उपद्रव में 4 ट्रेनर गिरफ्तार …उपद्रव में फिजिकल ट्रेनर मनोज फौजी भी शामिल, CCTV फुटेज से हुई मौजूदगी की पुष्टि
ग्वालियर में सेना भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ के विरोध में हुए उपद्रव के पन्ने खुलने लगे हैं। अभी तक पुलिस आधा सैकड़ा आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें मनोज फौजी समेत चार फिजिकल ट्रेनर भी शामिल हैं। इसने गोला का मंदिर पर प्रदर्शन करने पहुंचे युवाओं को भड़काया था। मनोज फौजी की गोला का मंदिर पर CCTV फुटेज के आधार पर वहां होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए फिजिकल ट्रेनर को उठा लिया फिलहाल पुलिस उसकी गिरफ्तारी स्पष्ट कुछ नहीं कह रही है। पुलिस को मनोज फौजी के खिलाफ सेना की तैयारी कर रहे युवाओं को अग्निपथ योजना के विरोध में भड़काने के सबूत मिले।
मामले की जांच कर रहे IPS ऑफिसर ऋषिकेश मीणा ने बताया कि मनोज, पूर्व सैनिक है। 16 जून को जब गोले का मंदिर और बिरला नगर रेलवे स्टेशन पर उपद्रव हुआ, उस दौरान भी मनोज की मौजूदगी के सबूत CCTV फुटेज में मिले हैं। गोला का मंदिर पर मनोज ने भड़काऊ बयान दिए थे। इसके बाद ही यहां उपद्रव हुआ था। घटना के CCTV फुटेज को आधार बना कर मामले में फिजिकल ट्रेनर क्लब के संचालक मनोज फौजी के खिलाफ एफआईआर की गई है।
यह है मामला
केन्द्र सरकार ने 14 जून को सेना में भर्ती के लिए “अग्निपथ’ स्कीम लॉन्च की थी। इसमें चार साल की नौकरी का प्रावधान है। सीआर अच्छी रहने पर नियमित करने के प्रावधान भी है। इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। पहले बिहार में रेलवे ट्रैक पर आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी। 16 जून को ग्वालियर में उपद्रव की शुरुआत सुबह 10 बजे से ही शुरू हो गई थी। 10 बजे से गोला का मंदिर चौराहा पर भीड़ जुटी। आक्रोशित युवाओं ने ट्रैफिक को रोक दिया। कुछ देर में प्रदर्शन उग्र हो गया। गोला का मंदिर से उपद्रवी बिरला नगर रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। स्टेशन पर तोड़फोड़, आगजनी की गई थी। हालांकि अब तक मामले में आधा सैकड़ा नामजद समेत 400 से 500 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज हो चुके हैं।
फिजिकल ट्रेनर ने भड़काया था
गोला का मंदिर कुछ समय से संवेदनशील हो गया है। यह काफी बड़ा एरिया है। गोला का मंदिर स्थित रणधीर कॉलोनी, गोवर्धन कॉलोनी, नारायण विहार से लेकर आदित्य नगर, भगत सिंह नगर आदि इलाकों में 60 फीसदी लोग रिटायर्ड फौजी हैं या सेना के परिवार से संबंधित हैं। यहीं सबसे ज्यादा सैनिक बनने अकादमी या कोचिंग हैं। पुलिस ने जब पड़ताल की तो यही से उपद्रव की आग भड़काने के सबूत मिले। कई फिजिकल ट्रेनर CCTV फुटेज में भडकाऊ भाषण देते और वहां खड़े दिखाई दिए हैं। जिसके बाद अब फिजिकल ट्रेनिंग देने वालों पर पुलिस व प्रशासन ने नकेल कस दी है।