कारम डैम बनाने वाली कंपनी की बनाई नहर भी टूटी …? टीकमगढ़ के बौरी गांव में सारथी कंस्ट्रक्शन की बनाई हरपुरा नहर टूटी, किसानों की फसल बर्बाद
कारम डैम बनाने वाली कंपनी की बनाई नहर भी टूटी ….? टीकमगढ़ के बौरी गांव में सारथी कंस्ट्रक्शन की बनाई हरपुरा नहर टूटी, किसानों की फसल बर्बाद
एमपी के धार जिले में कारम डैम में लीकेज के बाद 18 गांवों के 40 हजार से ज्यादा लोगों का जीवन संकट में आ गया था। हालांकि तीन दिनों तक प्रशासन ने लगातार प्रयास कर डैम से पानी खाली कर हालात को काबू में कर लिया लेकिन इस घटना के बाद बांध के निर्माण और जल संसाधन विभाग में हुए निर्माण को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। धार के कारम डैम का निर्माण करने वाली कंपनी सारथी कंस्ट्रक्शन को लेकर कांग्रेस नेता बीजेपी को घेर रहे हैं। धार का मामला अभी ठंड़ा नहीं हुआ था कि सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा टीकमगढ़ में बनाई गई हरपुरा नहर बौरी गांव के पास टूट गई। इससे किसानों की फसल बर्बाद हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान बौरी गांव की महिला किसान जसोदा यादव पति स्वर्गीय गोकुल यादव का हुआ है।
14 तालाबों को जोड़ना था सिर्फ 4 में पहुंचा पानी
टीकमगढ़ जिले में तत्कालीन प्रभारी मंत्री जयंत मलैया ने 41 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली हरपुरा नहर का भूमिपूजन किया था। इस परियोजना से 14 तालाबों को जोड़कर भरा जाना था। इस नहर के साथ ही चंदेलकालीन तालाबों को भरने और पाइप डालकर सिंचाई के संसाधनों का विस्तार किया जाना था। इस नहर का काम करने वाली सार्थक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इसमें इतना घटिया किया निर्माण कि पहली टेस्टिंग में ही यह निर्माण फेल कर दिया गया था। यह देश की पहली नदी-तालाब जोड़ों परियोजना थी। नहर एमपी-यूपी के बीच जामनी नदी में बनाई गई है। यहां से जामनी का पानी 14 तालाबों तक पहुंचाया जाना था। लेकिन सिर्फ चार तालाब भर सके। दरअसल इसकी सहायक नहरों के निर्माण में तकनीकी चीजों का ध्यान नहीं रखा गया था।
नहर के निर्माण हुई गड़बड़ी
हरपुरा नहर के निर्माण में तकनीकी खामियां हैं। कई जगह नहरें ऊंची कर दी गई, जिससे पानी का बहाव रुक गया। यदि नहर का निर्माण यदि काम सही ढंग से किया जाता तो सूखे से जूझ रहे किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर मिल सकता था। विशेषज्ञों का कहना है कि नहरों के निर्माण में तकनीकी खामियों को नहर अंदाज कर दिया गया। इस परियोजना से 1980 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने के साथ-साथ एक हजार साल पुराने ऐतिहासिक चंदेल कालीन तालाबों को भी नया जीवन दिया जाना था।
सूखे क्षेत्र को मिलता जीवनदान
हरपुरा नहर परियोजना से जिन तालाबों को नया जीवन मिलना था, उनमें हनुमान सागर, जगत नगर गांव के दो, पूर्वी गोर गांव के दो व दरगाय कला, ररगाय खुर्द, मोहनगढ़, मुम्हैड़ी, अर्चरा और वृषभानपुरा तालाब शामिल हैं। जामनी नदी में उपलब्ध बारहमासी जल-प्रवाह से इन सभी तालाबों में पूरे वर्ष पूर्ण जलाशय स्तर तक पानी उपलब्ध रहने का प्लान तैयार किया गया था, लेकिन निर्माण कार्य ने इस प्लान पर पानी फेर दिया है।
सार्थी कंस्ट्रक्शन कंपनी पर पूर्व मंत्री जयवर्द्धन सिंह का हमला
कांग्रेस के पूर्व मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने धार के कारम डैम के निर्माण में हुए भृष्टाचार के मुद्दे पर सार्थी कंस्ट्रक्शन कंपनी के बहाने सरकार को घेरा। जयवर्द्धन ने ट़्वीट करते हुए लिखा- धार में जो नवनिर्मित डेम बहा है वो भाजपा नेता एवं सरकार के अति करीबी ठेकेदार अशोक भारद्वाज की कंपनी सार्थी कंस्ट्रक्शन ने बनाया हैं। आप खुद ही सोच लीजिए क्या कार्यवाही होगी। यहां भी अन्य घोटालों की तरह लीपापोती होगी।
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कारम डैम की जांच कराने सीएम को लिखा लेटर
धार के कारम बांध को लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कारम बांध भ्रष्टाचार में सीएम हाउस के अधिकारियों को भी लपेटा है। विवेक तन्खा ने लिखा है कि- इस घोटाले में सीएम हाउस के अधिकारी भी शामिल है। राजसभा सांसद विवेक तन्खा ने लिखा है कि- कारम बांध भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा है। ब्लैक लिस्टेड कंपनी को बांध निर्माण का ठेका दिया गया। ब्लैक लिस्टेड कंपनी ने दूसरी ब्लैक लिस्टेड कंपनी से कारम बांध का निर्माण कराया। सीएम हाउस के अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल है। 2022 में विधानसभा में जल संसाधन मंत्री ने मुद्दा उठाया था। इसके बावजूद जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। तन्खा ने लिखा- कल प्रदेश के लिए सबसे चिंताजनक खबर यह रही कि प्रदेश के चार जिले में भारूड़पुरा और कोठिदा गांव के बीच कारम नदी पर 304.44 करोड़ के प्रोजेक्ट वाला बाँध आखिरकार बारिश क्यों नहीं सम्हाल’ पाया। इस बांध से क्षेत्र के 50 गावों के किसानों को काफी उम्मीद थीं। यह जानकर संतोष हुआ कि आप वरिष्ठ अधिकारियों की टीम के साथ वल्लभ भवन के कंट्रोल रूम से धार के हालात परसतत निगरानी कर रहे थे, ताकि जिले की स्थिति न बिगड़ने पाए। प्रदेश के मुखिया होने के नाते आपकी चिंता स्वाभाविक भी थी सैर, मौके पर पहुंचे अधिकारियों की सूझ-बूझ से चैनल बनाकर पानी के रुख को मोड़ दिया गया और वहां अब हालात सामान्य हो रहे हैं।


