कश्मीर पंडितों के लिए नई स्कीम को मिली मंजूरी, ट्रांसफर पोस्टिंग और प्रमोशन का मिलेगा तोहफा
घाटी में टारगेटेड किलिंग की घटनाओं के बाद विरोध कर रहे कश्मीरी पंडितों के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा की है. पीएम पैकेज के तहत घाटी में पदस्थ कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए नई स्कीम को मंजूरी दे दी है.
- टारगेट किलिंग के बाद उपराज्यपाल ने उठाया बड़ा कदम
- परिवार की सुरक्षा को लेकर कश्मीर पंडित अब भी हैं चिंतित
- पीएम पैकेज स्कीम के तहत तैनात कश्मीर पंडितों को लाभ
श्रीनगर:
घाटी में टारगेटेड किलिंग की घटनाओं के बाद विरोध कर रहे कश्मीरी पंडितों के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा की है. पीएम पैकेज के तहत घाटी में पदस्थ कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए नई स्कीम को मंजूरी दे दी है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल की बैठक में कश्मीरी पंडितों के लिए लाई गई नई स्कीम को मंजूरी दी गई. पीएम पैकेज स्कीम के तहत 2010 के बाद लगे कश्मीर पंडितों को प्रमोशन शुरू हो जाएगा. साथ ही कश्मीरी पंडितों के प्रमोशन की लिस्ट भी अलग से जारी की जाएगी. इससे पहले बात करें तो पीएम पैकेज के तहत तैनात किए गए कश्मीरी पंडितों को जिस एफिडेविट के तहत नौकरी मिली थी. उसके साथ घर देने की बात तो थी, लेकिन इसमें किसी तरह के प्रमोशन का प्रावधान नहीं था.
वहीं, बात करे तो सरकार द्वारा सबसे बड़ा फैसला ट्रांसफर को लेकर किया गया है. सरकार ने डिस्ट्रिक्ट कैडर की पोस्ट को डिवीजनल लेवल की पोस्ट में कन्वर्ट करने का फैसला भी किया है. इसके बाद अब दूरदराज के इलाकों में काम कर रहे कश्मीरी पंडितों को डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर और सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर किया जा सकेगा. इससे पहले ये सभी कर्मचारी पीएम पैकेज के तहत डिस्ट्रिक्ट कैडर की पोस्ट पर लगे थे और उन्हें दूर दराज के इलाकों में तैनात किया गया था. जहां वो आतंकियों के सॉफ्ट टारगेट पर थे. ऐसे में अब ज्यादा आतंक ग्रस्त क्षेत्रों से इन्हें संरक्षित क्षेत्रों में भेजा जा सकेगा.
कश्मीरी पंडित कर्मचारी फिलहाल सरकार के इस फैसले से खुश तो हैं, लेकिन वे अब भी अपने रिलोकेशन की मांग पर कायम हैं. उनका कहना है कि सरकार ने उनकी सुरक्षा को लेकर ये कदम तो उठाया है, लेकिन वे अपने परिवार और बच्चों की सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित हैं और जब तक सुरक्षा का भाव पैदा नहीं होगा. तब तक उनको वापिस काम पर लौटना मुश्किल है.