गोरखपुर में 5 साल में 7 बड़े बवाल …?
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में हुई थीं घटनाएं, कहीं पुलिस की गाड़ियां तोड़ी तो कहीं थाने पर पथराव….
‘अग्निपथ योजना’ के विरोध में गोरखपुर में शुक्रवार यानी 17 जून को बवाल हुआ। इससे पहले भी सीएम सिटी सुलगता रहा है। 5 सालों में 7 बार बवाल हो चुके हैं। 2018 में गगहा में हुई हिंसा आज भी लोगों की जुबान पर है। उग्र ग्रामीणों ने थाने पर पथराव और तोड़फोड़ कर दी थी। तीन लोगों को गोली लगी थी। मामले में पुलिस ने 27 नामजद और 250 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया था और 17 लोगों को गिरफ्तार किया था।
- आज हम आपको ऐसे ही 7 बवाल के बारे में बता रहे हैं, जो योगी आदित्यनाथ के मार्च 2017 में CM बनने के बाद से अब तक हुए हैं…
केस- 1: सैनिक को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए हुआ था पथराव
योगी आदित्यनाथ 25 मार्च 2022 को अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ले रहे थे। उसी दिन चौरीचौरा में सेना के जवान धनंजय यादव की मौत के बाद उन्हें शहीद का दर्जा दिलाने को लेकर बवाल हुआ। ट्रेन रोक दी गई थी और सड़क पर जाम भी लगाया गया था। पुलिस पर पथराव हुआ और करीब 10 वाहनों को सड़क पर पलट दिया गया। साथ ही एक ऑटो में आग लगा दी गई थी।
अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दाग कर और लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा था। मामले में 4 मुकदमे हुए और 56 नामजद के साथ 200 अज्ञात पर केस दर्ज कर करीब 15 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। मामले में कुछ सपा नेताओं की साजिश सामने आई थी। जिसके बाद से सपा नेता मनुरोजन यादव, नरसिंह यादव जेल में बंद हैं। अभी भी एक आरोपी अरविंद यादव फरार है। उस पर 25 हजार का इनाम है।
केस- 2: ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर खोराबार में हुआ था पथराव
7 जुलाई 2021 को ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर खोराबार में सपा नेताओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें भगाया था, जिसमें पुलिस ने सपा नेता दुर्गेश यादव, पूर्व ब्लॉक प्रमुख शैलेश यादव समेत करीब 40 लोगों पर केस दर्ज किया था। शैलेश यादव सपा के प्रत्याशी थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें पुलिस ने ब्लॉक परिसर में बैठा लिया था। पर्चा दाखिल नहीं करने दिया गया।
केस- 3: पंचायत चुनाव में धांधली पर फूंक दी थी चौकी और PAC की बस
5 मई 2021 को पंचायत चुनाव में झगहां के नई बाजार में जिला पंचायत सदस्य पद पर जीते प्रत्याशी रवि निषाद को हारा हुआ बता दिया गया था। जिस पर आक्रोशित भीड़ ने ब्लॉक परिसर और नई बाजार चौकी में तोड़फोड़ की थी। पुलिस चौकी को फूंक दिया गया था। PAC की बस में भी आग लगा दी गई थी।
PRV पुलिस की 2 गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई थी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा था। नई बाजार चौकी प्रभारी अभय पांडेय की तहरीर पर झगहां थाने में 61 नामजद और 500 दंगाइयों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर पुलिस ने रवि और कोदई निषाद समेत 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
केस- 4: CAA विरोध में पुलिस पर हुआ था पथराव, गाड़ियां तोड़ी
22 दिसंबर 2019 को जुमे के दिन शहर कोतवाली के नखास चौराहे पर उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। डिप्टी SP की गाड़ी तोड़ दी थी। इसमें सिपाही सत्यम सिंह, संजीत, शक्ति सिंह, अमीन अजय ओझा घायल हो गए थे। स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
बवालियों ने 3 गाड़ियां क्षतिग्रस्त कर दी थीं। पुलिस ने उपद्रव में शामिल 11 युवकों को गिरफ्तार किया था। छतों और घरों से पथराव किया गया। मामले में पुलिस ने शहर कोतवाली और राजघाट थाने में 4 मुकदमे दर्ज किए थे। 62 आरोपियों की पहचान की गई थी। वहीं एक हजार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने 34 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल की है।
केस- 5: डबल मर्डर के विरोध में खोराबार में पथराव और तोड़फोड़
24 मई 2021 को खोराबार के रामलखना निवासी 2 चचेरे भाई दिवाकर और कृष्णा की हत्या हो गई थी। 28 मई 2020 की दोपहर को रामनगर कड़जहां में आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था, जिसमें तत्कालीन CO कैंट सुमित शुक्ला, इंस्पेक्टर समेत पुलिस की 3 गाड़ियां तोड़ दी थीं। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।
पुलिस ने तत्कालीन इंस्पेक्टर सुनील राय की तहरीर पर केस दर्ज किया था, जिसमें 6 नामजद और 150 अज्ञात आरोपी बनाए गए। पुलिस ने 6 नामजद को गिरफ्तार किया था। दंगाइयों ने रोडवेज की 4 बसें, 2 प्राइवेट कार भी क्षतिग्रस्त कर दी थीं।
केस- 6: बाप-बेटे की हत्या के बाद पथराव-आगजनी
11 अप्रैल 2018 को झगहां के सुबहा गांव निवासी जयहिंद यादव और उनके बेटे नागेंद्र की गोली मारकर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। दोनों हत्या के मुकदमे की पैरवी कर बाइक से घर वापस जा रहे थे। घटना से गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस की जीप में आग लगा दी। कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को संभाला था।
लोगों का गुस्सा इसलिए भड़का था कि दोनों की हत्या के ठीक 2 साल पहले जुलाई 2016 में उनके भाई और भतीजे की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस 2 साल बीत जाने के बाद भी मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी और न ही इनाम रखा था। वर्तमान में भी चारों हत्या का आरोपी राघवेंद्र यादव फरार है। उस पर 2.5 लाख का इनाम है।
केस- 7: गगहा में थाने पर पथराव और तोड़फोड़, गोली भी चली
15 मई 2018 को गगहा के अस्थौला गांव में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर विवाद हो गया था। गुस्साए ग्रामीणों ने थाने पर पथराव और तोड़फोड़ कर दी थी। बचाव में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 3 लोगों को गोली लगी। पुलिस को भागकर जान बचानी पड़ी थी।
बवाल के बाद तत्कालीन ADG दावा शेरपा, IG नीलाब्जा चौधरी समेत तमाम आला अफसर घटनास्थल पर पहुंच गए थे। उस समय के थानेदार सुनील कुमार सिंह की तहरीर पर पुलिस ने 27 नामजद और 250 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया था और 17 लोगों को गिरफ्तार किया था।