सफल प्रोफेशनल्स के डेली रूटीन से लीजिए 4 सबक …? जिंदगी की प्लानिंग में ये सबसे अहम फैक्टर्स

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जिन्दगी उतने में ही, कितना कुछ दे गई!

दिन भी वही, 24 घंटे भी वही, फिर भी आउटपुट में कितना फर्क! सफल प्रोफेशनल्स आखिर अपना दिन कैसे मैनेज करते हैं, आइए सीखें।

1) पाब्लो पिकासो (1881 – 1973)

पिकासो रोज 8 से 10 घंटे तक पेंटिंग करते थे।
पिकासो रोज 8 से 10 घंटे तक पेंटिंग करते थे।

एक बड़े आर्टिस्ट हुए पिकासो। उन्होंने 1973 में अपनी मृत्यु के दिन तक पेंटिंग की! किसी कलाकार के अब तक के सबसे सफल करियर में 50,000 से अधिक आर्टपीसेस बनाए।

उनकी डेली लाइफ एक जैसी रहती थी। वे देरी से उठते थे, और दिन की शुरुआत नाश्ते और फ्रेंड्स के साथ कुछ फुर्सत में करते थे। दिन में 2 बजे से रात के 10 बजे तक वे बिना ब्रेक के डेली 8 घंटे पेंटिंग करते थे।

इतने लम्बे समय तक बिना थके पेंटिंग कर पाने का कारण यह था कि उनको अपने काम में आनंद आता था। खुद उनके शब्दों में ‘चित्रकार इसलिए इतने लंबे समय तक जीवित रहते हैं। जब मैं काम करता हूं तो मैं अपने शरीर को दरवाजे के बाहर छोड़ देता हूं, जिस तरह कोई व्यक्ति धार्मिक स्थल पर प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतार देते हैं।’

रात 10 बजे, पिकासो एक घंटे का छोटा ब्रेक लेते। फिर रात 11 बजे से 3 बजे तक पिकासो आमतौर पर अपने दूसरे कार्यसत्र में रहते जो निश्चित रूप से दिन के सेशन से छोटा होता।

2) सचिन तेंदुलकर

सचिन अपने कोच रमाकान्त आचरेकर को जीवन में सबसे बड़ा गुरु मानते हैं।
सचिन अपने कोच रमाकान्त आचरेकर को जीवन में सबसे बड़ा गुरु मानते हैं।

सचिन का जीवन बचपन से मेहनत भरा रहा। क्रिकेट में उनके शौक के चलते जब उन्होंने शारदाश्रम स्कूल में एडमिशन लिया जो उनके घर से दूर था, तब सचिन पहले वर्ष, पूरा क्रिकेट का किट पहन कर मुंबई की भीड़ भरी बसों में एक लम्बा सफर कर शिवाजी पार्क स्टेडियम पंहुचते थे।

अगले साल से वे अपने चाचा जिनका घर स्टेडियम के पास ही था, रहने लगे। उनके कोच रमाकान्त आचरेकर उन्हें मुंबई के अलग-अलग मैदानों में अलग-अलग टीमों से अपने स्कूटर पर पीछे बैठा कर ले जाते और मैच जीतने पर वड़ा-पाव का नाश्ता करवाते। उन्होंने लगभग रोज तीन मैच खेले और अपने प्रेक्टिस सेशंस का एक भी पल बर्बाद नहीं किया। यात्राओं के दौरान, उन्होंने बहुत ही अनुशासित जीवन व्यतीत किया। उन्होंने खुद को अपने कमरे तक सीमित रखा, जल्दी खाया और हमेशा अपने खेल से पहले पर्याप्त नींद ली। हालांकि उन्हें अब तक का सबसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज कहा जाता है, लेकिन प्रतिभा की तुलना में उनकी सफलता का एक बड़ा घटक कड़ी मेहनत है।

3) अल्बर्ट आइंस्टीन (1879 – 1955)

आइंस्टीन अपने काम के घंटे हमेशा नियमित रखते थे। रोज 10 घंटे काम करते थे।
आइंस्टीन अपने काम के घंटे हमेशा नियमित रखते थे। रोज 10 घंटे काम करते थे।

‘थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी’ देकर फिजिक्स की दुनिया बदल देने वाले, अल्बर्ट आइंस्टीन कड़ी मेहनत करना जानते थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कोई विशेष प्रतिभा नहीं है। मैं केवल जुनूनी रूप से जिज्ञासु हूं।’ अल्बर्ट आइंस्टीन सप्ताह में छह दिन रोजाना 10 घंटे काम करते थे।

एक फेमस प्रोफेसर बनने से पहले वे बर्न में स्विस पेटेंट ऑफिस में जॉब करते थे। ऑफिस के काम को वे केवल चार घंटों में पूरा कर लिया करते थे और फिर अपने वैज्ञानिक पेपर्स पर जुट जाते थे।

तो इन सब फेमस सेलिब्रिटी और प्रोफेशनल्स से हम चार सबक सीखते हैं

1) इंस्पिरेशन और रिक्रिएशन: इनमें से कुछ नेचर में लंबी सैर के के लिए जाते थे। प्रेसिडेंट बराक ओबामा अपने 45 मिनट के एक्सरसाइज शेड्यूल में ‘नो कोम्प्रोमाईज’ एटीट्यूड रखते थे। स्वामी विवेकानंद ध्यान लगाते थे, सचिन तो खैर स्पोर्ट्सपर्सन थे ही! एक्सरसाइज के मेन्टल बेनिफिट अद्भुत हैं! बाकी का दिन पूरा प्रोडक्टिव हो जाता है।

2) अपने विचारों को लिखने या नोट्स बनाने की आदत: बीथोवन और ओबामा दोनों खूब लिखते थे। नोट्स बनाकर आप अपने विचारों को स्ट्रक्चर्ड करते हैं। आज के समय में इसके लिए मोबाइल फोन पर किसी ऐप का प्रयोग कर सकते हैं।

3) समय बचाना और मेहनत करना: पैसे की ही तरह, ‘अ मिनट सेव्ड इज अ मिनट अर्न्ड’। आइंस्टीन की तरह, अपने काम के बाद बचे समय, और वीकेंड्स के समय को अपने दूसरे गोल्स को पूरा करने में लगाएं। इसके लिए आप स्प्रेडशीट का उपयोग करके यह ट्रैक करने पर विचार करें कि आप एक सप्ताह कैसे स्पेंड करते हैं। इस बचाए हुए टाइम में जमकर मेहनत करें।

4) नियमित और निश्चित आहार: लगभग सभी सक्सेसफुल लोग डाइट को लेकर जबरदस्त डिसिप्लिन रखते हैं, क्योंकि अनयिमित भोजन या शराब मौत का कारण बनते हैं। हम जो खाते और पीते हैं उसके न्यूरोलॉजिकल और फिजिकल इफेक्ट होते हैं जिसका डेली आउटपुट पर डायरेक्ट इम्पैक्ट आता है।

तो, आज का करिअर फंडा यह है कि ‘डेली रूटीन में इंस्पिरेशन और रिक्रिएशन, अपने विचारों को लिखना, टाइम की कंजूस व टाइट प्लानिंग, और फिक्स्ड डाइट व एक्सरसाइज से सफल बनें।’

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