ग्वालियर में महापौर के लिए लड़ाई ….?

BJP-कांग्रेस में आमने-सामने सीधी टक्कर, स्टार प्रचारक न होने से पिछड़ी ‘आप’…

ग्वालियर में महापौर पद के लिए लड़ाई त्रिकोणीय मुकाबले से निकलकर अब आमने-सामने की टक्कर पर आकर सिमट गई है। बीते दो दिन में BJP-कांग्रेस प्रत्याशी के बीच अब सीधा मुकाबला होता नजर आ रहा है। वजह है स्टार प्रचारकों की सभाएं। भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा के लिए जहां दो दिन पहले सीएम शिवराज सिंह शहर में तीन-तीन सभाएं कर लोगों से वोट मांग चुके हैं, तो कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार के लिए पूर्व सीएम व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सभाएं की हैं।

यही कारण है कि स्टार प्रचारकों के न होने के कारण आम आदमी पार्टी इस मुकाबले में पिछड़ती नजर आ रही हैं। यदि केजरीवाल उनके समर्थन में प्रचार के लिए आते हैं तो उनका भी बजन इस मुकाबले में बढ़ सकता है।

स्टार प्रचारकों ने बढ़ाया जीत का वजन
महापौर पद के लिए अभी तक दोनों प्रत्याशी भाजपा की सुमन शर्मा, कांग्रेस की शोभा सिकरवार को आप की रुचि गुप्ता टक्कर देती नजर आ रही थीं, लेकिन स्टार प्रचारकों और प्रचार की रणनीति ने अब भाजपा-कांग्रेस में आमने सामने की टक्कर बना दी है। यह हवा बीते दो दिन में बदली है। भाजपा महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा के समर्थन में जहां ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पूर्व मंत्री माया सिंह सहित पूरी भाजपा लगी है।

वहीं, दो दिन पहले खुद प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह तीन सभाएं करके गए हैं। जिसके बाद उनकी हवा बदल गई है। इसके बाद कांग्रेस भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार के समर्थन में पूर्व सीएम और प्रदेश में कांग्रेस के मुखिया कमल नाथ व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के प्रचार करने से शोभा का वजन भी बढ़ा है।

आप में अभी तक नहीं आया कोई स्टार प्रचारक
आम आदमी पार्टी से महापौर पद के लिए चुनाव लड़ रहीं रुचि गुप्ता के समर्थन में अभी तक आप ने किसी भी स्टार प्रचारक को नहीं भेजा है। वैसे, आप में केजरीवाल सबसे बड़े स्टार प्रचारक हैं। उनके आने की संभावना बहुत कम है, इसलिए आप को अपने ही दम पर महापौर का चुनाव लड़ना है। एक स्टार प्रचारक का आना उनके लिए बूस्टर डोज साबित हो सकता है।

भाजपा प्रत्याशी की ताकत, कमजोरी
भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा की ताकत उनका सादा व्यक्तित्व है। वह हर किसी के लिए हमेशा उपलब्ध रहती हैं। इसके बाद भाजपा का पूरा संगठन उनके लिए प्रचार कर रहा है। वह दक्षिण विधानसभा के मराठा वोट के कारण रेस में और आगे हो जाती हैं। यही वोट से सांसद शेजलवकर भी पिछली बार आसानी से महापौर बने थे। पर सुमन की कमजोरी यह है कि वह पहली बार पड़ा चुनाव लड़ रही हैं। साथ ही सबसे बड़ी विधानसभा ग्वालियर-पूर्व में उनको बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। यहां प्रतिद्वंदी प्रत्याशी शोभा के पति कांग्रेस से विधायक हैं और उनकी अच्छी पकड़ है।

कांग्रेस प्रत्याशी की ताकत
कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार की ताकत उनके पति कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार और उनकी विधानसभा है। यहां सतीश पिछले कई साल से मेहनत कर रहे हैं। इसके साथ ही शोभा खुद तीन बार से पार्षद चुनी जा रही हैं। इसलिए उनको राजनीति और सामाजिक कार्यो का अच्छा खासा अनुभव है। यदि उनकी कमजोरी पर नजर डालते हैं तो शोभा को ग्वालियर और ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में समर्थन भाजपा के मुकाबले कम मिल रहा है। यहां उनको अभी अपनी पूरी ताकत झोंकनी पड़ेगी। इसके अलावा कांग्रेस में उनके टिकट का विरोध करने वाले भी मुसीबत बने हैं।

आप की ताकत
आम आदमी पार्टी की महापौर प्रत्याशी की ताकत वह खुद ही हैं। जितने भी वोट है उनके व्यक्तिगत व्यवहार के हैं, क्योंकि आप का अभी तक ग्वालियर में बहुत ज्यादा वर्चस्व नहीं है। उनकी कमजोरियों पर नजर डाले तो स्टार प्रचारक न होना। पहला चुनाव लड़ना और भाजपा-कांग्रेस की तरह बड़ा संगठन न होना है। जिस कारण वह अब पिछड़ती नजर आ रही हैं।

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