राज्य के हर अंग को न्याय देना चाहिए …? CJI बोले, न्याय देना केवल अदालतों का काम नहीं; सुप्रीम कोर्ट लोकतंत्र का सबसे बड़ा संरक्षक है
सीजेआई ने स्वतंत्रता दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में तिंरगा फहराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा सुप्रीम कोर्ट दुनिया का लोकतंत्र का सबसे बड़ा संरक्षक है।
लोकतंत्र को बचाना सबकी जिम्मेदारी है
चीफ जस्टिस एनवी रमना का कहना है कि लोकतंत्र को बचाना देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने आर्टिकल 38 का हवाला दिया। उन्होने कहा कि समाज में हर तरह के न्याय को सुनिश्चित करना राज्य की भी जिम्मेदारी है। राज्य के हर अंग को ऐसे काम करना चाहिए, जिससे संविधान खतरे में न पड़े।

पेंडिग केसों पर जताई निराशा
सीजेआई ने पेडिंग केसों पर निराशा जताई है। उन्होंने बताया कि देशभर में 4 करोड़ केस पेंडिग हैं। अकेले सुप्रीम कोर्ट में 70 हजार से अधिक विचाराधीन मामले हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोर्ट बंद पड़े थे। ऐसे समय में लगातार केस बढ़ते गए और उन पर सुनवाई नहीं हो पाई। लोग चाहते हैं कि उनके केस के फैसले जल्द से जल्द हों, लेकिन महामारी की वजह से हम ऐसा नहीं कर पाए। मुझे उम्मीद है कि अब स्थिति सामान्य है और अब अदालतें पूरी क्षमता से काम करेंगी।
देश के तीनों अंगों को मिलकर काम करना चाहिए: रिजिजू
लॉ मिनिस्टर किरण रिजिजू भी सुप्रीम कोर्ट के इस कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि कार्यपालिका और न्यायपालिका को साथ में मिलकर काम करना चाहिए। अगर हम एक साथ काम नहीं करते हैं, तो हम एक दूसरे को नहीं समझेंगे। अगर हम एक-दूसरे को नहीं समझेंगे तो हम कभी भी इस देश की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाएंगे।

रिजिजू ने कहा कि मुझसे संसद में सवाल किए जाते हैं कि देश में इतने ज्यादा मामले क्यों पेंडिग हैं, तब मेरे पास जवाब नहीं होता है।
ये कहना बहुत आसान है कि कई केस पेंडिग हैं। न्यायपालिका 2 साल में लंबित मामलों को समाप्त कर सकती है, लेकिन सरकार की सक्रिय भूमिका के बिना ऐसा करना पाना मुश्किल है।