भिंड : CCTV में रेत वाहन न हो कैद, 30 लाख कीमत के लहार कस्बे के कैमरे ही बंद ….

रेत माफियाओं का एक ओर कारनामा …?

भिंड के लहार नगर की सुरक्षा के लिए 30 लाख कीमत के कैमरे लगवाए गए। ये कैमरे लगाए जाने के बाद छह महीने तक भी नहीं चल सके। कैमरे लगाए जाने के बाद रेत माफियाओं को खटकने लगे और उन्होंने लहार क्षेत्र के सभी कैमरों को बंद करवा दिया। हालांकि नगर पालिक द्वारा लगाए गए कैमरे कागजों में पूरी तरह संचालित हो रहे है, परंतु जमीनी हकीकत कुछ ओर बयां कर रही है। ये सब सरकारी तंत्र के साथ घुसपैठ बनाए बैठे रेत माफियाओं के इशारे पर हुआ है यही कारण है कि पिछले कई महीनों से बंद कैमरों चालू कराए जाने में स्थानीय अफसरों ने रूचि नहीं दिखाई।

लहार क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डेढ़ साल पहले लहार नगर पालिका की ओर से 32 कैमरे लगाए गए थे। ये कैमरे लहार कस्बे के मुख्य स्थानों पर लगे थे। महाराणा प्रताप चौराहे लेकर वैशपुरा रोड घंटा घर, लोहिया चौक, पचपेड़ा तिराहा समेत मुख्य बाजार में कई जगह कैमरों को लगाया गया। इन कैमरों के लगने के बाद स्थानीय व्यापारियों ने व्यापार सुरक्षित होने की आस लगाई थी। ये कैमरे लगने के बाद कैमरों की केबल काटकर बंद होने लगे। वर्तमान में लहार कस्बे के अधिकांश कैमरे बंद है। इन कैमरों का कंट्रोल रूम लहार थाना है। अब तक पुलिस और नगर पालिका प्रशासन की ओर से कैमरों को ठीक कराए जाने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

सबसे पहले महाराणा प्रताप चौराहे के कैमरा हुआ बंद

लहार थाना क्षेत्र में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों में सबसे पहले महाराणा प्रताप चौराहे का कैमरा बंद किया गया। ये कैमरा बंद होने के पीछे कारण यह है कि पर्राचय, अजनार, मड़ोरी रेत खदानों से वाहन लहार क्षेत्र में महाराणा प्रताप चौराहे पर पहुंचते हैं। यहां ये यूपी व दूसरे रास्तों के लिए रवाना होते हैं। यहां पर रेत वाहनों से अवैध उगाई करने वाले पुलिस व प्रशासन के कटर मौजूद रहते है जोकि इन रेत वाहनों से अवैध उगाई करते है। रेत माफिया व कटरों की हरकत कैमरे में कैद न हो। इसलिए सबसे पहले महाराणा प्रताप चौराहे का कैमरा बंद किए गया।

एक-दूसरे पर टालते अफसर

जब इस मामले में प्रशासनिक अफसरों से बातचीत की गई तो पुलिस विभाग के अफसर कैमरों को नगर पालिका के होना बताते है। इसलिए बंद कैमरे नगर पालिका द्वारा ठीक कराए जाने की जवाबदेही ठहराई जाती है। वहीं नगर पालिका अफसर भी पुलिस विभाग के पाले में गेंद डालते हुए कह रहे है कि पुलिस अफसरों को बंद कैमरे ठीक कराना चाहिए। क्योंकि वो मॉनीटरिंग कर रहे है। यद्पि कैमरे बंद हाेने की जानकारी नगर पालिका को दी गई होती तो अब तक ठीक कराए जा चुके होते।

कैमरे बंद है मुझे जानकारी नहीं

  • कैमरों की निगरानी पुलिस द्वारा की जाती है। कैमरे बंद है। इस बात की जानकारी मुझे नहीं है। पुलिस विभाग द्वारा ठीक कराए जाने थे। या फिर नगर पालिका को लिखित सूचना दी जानी थी। जल्द ही कैमरों को ठीक कराया जाएगा।

-महेश पुरोहित, सीएमओ, नगर पालिका, लहार,

कैमरे बंद है जल्द ठीक कराए जाएंगे

  • लहार कस्बे में तीस लाख के करीब कीमत के कैमरे लगे हुए है। अधिकांश कैमरे बंद है। सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए उन्हें जल्द ठीक कराया जाएगा।

– आरए प्रजापति, एसडीएम, लहार, भिंड

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