झांसी में पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव पर मुकदमा …?

आय से अधिक संपत्ति का आरोप, 14.30 करोड़ की आय और खर्चा 37.32 करोड़….

झांसी में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता गरौठा के पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज हुआ है। वर्तमान भाजपा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने उनके खिलाफ शासन से शिकायत की थी। जिसमें अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था। शासन के निर्देश पर उप्र सतर्कता अधिष्ठान ने 05 अप्रैल 2021 को खुली जांच शुरू की थी, जिसमें आरोप सही पाए गए।

23.02 करोड़ की संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे पाए

पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव पर दर्ज एफआईआर।
पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव पर दर्ज एफआईआर।

FIR के अनुसार, शासन ने 5 अप्रैल 2021 को पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव के खिलाफ खुली जांच के आदेश उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान को दिए थे। जांच में सामने आया कि विधायक रहते हुए दीपनारायण सिंह यादव को 14 करोड़ 30 लाख 31444 रुपए की आय हुई, जबकि इस अवधि में उनका खर्च 37 करोड़ 32 लाख 55844 रुपए पाया गया। इस प्रकार दीपनारायण ने अपनी आय की तुलना में 23 करोड़ 2 लाख 24400 रुपए का अधिक व्यय किया। इस संबंध में दीपनारायण संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाए।

कानपुर में होगी जांच

जांच में दीपनारायण सिंह प्रथमदृष्टया आय से अधिक संपत्ति के दोषी पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। इस पर शासन ने 29 जून को एफआईआर के आदेश दिए थे। अब उनके खिलाफ झांसी के उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान थाना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)(बी) और 13 (2) के तहत मामला दर्ज करवाया गया है। इस केस की जांच कानपुर उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान द्वारा की जाएगी।

दो बार विधायक रह चुके हैं दीपनारायण सिंह

गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने पूर्व विधायक की शिकायत की थी।
गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने पूर्व विधायक की शिकायत की थी।

जनपद के मोठ थाना क्षेत्र के बुढ़ावली गांव निवासी दीपनारायण सिंह यादव 2007 से 2017 तक लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं। पिछले दो बार से उनको जवाहर लाल राजपूत से हार का सामना करना पड़ा।

राजनीतिक दबाव में हुई एफआईआर

पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव ने कहा कि जवाहर लाल राजपूत चुनाव से कोशिश में लगे थे कि किसी प्रकार फंसा दें। राजनीतिक दबाव में षड़यंत्र रचकर एफआईआर लिखवाई है। ईमानदार अधिकारी के सामने लेखा-जोखा रखेंगे तो न्याय जरूर मिलेगा। उसके बाद भी दबाव में कोई कार्रवाई हुई तो न्यायालय के दरवाजे खुले हैं। सच सबके सामने आ जाएगा।

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