विवादों से घिरे IPS विजय सिंह मीणा को हटाया …?

विवादों से घिरे कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा को हटा दिया गया है। उनकी जगह अब सीनियर आईपीएस बीपी जोगदंड को कानपुर की कमान सौंपी गई है। उनका कार्यकाल महज 14 महीने बचा है। माना जा रहा है कि कानपुर हिंसा के साथ ही दागी पुलिस अफसरों को चार्ज देना विजय सिंह मीणा को भारी पड़ गया। लगातार शिकायतें मिलने के बाद उनके खिलाफ पुलिस मुख्यालय से कार्रवाई की गई है।

कानपुर पुलिस कमिश्नर रहे आईपीएस विजय सिंह मीणा।
कानपुर पुलिस कमिश्नर रहे आईपीएस विजय सिंह मीणा।

विवादों के साथ सीनियर आईपीएस विजय मीणा की विदाई

विवादों से घिरे आईपीएस विजय सिंह मीणा को कानपुर कमिश्नर पद से हटा दिया गया है। उन्हें दूसरी जगह पोस्टिंग भी नहीं दी गई, उनका नाम वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है। कानपुर हिंसा के आरोपियों को पकड़ने और छोड़ने के खेल की जानकारी शासन स्तर तक पहुंच गई थी। इतना ही नहीं दागी दरोगा अजय मिश्रा का गैर जनपद ट्रांसफर होने के बाद भी अपना पीआरओ बनाए रखना। चर्चा है कि अजय मिश्रा ही कानपुर कमिश्नरेट में ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर वसूली का पूरा सिंडीकेट चला रहा था। मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय डीजीपी तक पहुंच गई थी। एक के बाद एक शिकायत पहुंचने पर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा को हटाया गया है।

विवादों में घिरने की प्रमुख वजह

  • दागी दरोगा अजय मिश्रा को पुलिस कमिश्नर ने अपना पीआरओ बनाया था। अजय ड्रग्स माफिया की बुलेट से चलता था और अन्य अपराधियाें से भी उसकी साठगांठ थी।
  • चकेरी थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप और अपराधियों से साठगांठ के बाद भी हटाया नहीं गया। टेनरी विवाद में भी थानेदार की भूमिका संदिग्ध रही थी।
  • कानपुर हिंसा की जांच में आरोपियों को पकड़ने और छोड़ने का खेल हुआ था। बिल्डर हाजी वसी ने जेल जाने से पहले कहा था कि मेरा मुंह खुला तो बड़े-बड़े अफसरों का कच्चा चिट्‌ठा खुल जाएगा। रुपए लेने के बाद भी उसे जेल भेजा जा रहा है।
  • एक मकान कब्जाने के खेल में गोविंद नगर एसीपी एडीसीपी मनीष सोनकर की जांच में दोषी पाए गए थे। इसके बाद भी पुलिस कमिश्नर ने एक सत्ताधारी विधायक के कहने पर जांच रोक दी और एसीपी गोविंद नगर विकास पांडेय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। जबकि उसी मामले में पूरी यादव मार्के चौकी को सस्पेंड किया गया था।
  • बिल्डर हाजी वसी हिंसा में आरोपी था। इसके बाद भी चर्चा थी कि उसने दो बार पुलिस कमिश्नर के साथ बैठक की और फिर इसके बाद फरार हो गया। दबाव पड़ने पर उसको गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था।
  • जाजमऊ शालिमार टेनरी विवाद लखनऊ सीएम तक पहुंचा था। इसमें पुलिस पर ही गंभीर आरोप लगे थे। टेनरी कब्जा करने के पीछे जिन माफियाओं का हाथ था। पुलिस ने सभी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी।
  • स्वरूप नगर के हाई प्रोफाइल मधु हत्याकांड का कानपुर कमिश्नरेट खुलासा आज तक नहीं कर सकी। घर में लूटपाट के बाद ज्यातिषाचार्य मधु की नृशंस हत्या की गई थी।

आईपीएस विजय सिंह मीणा के पीआरओ के ड्रग्स माफिया से संबंध और उसकी बुलेट से फर्राटे भरने की बात पर मीडिया ने उनसे बयान लिया था। इसके बाद उन्होंने अपने पीआरओ की खबर रुकवाने के लिए एक बड़े मीडिया संस्थान के मालिक से भी बात की थी, लेकिन खबर सही और सटीक थी इसके चलते उनका बस नहीं चल सका।

बीपी जोगदंड को दोबारा कानपुर की जिम्मेदारी, 14 महीने बाद होंगे रिटायर

कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की जिम्मेदारी सीनियर आईपीएस अफसर बीपी जोगदंड को दी गई है। बीपी जोगदंड 1991 बैच के आईपीएस अफसर है उनके पिता का नाम जोगदंड पीवी है। 28 अक्टूबर 1963 को जन्मे भागीरथ पी. जोगदंड मूल रूप से महाराष्ट्र के लातूर के रहने वाले हैं। फिलहाल वो अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उप्र. लखनऊ में तैनात थे। 14 महीने बाद उनका रिटायरमेंट होना है। बीपी जोगदंड ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के साथ ही पीजीडीएम ऑपरेशन और एमबीए की पढ़ाई की है। इससे पहले भी वह कानपुर में 23 अक्तूबर 2009 से 13 फरवरी 2010 तक कानपुर में एसएसपी रह चुके हैं। पड़ोसी जिला कानपुर देहात के भी एसपी रह चुके हैं। इससे उन्हें कानपुर के मिजाज का अच्छा अनुभव है।

PHQ-ADG का एतिहासिक कार्यकाल

एडीपी बीपी जोगदंग का पुलिस हेडक्वार्टर एडीजी का छह साल का कार्यकाल है। इस पद पर अब तक सबसे लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड कायम कर दिया है। पहले पीएएचक्यू एडीजी ऑफिस प्रयागराज था। बाद में यह लखनऊ पुलिस मुख्यालय में शिफ्ट हो गया।

मिलन और सौम्य अफसर की छवि

अगर कोई सीनियर आईपीएस बीपी जोगदंड की बात करता है तो दिमाग में सबसे पहले उनकी मिलनसार और सौम्य स्वभाव जेहन में कौंध उठता है। उनकी आम छवि एक अच्छे पुलिस अफसरों में है। उन पर कभी कोई दाग नहीं रहा है। पुलिसिंग के लिए तेज तर्रार माने जाते हैं। बड़े से बड़े मामले को भी वह सहजता से निपटा देते हैं।

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