राजस्थान, दिल्ली और झारखंड में अचानक गायब हुई बीयर, कई राज्यों में 25% तक क्यों बढ़े दाम?

सबसे पहले तीन खबरों की हेडिंग पढ़िए…

पहली खबरः चिलचिलाती गर्मी से दिल्ली में हुई बीयर की भारी कमी, दुकानों से लोकप्रिय ब्रांड्स हुए गायब

दूसरी खबरः झारखंड में शराब के डियर को नहीं मिल रहा बीयर, कालाबाजारी से गिर रहा रेवेन्यू

तीसरी खबरः भीषण गर्मी में नहीं मिल रही चिल्ड बीयर, स्टॉक खत्म होने से परेशान राजस्थान के शराब विक्रेता

ये तीन खबरें तो सिर्फ बानगी हैं। इस चिलचिलाती गर्मी में कोल्ड बीयर का टोटा भारत के कई राज्यों में हो चुका है। यहां सवाल ये है कि अचानक बीयर की कमी कैसे हो गई? चलिए आज के भास्कर इंडेप्थ में जानते हैं…

भारत के अलग-अलग राज्यों में बीयर की मौजूदा स्थिति

  • कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया एल्कोहलिक बेवरेज कंपनी (CIABC) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में हर साल 756 करोड़ बीयर कैन की बिक्री होती है। इनमें से 40% बीयर की बिक्री गर्मी के महीने अप्रैल, मई, जून और जुलाई के बीच होती है।

इस साल समय से पहले मार्च में ही पड़ने वाली भारी गर्मी की वजह से 30% बीयर की मांग बढ़ी। इसकी वजह से दिल्ली में शराब की भारी कमी हो गई है।
  • झारखंड में भी बीयर की भारी कमी सामने आ रही है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले 15 दिनों से पूरे झारखंड में अधिकांश ठेके आउट ऑफ स्टॉक हो गए हैं। झारखंड में बीयर की प्रतिदिन करीब 4 लाख पेटी की जरूरत है, जबकि 35 से 40 हजार पेटी बीयर ही उप्लब्ध हो रही है।
  • राजस्थान स्टेट बेवरेजेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RSBCL) ने शनिवार को पूरे राज्य भर में शराब की भारी कमी का दावा किया है। राजस्थान में प्रति दुकानदार हर रोज 1,000 कैन बीयर की मांग है, जबकि 240 कैन बीयर ही हर दुकानदार को उप्लब्ध हो रही है। इस हिसाब से देखें तो राजस्थान 4.8 करोड़ कैन बीयर का हर महीने खपत है, जबकि इस समय 2.4 करोड़ कैन ही दुकानदारों तक सप्लाई हो रही है।
  • बंगाल की सरकारी संस्था BEVCO ने भी कहा है कि इस साल मार्च के महीने में मांग अचानक बढ़ने की वजह से राज्य में बीयर की कमी हो गई है। अप्रैल महीने में राज्य में 2.5 करोड़ बीयर बोतल की मांग है, लेकिन आपूर्ति 40% तक कम होने की वजह से राज्य में बीयर की कमी हो गई है।
गर्मी में बढ़ती मांग के बीच लागत बढ़ने की बात कहकर बीयर बनाने वाली कंपनियों ने हरियाणा और तेलंगाना की तरह बाकी राज्यों में15% तक दाम बढ़ाने की बात कही है।
गर्मी में बढ़ती मांग के बीच लागत बढ़ने की बात कहकर बीयर बनाने वाली कंपनियों ने हरियाणा और तेलंगाना की तरह बाकी राज्यों में15% तक दाम बढ़ाने की बात कही है।

अचानक से आखिर क्यों हुई शराब या बीयर की किल्लत?

मार्च में गर्मी आते ही अचानक बीयर की खपत बढ़ने से कई राज्यों में शराब या बीयर की किल्लत हो गई है। इसकी 3 मुख्य वजह सामने आ रही हैं…

  • वेदर
  • सप्लाई चेन
  • न्यू एक्साइज पॉलिसी

अब इन तीनों ही वजहों के बारे में एक-एक कर जानते हैं-

वेदरः गर्मी ने तोड़ा 122 साल का रिकॉर्ड तो बढ़ी बीयर की मांग

इस साल मार्च के महीने में पिछले 122 सालों में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी है। आमतौर पर अप्रैल या मई में हर साल तापमान 45 डिग्री के पार जाता था, लेकिन इस साल देश के कई जगहों पर मार्च में ही तापमान 48 डिग्री तक दर्ज किया गया है। गर्मी बढ़ने की वजह से मार्च में ही बीयर की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई। ऐसे में अचानक से शराब और बीयर की मांग बढ़ने की वजह से दुकानदार बीयर की स्टॉक नहीं कर पाए और देश में इसकी कमी हो गई।

सप्लाई चेनः दिल्ली में डिस्टलरी प्लांट नहीं होने से कम हुई सप्लाई

CIABC के डायरेक्टर जनरल विनोद गिरी ने कहा कि बीयर की कमी के लिए सप्लाई चेन 3 वजहों से जिम्मेदार है-

  • दिल्ली में शराब का डिस्टलरी प्लांट नहीं है या इसकी कमी है। वहीं, राजस्थान और दूसरे राज्यों में मार्च से पहले प्रोडक्शन बढ़ाकर स्टॉक नहीं किया गया, जिसकी वजह से गर्मी बढ़ते ही इन राज्यों में बीयर की किल्लत हो गई।
  • CIABC के डायरेक्टर जनरल विनोद गिरी के अनुसार ज्यादातर डिस्टलरी प्लांट राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और जम्मू में हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा शराब UP से आती है।
  • इस साल मार्च महीने में गर्मी बढ़ते ही UP, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों ने दिल्ली के लिए एक्सपोर्ट बंद कर दिया तो सप्लाई चेन प्रभावित होने से यहां शराब की कमी हो गई। इसी तरह दूसरे राज्यों में मार्च के पहले दुकानदार बीयर की स्टॉक नहीं कर पाए।

न्यू एक्साइज पॉलिसीः सरकारी नियमों ने दुकानदारों को बीयर स्टॉक करने से रोका

एक्सपर्ट दिल्ली में बीयर की कमी होने की एक वजह दिल्ली सरकार की नई एक्ससाइज पॉलिसी को भी मानते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार बीयर बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि नई एक्ससाइज पॉलिसी आने के बाद 2 अप्रैल को दिल्ली सरकार ने इंपोर्ट किए जाने वाले विदेशी शराब पर 25%, देशी शराब पर 15% और बीयर पर 10% तक छूट देने का ऐलान किया।

साथ ही इस नई पॉलिसी में कई ऐसे नियम थे जिसकी वजह से दुकानदारों ने ज्यादा बीयर स्टॉक करने में इंट्रेस्ट नहीं लिया। यही वजह है कि नई एक्साइज पॉलिसी भी बीयर की कमी की एक वजह बनी है। दिल्ली की तरह ही झारखंड में भी 30 मार्च से खुदरा और थोक शराब या बीयर की बिक्री के नियमों में बदलाव को एक्सपर्ट राज्य में बीयर की कमी की एक वजह बता रहे हैं।

हरियाणा और तेलंगाना में बीयर की कीमत में 25% तक वृद्धि

चिलचिलाती गर्मी के बीच बीयर के दाम देश के कई राज्यों में बढ़ सकते हैं। तेलंगाना सरकार ने पिछले दिनों 20% से 25% तक शराब या बीयर की कीमत बढ़ा दी। इसी तरह हरियाणा सरकार ने भी मार्च के महीने में 10% तक शराब और बीयर की कीमत बढ़ा दी है।

अब बीयर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी ब्रुअर्स ने भी 27 अप्रैल को बीयर की कीमत 10% से 15% तक बढ़ाने की बात कही है। कंपनी का कहना है कि रूस और यूक्रेन जंग की वजह से जौ की कीमत में 65% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन की कीमत भी बढ़ी है। ऐसे में बीयर की कीमत बढ़ाया जाना चाहिए।

अब जानते हैं कि गर्मी में ही क्यों बढ़ जाती है बीयर की मांग

लोग गर्मी के दिनों में सॉफ्ट ड्रिंक, बीयर या आईसक्रीम खाकर राहत महसूस करते हैं। ऐसा क्यों होता है? दरअसल, हमारे शरीर के अंदर हम जो कुछ भी खाते-पीते हैं, उसे पचाने के लिए एक केमिकल प्रोसेस चलता है, जिसे मेटाबॉलिज्म कहते हैं। इस प्रोसेस की वजह से शरीर में गर्मी पैदा होती है। जैसे गाड़ी में पेट्रोल के जलने से हीट या एनर्जी पैदा होती है, वैसे ही शरीर के कोशिकाओं को मेटाबॉलिज्म प्रोसेस से एनर्जी मिलती है।

मेटाबॉलिज्म की वजह से हमारा शरीर खुद के अंदर गर्मी को हर मौसम में संतुलित रखने में सक्षम है। जब मौसम ठंडा हो तो शरीर के अंदर मेटाबॉलिज्म से पैदा होने वाले गर्मी का पता नहीं चलता है, लेकिन गर्मी के दिनों में बाहर का तापमान बढ़ते ही शरीर को ओवरहीटिंग से बचने के लिए कुछ ठंडा खाने या पीने का मन करता है।

इसी वजह से लोग आईसक्रीम, बीयर या कोल्ड ड्रिंक पीना पसंद करते हैं, जो अंदर डाइजेस्टिव सिस्टम को ठंडा महसूस कराता है। हालांकि, इससे कुछ मिनट ही राहत मिलने की ही संभावना होती है।

बीयर पीने से क्यों डाइजिस्टिव सिस्टम ठंडा महसूस करता है?

दरअसल, कोल्ड ड्रिंक या बीयर की बोतल में कार्बन डाईऑक्साइड गैस (CO2) मिली होती है। इस गैस को बीयर में मिलाने की 3 वजह है-

  • कार्बन डाई ऑक्साइड गैस बीयर या कोल्ड ड्रिंक में आसानी से घुल जाती है। जो बुलबुले के रूप में बोतल में नजर आता है।
  • कार्बन डाई ऑक्साइड आपस में पानी के साथ मिलकर कार्बोनिक एसिड बनाते हैं। जिससे अलग तरह का स्वाद मिलता है।
  • इस गैस को ड्राई आईस या सूखी बर्फ भी कहते हैं। इसकी वजह से कोल्ड ड्रिंक को ठंडा रखना संभव होता है।

जब हम बीयर या कोल्ड ड्रिंक पीते हैं तो पेट में पहुंचते ही इसमें घुली हुई कार्बन डाईऑक्साइड वापस गैस के रूप में परिवर्तित होती है और डकार के जरिए बाहर निकल जाती है। इससे शरीर दो तरह से राहत महसूस करता है-

1. पहला- पेट में ठंडा कोल्ड ड्रिंक जाते ही मेटाबॉलिज्म से पैदा होने वाली गर्मी से पाचन तंत्र को राहत मिलती है।

2. दूसरा- ठंडा पीने के बाद डकार में घुली हुई कार्बन डाईऑक्साइड के साथ पाचन तंत्र की थोड़ी गर्मी भी बाहर निकलती है तो इससे लोग कुछ मिनट के लिए राहत महसूस करते हैं।

अब आखिर में बीयर से जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स पर एक नजर डाल लेते हैं…

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