टारगेट किलिंग के डर से पलायन कर रहे कश्मीरी पंडित ..!

चौधरीगुंड गांव के लोगों ने कहा कि हाल के आतंकवादी हमलों ने उन पंडितों के बीच एक प्रकार का भय पैदा कर दिया है, जो 1990 के दशक में आतंकवाद के सबसे कठिन दौर में भी कश्मीर में रहते थे।

, शोपियां में 10 परिवारों ने छोड़ा अपना गांव …

कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के दशकों बाद भी हालातों में ज्यादा बदलाव नहीं दिख रहा है। घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन आज भी जारी है। 1990 में शुरू हुआ कश्मीरी पंडितों का पलायन 2022 में भी जारी है। मंगलवार को 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के कारण शोपियां जिले में स्थित अपना गांव छोड़कर जम्मू पहुंच गए हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हाल ही में कई लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के बाद उन्होंने ये कदम उठाया है।

इसके अलावा 18 अक्टूबर को शोपियां में अपने किराए के घर में सो रहे मोनीश कुमार और राम सागर आतंकवादियों के ग्रेनेड हमले में मारे गए थे। हाल ही में मौत की धमकी का सामना करने वाले चौधरीगुंड गांव के एक व्यक्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘35 से 40 कश्मीरी पंडितों वाले दस परिवार डर के कारण हमारे गांव से बाहर चले गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि गांव अब खाली हो गया है।

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