टैक्स चोरी करने का मामला …. ?
78 दल तीन साल से ऑडिट रिपोर्ट नहीं दे रहे; दो साल में ही 200 छोटे दलों ने 1053 करोड़ रुपए का चंदा बटोरा….
राजनीतिक दलों को चंदा देकर टैक्स चोरी करने के मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। करीब 200 छोटे व क्षेत्रीय दलों ने दो साल में चंदे के रूप में 1053 करोड़ रुपए लिए और इस राशि पर करदाताओं ने आयकर छूट के लिए क्लेम भी लगा दिए।
इन दलों ने सालाना ऑडिट और अकाउंट स्टेटमेंट की रिपोर्ट भी नियमित रूप से आयोग को नहीं सौंपी। इनमें कुछ दल तो ऐसे हैं, जिन्होंने बिना कोई ब्योरा दिए 100 से 150 करोड़ रुपए की छूट क्लेम की है। चुनाव आयोग ने भी इन दलों को नोटिस जारी कर दिए हैं। आयोग की दो साल की जांच में यह भी सामने आया है कि देशभर में ऐसे दलों की संख्या 2174 है, जबकि पंजीकृत दलों की संख्या 2768 है।
यानी ये 2174 दल टैक्स चोरी का बड़ा माध्यम बने हुए हैं। करदाताओं से कमीशन लेकर चंदे की रसीद से उनका टैक्स बचाने में मदद कर रहे। इन 2174 दलों ने अपनी कन्ट्रीब्यूशन रिपोर्ट भी आयोग को नहीं दी है। इनमें से 84 दल मप्र से जुड़े हैं।
ऐसे 78 दल और हैं, जो दो साल से सालाना ऑडिट रिपोर्ट भी नहीं दे रहे। आयकर विभाग व चुनाव आयोग जांच कर रहा है कि किन दलों ने चंदाखोरी कर राशि करदाताओं को लौटाई है। उन करदाताओं की संख्या, टैक्स चोरी का आंकड़ा भी निकाला जा रहा है।