स्कूल के टॉयलेट में कैमरे…राष्ट्रीय और राज्य बाल आयोग आमने-सामने:

स्टेट ने क्लीनचिट दी तो नेशनल टीम बोली- ये चाइल्ड पोर्नोग्राफी…

रतलाम में स्कूल टॉयलेट की CCTV से निगरानी के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग आमने-सामने आ गए हैं। नामली स्थित सेंट जोसेफ स्कूल को राज्य बाल आयोग यह कहते हुए क्लीनचिट दे चुका है कि ये कोई बड़ा मामला नहीं है। अब इसी के उलट मामले को राष्ट्रीय बाल आयोग ने गंभीर बताया है। राष्ट्रीय बाल आयोग का तो यहां तक कहना है कि ये तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी है।

क्या है पूरा विवाद, जानिए...

10 दिन पहले चाइल्ड लाइन को शिकायत मिली। शिकायत करने वाले सेंट जोसेफ स्कूल (नामली) के ही स्टूडेंट हैं। बताया- मैनेजमेंट ने स्कूल टॉयलेट में CCTV कैमरे लगवा रखे हैं। शिकायत के अगले ही दिन चाइल्ड लाइन की टीम स्कूल पहुंचकर जांच करती है। टीम को 2 बॉयज टॉयलेट में कैमरे लगे मिले। स्कूल मैनेजमेंट को नोटिस देकर पूछा था- आखिर ऐसा क्यों किया गया, ऐसा करने की क्या जरूरत पड़ी?

स्कूल मैनेजमेंट ने दलील दी, बच्चे गंदी ड्रॉइंग बनाते हैं…

चाइल्ड लाइन प्रभारी प्रेम चौधरी को स्कूल प्रिंसिपल सिस्टर निधि ने बताया था कि बच्चे टॉयलेट में गंदी ड्रॉइंग बनाते हैं। किसी का भी नंबर वहां लिख देते हैं, इस वजह से कैमरे लगाए। तब चाइल्ड लाइन ने मैनेजमेंट को साफ कहा था- वजह जो भी हो, टॉयलेट में कैमरे लगाना गलत है। ये बच्चों की प्राइवेसी का उल्लंघन है। मैनेजमेंट से लिखित में जवाब मांगा गया था।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की स्कूल को क्लीनचिट…
दो दिन पहले यानी 30 अगस्त को राज्य बाल आयोग की टीम स्कूल पहुंचती है। टीम स्कूल को फटकार तो लगाती है, लेकिन क्लीनचिट भी दे देती है। राज्य बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान का कहना था कि ये कोई बहुत बड़ा विषय नहीं है। शरारती बच्चे टॉयलेट में गंदी ड्रॉइंग बनाते थे, इसलिए स्कूल मैनेजमेंट को ऐसा करना पड़ा। टीम ने भी जब जांच की तो टेबल पर इस तरह के गंदे कमेंट लिखे मिले। हालांकि, स्कूल मैनेजमेंट को कहा गया है कि कोई बच्चा गलत कर रहा है तो उसके पेरेंट्स को बुलाकर बच्चों को समझाएं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एंट्री, स्कूल पर FIR
31 अगस्त को मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान ले लिया। राष्ट्रीय बाल आयोग ने रतलाम SP को लेटर जारी कर FIR करने के लिए कहा। क्या कार्यवाही की? इसकी जानकारी 7 दिन में मांगी है। राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का एक बयान भी सामने आया है। इसमें उन्होंने इस गंभीर मामले में पॉक्सो (Protection of Children Against Sexual Offence) और जेजे (Juvenile Justice) एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने की बात कही। इसे चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा मामला बताया।

क्या है मामला…?

नामली के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल मैनेजमेंट में चाइल्ड लाइन और बाल आयोग की टीम ने जांच की थी। बच्चों ने चाइल्ड लाइन में शिकायत की थी कि स्कूल मैनेजमेंट ने टॉयलेट में CCTV कैमरे लगवा रखे हैं। जांच में 2 बॉयज टॉयलेट में कैमरे लगे मिले थे।

स्कूल से जुड़े पुराने विवाद…

भारत माता की जय के नारे लगाने पर बच्चों को सस्पेंड कर दिया था

2018 में भारत माता की जय के नारे लगाने पर सेंट जोसेफ स्कूल (नामली) के बच्चों को सजा के तौर पर सस्पेंड कर दिया गया था। इसे लेकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने स्कूल का घेराव कर दिया था। बच्चों का सस्पेंशन वापस लेने के बाद मामला शांत हुआ था।

कुमकुम-चंदन और तिलक लगाकर आए बच्चों को रोकने पर विवाद

इसी साल एक महीने पहले बच्चों को तिलक और कुमकुम-चंदन का टीका लगाकर आने पर रोका गया था। सेंट जोसेफ स्कूल मैनेजमेंट (नामली) के इस आदेश का पेरेंट्स ने विरोध किया था, तब जाकर इस आदेश को वापस लिया गया था।

17 साल की ट्रेनी नन ने लगा ली थी फांसी

रतलाम शहर में सेंट जोसेफ स्कूल की मैन ब्रांच है। इसी साल 8 महीने पहले यहां 17 साल की ट्रेनी नन ने फांसी लगा ली थी। डिनर के बाद नन अपने कमरे में गई थी। मैनेजमेंट के लोग ही उसे फंदे से उतारकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। नन अलीशान, ओडिशा की रहने वाली थी। यहां वह क्लास 11th की स्टूडेंट थी।

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