ग्‍वालियर में दीवारों में सीलन देखने पीआईयू अफसर, जेएएच अधीक्षक पहुंचे हजार बिस्तर

हजार बिस्तर अस्पताल की दीवारों सीलन देखने के लिए पीआईयू के अफसर व जेएएच अधीक्षक पहुंचे। दीवारों में सीलन को देख पीआईयू के अतिरिक्त परियोजना संचालक वीके अरख जेपी कंस्ट्रेक्शन कंपनी के इंजीनियरों को दीवारों में बैठ रहे बारिश के पानी की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए।

ग्वालियर : हजार बिस्तर अस्पताल की दीवारों सीलन देखने के लिए पीआईयू के अफसर व जेएएच अधीक्षक पहुंचे। दीवारों में सीलन को देख पीआईयू के अतिरिक्त परियोजना संचालक वीके अरख जेपी कंस्ट्रेक्शन कंपनी के इंजीनियरों को दीवारों में बैठ रहे बारिश के पानी की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए। इधर जेएएच अधीक्षक ने पहली बारिश में ही अस्पताल निर्माण में हुई लापरवाही की पोल खुलना बताया। जिसकी जानकारी भोपाल में बैठे स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों तक पहुंचाने की बात कही है। वहीं वीके अरख का कहना है कि कुछ स्थानों पर सीलन दिखाई दे रही है उसे दूर कराया जाएगा बाकी का काम लगभग पूरा हाे चुका है। रही बात पीएचई द्वारा पाइप लाइन डालने व विद्युत कनेक्शन की तो वह मेडिकल कालेज प्रबंधन का काम है। अस्पताल की सुपुर्दगी के बाद यह काम जीआरएमसी प्रबंधन को स्वयं ही कराना होगा। जबकि निर्माण संबंधी काम को वह पूरा करके देंगे।

पीआईयू के अफसरों को एक जगह दिखी सीलन

हजार बिस्तर अस्पताल के भूतल की दीवारों पर करीब 20 से अधिक दीवालों व पिलर पर सीलन आ चुकी है। लेकिन पीआईयू के अफसरों का कहना है कि उन्हें केवल एक स्थान पर ही सीलन दिखाई दी। जबकि तीनों ब्लाक को जोड़ने वाले सभी स्थानों की दीवालों पर सीलन है इसके अलावा ओपीडी का पर्चा बनाने के लिए जो खिड़कियां बनाई गई हैं वहां के पिलर पर सीलन साफ दिखाई दे रही है। लेकिन पीआईयू के अफसर इन पिलर में आई सीलन को नकारते हुए कहते हैं कि यह तो बारिश की फुआर के कारण सीलन आई है। जबकि अंदर की दीवारों व पिलर पर बारिश का बाहर से पानी आना संभव नहीं है। भवन निर्माण में हुई गड़बड़ी को दूर करने की अपेक्षा उसे छिपाने के प्रयास तेज हो चुके हैं।

खामियों को छिपाया तो मरीज व डाक्टर होंगे परेशान

जीआरएमसी के अफसर और जेएएच अधीक्षक डा आरकेएस धाकड़ दल बल के साथ हजार बिस्तर अस्पताल पहुंचे। उनका कहनाहै कि काफी स्थानों पर बारिश के पानी से सीलन आ चुकी है। उसका कारण छत और दीवार के रास्ते पानी ऊपर से नीचे आ रहा है। यह समस्या छत पर जलभराव के कारण हो सकती है। कुल मिलाकर निर्माण कार्य में हुई गड़बड़ी का यह नतीजा है। जिसकी पूरी जानकारी आला अधिकारियों व चिकित्सा आयुक्त को दी जाएगी। जिससे समय रहते इन खामियों को दूर कराया जा सके। क्येांकि एक बार भवन की सुपुर्दगी हो गई तो फिर परेशानियों के बीच ही डाक्टरों का काम करना होगा जा गलत होगा।

एमटीए ने की मांग पद्मश्री सम्मानित डाक्टरों के नाम पर हो फ्लोर का नाम

मेडिकल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा अविनाश शर्मा ने डीन डा अक्षय निगम को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि हजार बिस्तर अस्पताल में फ्लोर व ब्लाक का नाम पद्मश्री सम्मानित से सम्मानित वरिष्ठ डाक्टरों के नाम पर हो। इसके लिए उन्होंने डाक्टरों के नाम की पूरी सूची उपलब्ध कराई। इसके साथ मेडिकल कालेज के मुख्य गेट के बाहर दोंनो और खुले मैदान में वाहन पार्किंग बनाने की मांग की। इसके अलावा हजार बिस्तर अस्पताल और जयारोग्य अस्पताल परिसर को जोड़ने की मांग की जिससे स्टाफ व मरीज को हजार बिस्तर भवन तक पहुंचने में आसानी होगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *