पहले की अपेक्षा सख्ती ज्यादा …? ऐसा पहली बार- खाना, चाय, नाश्ता, टेंट, कूलर; पानी का खर्च भी मतपेटियां लूटने वालों से वसूला जाएगा
प्रदेश में अभी चल रहे निकाय चुनावों में इस बार बूथ कैप्चरिंग करने वालों से पहले की अपेक्षा ज्यादा सख्ती बरती जा रही है। प्रशासन ने तय किया है कि ऐसे लोगों से चुनाव खर्च भी वसूला जाएगा। पंचायत चुनाव के 25 जून को हुए पहले चरण में बूथ कैप्चरिंग करने वालों को वसूली के नोटिस भेजे जाने लगे हैं। इस नोटिस में लिखा है कि चुनाव कार्य में लगे अधिकारी, कर्मचारियों का भोजन, चाय, नाश्ता, टेंट, बिजली, डीजल, कूलर, पानी का खर्च भी मतपेटियां लूटने वालों से वसूला जाएगा।
भिंड जिले के लहार एसडीएम ने इस मामले के चार आरोपियों धर्मेंद्र सिंह, राजू सिंह, सौरभ चौहान, अजय सिंह निवासी ग्राम पचोखरा थाना रौन को 5-5 लाख रु. जमा कराने का नोटिस भेजा है। मप्र के निकाय चुनावों के इतिहास में ऐसी वसूली पहली बार हो रही है। सूत्रों के मुताबिक बूथ कैप्चरिंग वाले आरोपी यदि रकम जमा नहीं करते हैं तो उनके घरों को जमींदोज किया जाएगा। इस कार्रवाई के पीछे आयोग के अधिकारियों का तर्क है कि मतदान कराने में काफी पैसा खर्च होता है और बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं के कारण जब दोबारा मतदान कराने पड़ते हैं तो इसकी भरपाई भी ऐसे ही आरोपियों से की जानी चाहिए।
11 पोलिंग बूथों पर हुई थी कैप्चरिंग
मप्र में पंचायत चुनाव के पहले चरण में 10 जिलों के 11 मतदान केंद्रों पर बूथ कैप्चरिंग हुई थी। इस चरण में 115 जनपद पंचायतों की 8702 पंचायतों के 26 हजार मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई थी। दूसरे चरण में 1 जुलाई को 106 जनपद पंचायतों की 7761 ग्राम पंचायतों के 23988 मतदान केंद्रों पर मतदान होना है। तीसरा चरण 8 जुलाई को होगा।
जहां कैप्चरिंग, वहां फिर चुनाव कराने पर 5 लाख 2 हजार खर्च
25 जून को जनपद पंचायत रौन के पोलिंग बूथ नं. 52 पचोखरा में आरोपियों ने मतदान दल से जबरन मतपत्र छीनकर सील लगाई थी। बाद में यहां 26-27 जून को पुनर्मतदान के लिए 70 पुलिसकर्मी, 10 मतदान अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारियों सहित कई लोगों को तैनात करना पड़ा। इनके दो दिन का वेतन, भोजन, चाय, नाश्ता, टेंट, बिजली, डीजल, कूलर, पंखे आदि का कुल खर्च मिलाकर 5 लाख 2 हजार रु. हुआ है। इसलिए यह राशि आरोपियों से वसूली जा रही है।