पहली बार सुप्रीम कोर्ट में बनेगी ग्रीन बेंच ..!
जस्टिस चंद्रचूड़ की संविधान पीठ की वकीलों से अपील- अगली सुनवाई में कोई भी कागज न लाएं …
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को दिल्ली और केंद्र सरकार के एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी बेंच ग्रीन बेंच होगी। उन्होंने केस से जुड़े वकीलों से भी 27 सितंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान कोई भी कागजात या फिजिकल डॉक्यूमेंट नहीं लाने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री और आईटी सेल के अधिकारी शनिवार को वकीलों को दलील देने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दे सकते हैं।
5 जजों की बेंच कर रही है सुनवाई
राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की 5 जजों की बेंच कर रही थी। इसी दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “हम इसे पूरी तरह से ग्रीन बेंच रखेंगे ताकि कोई कागजात न हो। कृपया आप कागजात न लाएं।”
वकील ने टेक्नोलॉजी को रोड़ा बताया
जब एक वकील ने टेक्नोलॉजी का उपयोग करने में कठिनाई व्यक्त की, तो जस्टिस एमआर शाह ने उनसे कहा कि हमें भी ट्रेनिंग मिली है, एक न एक दिन आपको भी शुरू करना ही होगा। वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सेक्रेटरी जनरल और आईटी सेल के हेड टेक्नोलॉजी के उस्ताद हैं। वे शनिवार को इसका इस्तेमाल सिखाने के लिए सीनियर्स को ट्रेनिंग देने तैयार हैं।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि “यदि आप कोर्ट में बहस कर सकते हैं, तो आप इसे भी आसानी से अपना सकते हैं।”
रजिस्ट्री प्रोवाइड कराएगी सॉफ्ट कॉपी
कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच ने राजधानी में IAS पर कंट्रोल को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद मामले में सुनवाई शुरू करने 11 अक्टूबर की डेट दी है। बेंच ने आदेश में कहा कार्यवाही पेपरलेस होनी चाहिए। रजिस्ट्री को पेपरबुक्स को स्कैन करके बेंच और पार्टियों को देने निर्देश दिया गया है।
दिल्ली-एलजी मामले के अलावा यह संविधान पीठ शिवसेना विवाद, नागरिकता कानून की धारा 6ए की वैधता और अनुच्छेद 334 के तहत लोकसभा और विधानसभा में एस/एटी को दिए गए आरक्षण से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही है।