नगर निगम ग्वालियर : न हर घर से उठ रहा कचरा न लैंडफिल साइट पर निपटान, बह रहा सीवर का पानी
झूठे दावों की खुली पाेल ..न हर घर से उठ रहा कचरा न लैंडफिल साइट पर निपटान, बह रहा सीवर का पानी
स्वच्छ सर्वेक्षण का रिजल्ट आने के बाद नगर निगम के अधिकारी भले ही अपने पक्ष में सफाई दे रहे हों, लेकिन हकीकत में शहर में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन 100 फीसदी नहीं हो पा रहा है। प्रदेश की पहली अत्याधुनिक लैंडफिल साइट का गौरव होने के बाद भी कचरे का निपटान नहीं हो पा रहा है।
इतना ही नहीं सीवर सफाई के लिए दस करोड़ रुपए का ठेका होने के बाद भी सीवर लाइनें चोक हैं। निगम के अधिकारी कुछ भी कहें लेकिन सफाई को लेकर परेशान शहर के लोगों के लिए ये रिजल्ट अप्रत्याशित नहीं है। कॉलोनी-मोहल्लों में झाड़ू लगवाने और कचरा उठवाने के लिए लोगों को सिफारिश लगवाना पड़ रही हैं। रिजल्ट आने के बाद अफसर दबी ज़ुबां में दुहाई दे रहे हैं कि वाटर प्लस और 7 स्टार मिलता तो रिजल्ट कुछ और होता। टीम ने सर्वे कर हकीकत बता दी।
66 करोड़ खर्च, नतीजा शून्य
निगम ने साल 2022 के सर्वे के ऊपर साल भर में करीब 66.50 करोड़ रुपए की राशि खर्च की है। सफाई मित्र के लिए कार्यक्रम कर अतिथियों से किट और पानी की बोतल दिलाई गईं। कागजों में मिल गईं। लेकिन हकीकत में नहीं पहुंची।