धोखाधड़ी का मामला ? …. जो अस्पताल ही नहीं गए, ऐसे 62 लोगों को मरीज बताकर आयुष्मान योजना में किया लाखों का फर्जीवाड़ा

भोपाल के वैष्णो मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के संचालक विवेक परिहार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज …

राजधानी के एक प्राइवेट अस्पताल में 62 फर्जी मरीज भर्ती बताकर आयुष्मान योजना में सरकार से करोड़ों रुपए लेने का मामला उजागर हुआ है। अस्पताल ने 32 ऐसे लोगों को मरीज बताकर उनके इलाज के नाम पर सरकार से पैसे ले लिए, जो इस अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए। इसी तरह 30 ऐसे अन्य मरीजों को भी भर्ती बताया, जो वहां पहुंचे ही नहीं।

आयुष्मान भारत योजना की टीम की जांच में इस धांधली का खुलासा हुआ। सरकार ने इस अस्पताल का 50 लाख रुपए का भुगतान रोक लिया है। अस्पताल के संचालक विवेक परिहार पर क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। मामला खजूरीकलां रोड पर कृष्णा नगर स्थित वैष्णो मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल का है।

यह अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में इम्पैनल्ड है। यहां आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज मुफ्त में होता है। इलाज का बिल अस्पताल की ओर से सरकार को भेजा जाता है। पिछले एक साल में अस्पताल ने डेढ़ करोड़ रुपए का क्लेम किया, जिसमें से लगभग 1 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। गौरतलब है कि आयुष्मान योजना में पिछले एक साल में 60 अस्पतालों के खिलाफ ऐसी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।

ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

एसएचए के कॉल सेंटर से इस योजना से जुड़े अस्पतालों में भर्ती मरीजों को फोन लगाकर पूछा जाता है कि उनका इलाज हुआ या नहीं। वैष्णो अस्पताल के पोर्टल पर दर्ज 152 मरीजों से टीम ने बात की। इनमें से 32 ने कहा कि वे कभी वहां गए ही नहीं। अन्य ने कहा कि वे अस्पताल तो गए थे, पर इलाज नहीं करवाया।

अंगूठे के निशान से किया फर्जीवाड़ा

अस्पताल प्रबंधन ने जिन लोगों को मरीज बताया था, उनसे पूछताछ में पता चला कि अस्पताल से उन्हें आयुष्मान कार्ड अपडेट कराने के नाम पर बुलाया था। अस्पताल में उनके अंगूठे काे स्कैन किया, जिससे उनके आधार नंबर का पता चल गया। तभी उन लोगों के आयुष्मान कार्ड डाउनलोड कर लिए गए। टीम ने 27 मई को अस्पताल जाकर जांच की तो पता चला कि प्रबंधन ने ऐसे आयुष्मान कार्डधारकों को भर्ती बताकर उनके इलाज का क्लेम मांग लिया, जो वहां भर्ती ही नहीं हुए थे। इसे फेंटम बिलिंग कहा जाता है।

वैष्णो मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल ने सरकारी योजना का पैसा गलत तरीके से लिया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए भी हम विभाग को लिखेंगे। अस्पताल का 50 लाख का पेमेंट रोक दिया है। पैसों की वसूली अस्पताल से की जाएगी। -अनुराग चौधरी, सीईओ, आयुष्मान भारत, मप्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *