अग्निपथ पर फौजियों के सबसे बड़े गांव से रिपोर्ट … पूर्व सैनिक बोले- जंग में कमजोर कड़ी साबित होंगे अग्निवीर,..?
युवाओं ने पूछा- शहीद का दर्जा मिलेगा?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से अग्निपथ स्कीम के ऐलान के बाद से ही यूपी-बिहार समेत अन्य राज्यों में उग्र प्रदर्शन जारी है। इस योजना पर गाजीपुर का गहमर गांव क्या रुख रखता है? इससे जानने के लिए दैनिक भास्कर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। गहमर गांव गाजीपुर जिला मुख्यालय से 40 किमी की दूरी पर है। गाजीपुर वीर अब्दुल हमीद की धरती है।
हमने 5 पूर्व सैनिकों और 5 ऐसे युवाओं से बात की, जो सेना में जाने का सपना संजोए हुए हैं। 10 लोगों में से सिर्फ एक पूर्व सैनिक ने अग्निपथ को सरकार का सही कदम बताया। बाकी 9 लोग इसके विरोध में दिखे। लोगों का कहना है कि युद्ध की स्थिति में सेना कमजोर होगी। क्योंकि अग्निवीरों में सैनिकों जैसा आत्मविश्वास नहीं होगा।
- सबसे पहले एक-एक कर हम उनकी बातों को जानते हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी के कई साल सेना में बिताए हैं…
हिंसक प्रदर्शन अच्छी बात नहीं, संवैधानिक तरीके से करें विरोध
पूर्व सैनिक रुद्र प्रताप सिंह ने कहा, ‘यह स्कीम युवाओं के लिए अच्छी है। इससे बेरोजगारी तो दूर होगी ही साथ ही देश के प्रति कुछ कर गुजरने का जज्बा भी युवाओं में पैदा होगा। 4 साल में युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। हिंसक प्रदर्शन अच्छी बात नहीं है। यदि किसी को विरोध प्रकट करना है, तो उसे संवैधानिक तरीके से करना चाहिए।’
4 साल में नहीं ट्रेंड हो पाएंगे युवा
पूर्व सैनिक मानिकराज सिंह ने कहा, ‘यह स्कीम ठीक नहीं है। इस तरह की व्यवस्था से युवाओं का जीवन खराब होगा। 4 साल में वे पूरी तरह सैनिक नहीं बन पाएंगे। इससे उनके जीवन का लक्ष्य भी प्रभावित होगा। सेना के हाई टेक होने की बात तो पूरी तरह बेमानी है। सामान्य तौर पर भी सेना में कुछ सालों पर अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग दी जाती है।’
3- स्कीम रोजगार के नाम पर युवाओं के साथ खिलवाड़
पूर्व सैनिक नंद किशोर यादव ने बताया, ‘यह स्कीम युवाओं के साथ खिलवाड़ है। 7-8 साल तो सोल्जर बनने में लग जाते हैं। ऐसे में अग्निवीर सेना में कैसे अपना पूरा योगदान दे सकते हैं, सरकार को इस स्कीम की कमियों को दूर कर ही इसे लागू करना चाहिए।’
4- सेना के जवानों के लिए भी खतरनाक साबित होगी स्कीम
पूर्व सैनिक लल्लन यादव ने कहा, ‘इससे देश ही सुरक्षित नहीं रहेगा। सेना के जवानों के लिए भी सरकार का यह फैसला खतरनाक साबित होगा, क्योंकि 4 साल की ट्रेनिंग ले चुके अग्निवीरों में सैनिकों जैसा आत्मविश्वास ही नहीं आएगा। युद्ध छिड़ा तो वे कमजोर कड़ी साबित हो जाएंगे।’
5-क्या कुर्बानी देने पर मिलेगा शहीद का दर्जा?
पूर्व सैनिक बृजेश सिंह ने कहा, ‘इस योजना से कई खामियां हैं। 4 साल की सेवा के दौरान यदि कोई युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होती है और अग्निवीर मारा जाता है तो क्या उसे शहीद का दर्जा दिया जाएगा? यह भी इस योजना में बताया नहीं गया है। 4 साल तो उसकी ट्रेनिंग में ही बीत जाएंगे। वह देश की सेवा कब करेगा। यह एक तरह से आत्मघाती फैसला नजर आ रहा है।’
अब आइए उन युवाओं की बात जानते हैं, जो सेना में जाने का सपना संजोए हैं और भर्ती की तैयारी कर रहे हैं…
सरकार के रोजगार के वादे पर भरोसा कैसे करें?
गोलू सिंह ने कहा, ‘4 साल बाद नौकरी देने की बात कही जा रही है, जबकि सरकार वर्तमान में नौकरी देने में फेल साबित हुई है। ऐसे में वादे पर कितना भरोसा किया जाए। इस योजना की नकारात्मक बात यह भी है कि आप युवाओं को ट्रेनिंग करा कर 4 साल बाद छोड़ देंगे। बाद में यह जरूरी नहीं की वह देश हित में ही काम करेगा। इस योजना पर विरोध सही है।’
युवाओं को सेना में लेकर उनका भविष्य सुरक्षित रखें सरकार
आनंद मोहन सिंह ने कहा, 4 साल बाद युवाओं को यदि नौकरी उपलब्ध नहीं हो पाएंगी, तो वह युवा क्या करेगा। इस योजना में कुछ सुधार किए जाने चाहिए। सरकार भले ही पेंशन और वेतन थोड़ा कम कर दें, लेकिन युवाओं को सेना में लेने के बाद उनके भविष्य को सुरक्षित रखें।’
स्कीम से युवाओं के भविष्य पर संकट, खोजेंगे नए विकल्प
युवा राम गोविंद ने कहा, इस योजना में कुछ अच्छाई भी है तो कुछ बुराई भी है। इसमें 4 साल की ही नौकरी मिलेगी। यह ठीक नहीं है। इससे युवाओं के भविष्य के साथ-साथ सेना पर प्रभाव पड़ेगा। एक समय के बाद युवाओं को दूसरी नौकरी तलाशनी होगी।’
पहली की तरह सेना के लिए निकाली जाएं भर्तियां
सुनील कुमार ने कहा, ‘सरकार पहले की तरह ही भर्तियां निकालती रहे। 4 साल की नौकरी वाली भर्ती ठीक नहीं है। जब युवकों की उम्र 25 वर्ष हो जाएगी, तब वह वे कहां नौकरी खोजेंगे। कुल मिलाकर इस स्कीम से युवाओं का राहत कम टेंशन ज्यादा मिलेगी।’
स्कीम में झोल, कई बातों पर साफ नहीं तस्वीर
युवा प्रवीण उपाध्याय ने कहा, ‘इस योजना में कई झोल है। 4 साल बाद कुछ पैसे सरकार देने को कह रही है। लेकिन उस वक्त महंगाई भी ज्यादा बढ़ चुकी होगी। 4 साल के बाद युवा कहां जाएंगे। इस योजना का विरोध जायज है।’
शॉर्ट-टर्म यूथ रिक्रूटमेंट स्कीम है अग्निपथ, 46 हजार की होगी भर्ती
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को अग्निपथ नाम की योजना शुरू करने का ऐलान किया। अग्निपथ स्कीम आर्म्ड फोर्सेज के लिए एक देशव्यापी शॉर्ट-टर्म यूथ रिक्रूटमेंट स्कीम है। इसमें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती होगी। योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। जवानों की तैनाती रेगिस्तान, पहाड़, जमीन, समुद्र या हवा, समेत विभिन्न जगहों पर होगी। इस साल करीब 46 हजार युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है।