विवादों के ‘मोहन’ की PMO में शिकायत …? डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से ACS अमित की तनातनी, CM योगी भी करा रहे जांच; ट्रांसफर-पोस्टिंग पर फंसे
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। प्रदेश के लोकायुक्त द्वारा दिए गए नोटिस के बाद अब उनके खिलाफ PMO तक शिकायत पहुंच गई है। इससे पहले उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के जवाब-तलब करने के बाद मुख्यमंत्री पहले ही उनके खिलाफ जांच के आदेश दे चुके हैं। टीम 9 के सदस्य ACS चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद लगातार खबरों में बने हुए हैं।
इन विवादों की वजह से सुर्खियों में
- लखनऊ की निजी कंपनी की तरफ से महेश चंद्र श्रीवास्तव ने ACS अमित मोहन प्रसाद पर जानबूझकर भुगतान रोकने का आरोप लगाते हुए PMO में शिकायत की है।
- दो दिन पहले ही लोकायुक्त के सचिव ने 28 जुलाई तक उनसे जवाब मांगा है।
- इससे पहले स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों में ट्रांसफर पॉलिसी की अनदेखी के कारण उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अमित मोहन प्रसाद से जवाब तलब किया था।
- बाद में इसी मामले में मुख्यमंत्री योगी ने भी जांच बैठाकर, रिपोर्ट मांगी थी।
PMO ने मुख्य सचिव को सौंपी जांच
अमित मोहन प्रसाद पर निजी कंपनी द्वारा लगाया जाए आरोप की जांच के लिए PMO ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र को पत्र लिखा है। मुख्य सचिव को बताया गया है कि आर क्यूब ग्रुप ऑफ कंपनीज के महेश चंद श्रीवास्तव द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को 27 जून 2022 को शिकायती पत्र भेजा था। इसमें कहा है कि उनकी कंपनी ने गोरखपुर, बलिया, प्रयागराज और गोंडा के जिला चिकित्सालयों में सेंट्रल गैस पाइपलाइन सिस्टम लगाने और 5 वर्षों तक देख-रेख का काम किया।
इसके अतिरिक्त लखनऊ के सिविल अस्पताल, भाऊराव देवरस संयुक्त चिकित्सालय महानगर में मॉड्यूलर ओटी के साथ ही अन्य काम भी किए गए। लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर नगर, प्रयागराज स्थित सीएचसी तथा राजाजीपुरम लखनऊ स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में फायर फाइटिंग के काम भी किए गए हैं। कंपनी ने इसका भुगतान नहीं होने के लिए सीधे तौर पर अपर मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी शिकायत की है।
बिहार के रहने वाले, बने यूपी कैडर के IAS
अमित मोहन प्रसाद का जन्म 4 मार्च 1964 को बिहार में हुआ। साल 1989 बैच के IAS अफसर ने ग्रेजुएशन फर्स्ट डिवीजन के साथ फिजिक्स से किया। इसके बाद PG के लिए उन्होंने इकोनॉमिक्स को चुना। बाद में UPSC को पास कर वह सीधे यूपी कैडर के IAS अफसर बने।
जहां रहे, वहीं रहा दबदबा कायम
स्वास्थ्य विभाग में सबसे बड़े अफसर बनने से पहले वह 14 सितंबर 2017 से 17 फरवरी 2020 तक कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रहे। इस दौरान विभाग के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही से उनकी किसी प्रकार की विवाद की खबरें नहीं आईं। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में अमित मोहन का ठीक ठाक हिसाब-किताब था। स्वास्थ्य मंत्री भले ही जयप्रताप सिंह हों लेकिन ड्राइविंग सीट पर अमित मोहन ही रहके थे। विभागीय फैसले उनकी सहमित के बिना नहीं होते थे। हालांकि, जबसे ब्रजेश पाठक के पास ये मंत्रालय आया है तब से अमित मोहन का जलवा कुछ कम हो गया था।
फिलहाल लोकायुक्त ने इनके खिलाफ शिकायत का संज्ञान लेकर जवाब मांगा है। अमित मोहन प्रसाद पेट्रोलियम मंत्रालय में चीफ विजिलेंस आफिसर भी रहे हैं।
अमित मोहन प्रसाद की प्रमुख पोस्टिंग
अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य | 18 मार्च 2020 से अब तक |
प्रमुख सचिव – कृषि विभाग | 14 सितंबर 2017 से 17 फरवरी 2020 |
सीईओ -इंडस्ट्री- नोएडा | 13 अप्रैल 2017 से 9 सितंबर 2017 |
इन्वेस्टमेंट कमिश्नर इंडस्ट्री | 3 जून 2016 से 12 अप्रैल 2017 |
प्रमुख सचिव – कृषि शोध एवं शिक्षा | 7 नवंबर 2014 से 2 जून 2016 |
सीवीओ – PNG & इंडियन ऑयल इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली | 20 जून 2012 से 6 नवंबर 2014 |
संयुक्त – सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, दिल्ली | 18 फरवरी 2009 से 29 अप्रैल 2012 |
निदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नई दिल्ली | 30 अप्रैल 2007 से 18 फरवरी 2009 |
नोट- इसके अलावा मेरठ, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, जालौन के डीएम भी रह चुके हैं।