काशी डीएम का रातों-रात ट्रांसफर कैंसिल होने की इनसाइड स्टोरी …?
पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट्स को खुद लीड किया, न विवाद में न सुर्खियो में रहे; इसी से भरोसा जीता…
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में एमटेक और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से एमए आईएएस कौशल राज शर्मा। इनका तबादला 24 घंटे के अंदर कैंसिल होना लखनऊ और दिल्ली तक की ब्यूरोक्रेसी में चर्चा का विषय बना हुआ है। 44 साल के आईएएस कौशल राज शर्मा हरियाणा के भिवानी के मूल निवासी हैं।
2006 बैच के यूपी कैडर के यह आईएएस अफसर हैं। जो बीते 2 साल 8 माह से ज्यादा समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 57वें कलेक्टर के पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यूपी में इतने लंबे समय तक शायद ही कोई अफसर किसी जिले का कलेक्टर रहा हो। कूल इमेज के कलेक्टर कौशल राज शर्मा का तबादला 28 जुलाई की रात प्रयागराज मंडल के कमिश्नर के पद पर किया गया था।
फिर भी, प्रदेश सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय उन्हें वाराणसी के जिलाधिकारी के पद पर ही देखना चाहता है। जबकि, वह 6 महीने पहले ही कलेक्टर से प्रमोट होकर कमिश्नर भी हो चुके हैं।
आईएएस कौशल राज शर्मा का तबादला रद्द होने की इनसाइड स्टोरी…
किसी प्रोजेक्ट पर कोई दाग नहीं
हाल ही में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण हुआ, तभी से उसके निर्माण को लेकर रोजाना प्रदेश और केंद्र सरकार की किरकिरी हो रही है। वाराणसी में हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ। लेकिन किसी के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल कभी नहीं उठे। सभी परियोजनाओं की मॉनिटरिंग जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा स्वयं करते हैं। गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई में देर नहीं करते हैं।
इसके लिए उनकी वाहवाही मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक होती है। वाराणसी में अभी भी हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पूरा कर जनता के लिए लोकार्पित किया जाना है। इसलिए, प्रधानमंत्री कार्यालय भी उन्हें वाराणसी से इधर-उधर नहीं होने देना चाहता है।
कोविड मैनेजमेंट में देश को संदेश दिया
कोरोना महामारी की पहली लहर से लेकर अब तक वाराणसी में जिलाधिकारी के पद पर आईएएस कौशल राज शर्मा ही तैनात रहे। उनका कोविड मैनेजमेंट इतना बेहतरीन रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में उसकी चर्चा की।
टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट के फॉर्मूले को वाराणसी में उन्होंने अपनी सीधी निगरानी में इस तरह से लागू कराया कि संक्रमण को रोकने में बड़ी सफलता मिली। जब ऑक्सीजन सिलिंडर की किल्लत हुई तो उन्होंने बनारस के सरकारी अस्पतालों को इस सुविधा से लैस कराने का काम शुरु किया।
इसके साथ ही कोरोना काल में कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के अलावा दुकानदारों की मनमाना दाम वसूलने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए वह बिना किसी तामझाम के दुकानें चेक करने खुद जाते थे। इसकी तारीफ आईएएस एसोसिएशन ने भी की थी।
न विवादों में रहे, ना रहते हैं सुर्खियों में
आईएएस कौशल राज शर्मा प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के जिलाधिकारी के पद पर काम करते हुए भी चर्चाओं या सुर्खियों में नहीं रहते हैं। वह विवादों से भी दूर रहने का हरसंभव प्रयास करते हैं। सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने बेहद ही सूझबूझ से काम लिया था। उनकी सूझबूझ की बदौलत ही बनारस विरोध-प्रदर्शन का केंद्र नहीं बन पाया था।
इसके बाद जिला पंचायत और विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने संयम से काम लिया था। विपक्षी दलों के विरोध-प्रदर्शन के बावजूद भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की थी। वह चुपचाप सिर्फ अपना काम करते रहे। मातहत अफसरों और कर्मचारियों के साथ भी उनके व्यवहार की हमेशा प्रशंसा होती रहती है।
प्रधानमंत्री कार्यालय भी चाहता है कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के जिलाधिकारी ऐसा ही आईएएस अफसर हो जो सिर्फ काम को प्राथमिकता दे। इसके साथ ही काम में गड़बड़ी करने वालों से बिना किसी भेदभाव के साथ निपटे। ताकि, उसका संदेश अन्य जिलों के लोक प्रशासन को भी अच्छा ही जाए।
बनाए जा सकते हैं बनारस के अगले कमिश्नर
आईएएस कौशल राज की कार्यकुशलता और प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में जारी विकास कार्यों की उनकी मॉनिटरिंग को लेकर यह माना जा रहा है कि वह वाराणसी मंडल के अगले कमिश्नर नियुक्त हो सकते हैं। दरअसल, वाराणसी के कमिश्नर के पद पर आईएएस दीपक अग्रवाल यहां 4 साल 4 माह से ज्यादा समय से तैनात हैं।
प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि आईएएस दीपक अग्रवाल का तबादला होना अब सुनिश्चित है। ऐसे में उनके बाद यहां के विकास कार्यों को गति देने के लिए अगले कमिश्नर कौशल राज शर्मा बनाए जा सकते हैं। इसी वजह से उनका तबादला भी रद्द किया गया है कि वह बनारस से लगातार जुड़े रहें और यहां के विकास कार्यों को अपनी मॉनिटरिंग में गति देते रहें।
प्रयागराज में रहा सबसे छोटा कार्यकाल
- आईएएस कौशल राज शर्मा बतौर कलेक्टर लंबी तैनाती के लिए शुरू से जाने जाते हैं। बतौर कलेक्टर सबसे पहले वह बसपा सरकार में 3 जुलाई 2010 को पीलीभीत जिले में तैनात हुए थे। यहां वह 21 मार्च 2012 तक तैनात रहे।
- सपा सरकार में वह मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, कानपुर नगर और लखनऊ के कलेक्टर रहे।
- भाजपा सरकार में वह लखनऊ के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी हैं।
- इस बीच सबसे कम समय के लिए वह सपा सरकार में महज 4 माह 18 दिन प्रयागराज के कलेक्टर के पद पर तैनात रहे थे।
बनारस रहते हुए हासिल की यह उपलब्धि
- वर्ष 2020 में फेम इंडिया मैगजीन की ओर से देश के 50 सर्वश्रेष्ठ अफसरों की लिस्ट में स्थान और कर्तव्यपरायण अधिकारी का विशेषण मिला।
- प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में देश भर में वाराणसी के अव्वल रहने पर वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पीएम एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित हुए।
- मंडलीय, जिला, तहसील, ब्लाक और गांव स्तरीय सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलिंडर की सुविधा से लैस कराया।