तरफ सीएसएस अधिकारियों को तय समय पर पदोन्नति नहीं मिल पा रही है तो दूसरी ओर रिक्त पदों को नहीं भरा जा रहा। सीएसएस अधिकारी, ‘कैडर पुनर्गठन समिति’ (सीआरसी) की रिपोर्ट को शीघ्र जमा करने और उसे अविलंब लागू करने की मांग कर रहे हैं। 

‘सीएसएस कैडर के तहत अतिरिक्त पदों की जरूरत’
केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों/विभागों में जनशक्ति की आवश्यकता का आकलन करने के लिए अक्तूबर, 2022 में एक कैडर पुनर्गठन समिति बनाई गई थी। गहन विचार-विमर्श के बाद सभी विभागों ने दो तीन वर्ष पहले ही अपनी आवश्यकताएं समिति को भेज दी थीं। आरटीआई से उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दो तीन साल पहले केवल बीस विभागों के लिए ही 2500 से अधिक जनशक्ति की आवश्यकता थी। यदि सभी विभागों के आंकड़ों पर विचार किया जाए तो यह संख्या बहुत बड़ी होगी। केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों/विभागों ने सीएसएस कैडर के तहत अतिरिक्त पदों की जरूरत बताई है। ऐसे पदों की संख्या 2600 से अधिक है। इनमें सहायक सेक्शन अफसर, सेक्शन अफसर, अंडर सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और संयुक्त सचिव के पद शामिल हैं। जनशक्ति की कमी से विभागों में दक्षता प्रभावित हो रही है। दक्षता में कमी, पीएम मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा है।

13 साल से कर रहे हैं पदोन्नति का इंतजार
सीएसएस फोरम के महासचिव ने कहा, केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारी, पदोन्नति में पिछड़ रहे हैं। अंडर सेक्रेटरी को डिप्टी सेक्रेटरी के पद तक पहुंचने में 13 साल लग रहे हैं। मौजूदा समय में लगभग 1200 अंडर सेक्रेटरी ऐसे हैं, जो डिप्टी सेक्रेटरी बनने की सभी योग्यताएं पूरी करते हैं। लंबे समय से इन्हें पदोन्नति का इंतजार है। लगभग 100 डिप्टी सेक्रेटरी ऐसे हैं, जिन्होंने डायरेक्टर बनने के सभी पड़ाव पार कर लिए हैं, मगर ये सभी अधिकारी एक ही पद पर काम करने को मजबूर हैं। डेढ़ वर्ष से कैडर समीक्षा रिपोर्ट लंबित है। केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों/विभागों ने केंद्रीय सचिवालय सेवा के तहत अतिरिक्त पदों की आवश्यकता बताई है।

किस विभाग में कितने पदों की जरूरत?
व्यय विभाग में 18 पदों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। स्किल डेवेलपमेंट मंत्रालय में 172, केंद्रीय गृह मंत्रालय में 460, सांख्यिकी मंत्रालय में 91, जल शक्ति मंत्रालय में 76, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में 95, उच्च शिक्षा विभाग में 125, साइंस एवं टेक्नोलॉजी विभाग में 11, स्वास्थ्य मंत्रालय में 384, खाद्य आपूर्ति मंत्रालय में 41, विधायी विभाग में 5, टेलीकॉम में 230, युवा मामलों के मंत्रालय में 100, नागरिक उड्डयन मंत्रालय में 34, कृषि मंत्रालय में 147, इंटरस्टेट काउंसिल में 5, सामाजिक न्याय विभाग में 81, राजस्व विभाग में 57, जनजातीय मामलों के मंत्रालय में 32, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में 197 पदों की आवश्यकता है। कानूनी मामले विभाग में 107 पदों की जरूरत बताई गई है।

रक्षा मंत्रालय में 116 अतिरिक्त पदों की आवश्यकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में केंद्रीय सचिवालय सेवा के जिन पदों की आवश्यकता बताई गई है, उनमें डिप्टी सेक्रेटरी के 20 पद, अंडर सेक्रेटरी के 50, सेक्शन अफसर के 90 और एएसओ के 300 पद शामिल हैं। इसी तरह उच्च शिक्षा विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी के 5 पद, अंडर सेक्रेटरी के 10, सेक्शन अफसर के 20 और एएसओ के 90 पदों की आवश्यकता बताई गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के 17, अंडर सेक्रेटरी के 18, एसओ के 12 और एएसओ के 48 पद शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के 24, अंडर सेक्रेटरी के 50, सेक्शन अफसर के 100 और एएसओ के 210 पद शामिल हैं। टेलीकॉम विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी के 4, अंडर सेक्रेटरी के 26, एसओ के 50, एएसओ के 61, एसएसए के 69 और जेएसए के 20 पदों की जरुरत बताई गई है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी से ज्वाइंट सेक्रेटरी के 4, अंडर सेक्रेटरी 7, एसओ के 9, एएसओ के 35 और स्टेनो के 142 पदों की जरुरत है। रक्षा मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के 8, अंडर सेक्रेटरी के 23, एसओ के 32, एएसओ के 38, एसएसए के 5 और जेएसए के 9 अतिरिक्त पदों की आवश्यकता है। सामाजिक न्याय विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी/डायरेक्टर के 7 पद, अंडर सेक्रेटरी के 13, एसओ के 13 और एएसओ के 48 पदों की आवश्यकता है। कानूनी मामले विभाग में एएसओ के 75, एसओ के 22, अंडर सेक्रेटरी के 8 और डिप्टी सेक्रेटरी/डायरेक्टर के 2 पद शामिल हैं।

जल शक्ति मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के 5, अंडर सेक्रेटरी के 3, एसओ के 18 और एएसओ के 50 अतिरिक्त पदों की डिमांड आई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के 17, अंडर सेक्रेटरी के 18, एसओ के 12 और एएसओ के 48 पद शामिल हैं। स्किल डेवेलमेंट मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के 9 पद, अंडर सेक्रेटरी के 25, एसओ के 45 और एएसओ के 93 पदों की आवश्यकता बताई गई है।

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