स्कूलों में एडमिशन में बदलाव, सीट से ज्यादा नहीं दे सकेंगे प्रवेश, जानिए अब कैसे हो रहा दाखिला
सभी स्कूलों में दाखिले की व्यवस्था बदली…
भोपाल। मध्यप्रदेश में स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया में व्यापक बदलाव किया गया है। प्रदेश के सीएम राइज स्कूलों में प्रवेश के लिए नई व्यवस्था की गई है. इसके अंतर्गत स्कूल में किसी भी हाल में तय सीट या क्षमता से ज्यादा प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा. इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है।
राज्य में इस बार 275 सीएम राइज स्कूलों में बच्चों को एडमिशन दिया जा रहा है. इसके लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जून थी। इस अवधि में राजधानी के 8 में से 2 स्कूलों, शासकीय महात्मा गांधी उमा स्कूल और रशीदिया स्कूल में सबसे अधिक आवेदन आए। रशीदिया स्कूल में केजी-1 व केजी-2 क्लासेस में सीट से कई गुना अधिक आवेदन आए। केजी-1 के लिए तो सीट से दोगुने आवेदन आ गए। स्कूल में कुल 241 आवेदन आए। गुरुवार को स्कूल में अभिभावकों को स्कूल बुलाकर लाटरी पद्धति से प्रवेश दिया गया।
इन स्कूलों में किसी भी हाल में क्षमता से अधिक प्रवेश नहीं दिया जा रहा- शेष स्कूलों में शासकीय हाइस्कूल बर्रई, शासकीय बालक बैरसिया, कमला नेहरू शासकीय कन्या उमावि, शासकीय उमावि निशातपुरा, शासकीय उमावि गोविंदपुरा और शासकीय उमावि बरखेड़ी जहांगीराबाद में भी नियमानुसार प्रवेश दिया जा रहा है। सत्र 2022-23 में इन स्कूलों में प्रवेश नीति पर सख्ती से अमल किया जा रहा है. इन स्कूलों में किसी भी हाल में क्षमता से अधिक प्रवेश नहीं दिया जा रहा। एडमिशन के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय यानि डीपीआइ द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. सभी स्कूलों में निर्धारित सीट से ज्यादा एडमिशन न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है।
खास हैं ये स्कूल…
सीएम राइज स्कूलों में मेडिकल रूम, खेल ग्राउंड, कंप्यूटर लैब, म्यूजिक रूम, बायो टायलेट, भोजन कक्ष आदि बनाए जा रहे हैं। स्कूलों में स्मार्ट कक्षा लगेगाी। एक-एक बच्चे की ट्रैकिंग एप के माध्यम से की जाएगी। सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, हर शिक्षक का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। शिक्षकों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
सीएम राइज स्कूलों में मेडिकल रूम, खेल ग्राउंड, कंप्यूटर लैब, म्यूजिक रूम, बायो टायलेट, भोजन कक्ष आदि बनाए जा रहे हैं। स्कूलों में स्मार्ट कक्षा लगेगाी। एक-एक बच्चे की ट्रैकिंग एप के माध्यम से की जाएगी। सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, हर शिक्षक का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। शिक्षकों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी।