बदलने वाले हैं RSS से जुड़े संगठन …?
संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर 40 संगठनों में बदलाव, आधुनिक तरीके अपनाए जाएंगे
25 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर संघ अपने 40 से अधिक आनुषांगिक संगठनों का पुनर्गठन करेगा। डिजिटल युग और बदले भोगौलिक तथा आर्थिक परिवेश के मुताबिक इनकी संरचना, स्वरूप और दायित्व में बदलाव होगा। यह प्रक्रिया सितंबर 2022 से 3 साल तक चलेगी।
बीते 97 साल में संघ के अपने संगठन बने और 80 से अधिक देशों में संघ काम कर रहा है। शिक्षा, समाज सेवा, प्रकाशन, थिंक टैंक जैसे तीन दर्जन से अधिक विषयों को लेकर संघ वर्षों के काम कर रहा है। अब संघ काे लगता है कि इनमें परिवर्तन की जरूरत है।
समय की मांग के हिसाब से बदलाव जरूरी
भारतीय मजदूर संघ, मजदूरों के हितों को लेकर काम करता रहा है, लेकिन अब मजदूरों की स्थिति में पहले के मुकाबले काफी बदलाव हुए और उनके सरोकार भी बदले हैं। इस लिहाज से भारतीय मजदूर संघ को बदला जाएगा। इसी तरह किसानों के सरोकार भी बदले हैं। खेती का प्रारूप बदल गया है, किसानों की जरूरतें बदली है, लेकिन भारतीय किसान संघ के काम का ढर्रा पुराना ही है।
शिक्षा, पर्यावरण, समाज में नए तरीके अपनाए जाएंगे
नए बदलाव के तहत संगठनों का डिजिटलाइजेशन होगा। एप आधारित स्वरूप से रियल टाइम में समस्या का समाधान किया जाएगा। पर्यावरण सुरक्षा को लेकर डेडिकेटेड विंग बनाए जाएंगे। शिक्षा शिविर और वर्ग को सार्वजनिक जगहों से लेकर इन हाउस तक पहुंचाना।
प्रकाशन वर्ग को उम्र और जरूरत आधारित सामग्री में बांटकर विषय मुहैया कराना। सामाजिक सेवा कार्यों में सिर्फ आपदा के दौरान मदद देने के साथ आपदा के प्रति आगाह करना और उसे रोकने के तरीकों को फोकस करने जैसे विषय शामिल होंगे।
ये हैं संघ के प्रमुख आनुषांगिक संगठन
विश्व हिंदू परिषद, सेवा भारती, स्वदेशी जागरण मंच, वनवासी कल्याण आश्रम, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, विश्व संवाद केंद्र, राष्ट्र सेविका समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, राष्ट्रीय सिख संगत, हिंदू जागरण मंच, हिंदू स्वयंसेवक संघ, विवेकानंद केंद्र, विद्या भारती, सहकार भारती।