MP BJP में परिवारवाद के विरुद्ध फॉर्मूला तय हुआ तो…:

MP BJP में परिवारवाद के विरुद्ध फॉर्मूला तय हुआ तो…:तोमर, भार्गव, शाह, बिसेन के साथ सांसद, विधायकों के परिजनों के टिकट पर संशय

तोमर, भार्गव, शाह, बिसेन के साथ सांसद, विधायकों के परिजनों के टिकट पर संशय ….

परिवारवाद के खिलाफ गुजरात में लागू भाजपा के फॉर्मूले से मप्र में कई नेता पुत्रों के टिकट पर संशय की स्थिति बनने वाली है। पार्टी के संसदीय बोर्ड ने गुजरात चुनाव के लिए साफ किया है कि किसी भी विधायक व सांसद के बेटा-बेटी या परिजन को टिकट नहीं मिलेगा। एक साल में मप्र में भी विधानसभा चुनाव हैं। साफ है कि बेटे-बेटियों के साथ परिजनों के लिए टिकट की आस लगाए बड़े नेताओं को झटका लग सकता है।

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मंत्री गोपाल भार्गव, विजय शाह व विधायक सुलोचना रावत अपने बेटे, विधायक व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी और विधायक नागेंद्र सिंह नागोद अपने रिश्तेदार के टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं। भाजपा में ऐसे विधायकों और सांसदों की संख्या 15 से अधिक है। कई नेताओं ने अभी टिकट को लेकर अपने मंसूबे जाहिर नहीं किए हैं।

ये नेता तो सीधे विधायक या सांसद हैं, लेकिन कई नेता ऐसे भी हैं जो उम्र के क्राइटेरिया या 2018 में मिली हार या किसी पद पर नहीं होने की वजह से टिकट की दौड़ से बाहर हो चुके हैं। मगर पूरी कोशिश में हैं कि पार्टी उनके परिवार में टिकट दे दे। इनमें पूर्व मंत्री जयंत मलैया, गौरीशंकर शेजवार, प्रभात झा सरीखे नेता शामिल हैं।

सीनियर नेताओं का कहना है कि एक राज्य के लिए कोई गाइड लाइन लागू हुई है तो निश्चित रूप से मप्र के साथ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी लागू होगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मप्र में हुई हाल ही की कुछ बैठकों में परिवारवाद को लेकर स्पष्ट कर चुके हैं कि अब पार्टी में इसकी कोई संभावना नहीं है।

इन नेताओं के पुत्रों की दावेदारी
मंत्री भार्गव बेटे अभिषेक के लिए तीन विधानसभा और लोकसभा चुनाव से टिकट मांग रहे हैं। तोमर के बेटे देवेंद्र भी प्रबल दावेदार हैं। विजय शाह बेटे दिव्या दित्य शाह और विधायक सुलोचना बेटे विशाल को चुनाव लड़ाने के प्रयास में हैं। इन्होंने खुलकर अभी कुछ नहीं कहा है। अभिषेक ने कहा कि हम कार्यकर्ता बनकर सालों से काम कर रहे हैं। अब पार्टी को भविष्य तय करना है।

इन नेताओं के रिश्तेदारों को हो सकती है निराशा
गौरीशंकर बिसेन (70) और नागेंद्र सिंह नागोद (80) चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं। बिसेन सार्वजनिक रूप से बेटी मौसम बिसेन को चुनाव लड़ाने की बात कर चुके हैं। नागोद के रिश्तेदार सक्रिय हो गए हैं। गुढ़ से विधायक नागेंद्र सिंह (82) के रिश्तेदार भी टिकट की दावेदारी रख रहे हैं। गुढ़ के नागेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी का जो निर्णय होगा, वो स्वीकार करेंगे। पार्टी को क्षेत्र में सर्वे कराना चाहिए। जो जीतने लायक हो, उसको टिकट देना चाहिए।

मंत्री सकलेचा जता चुके फॉर्मूले पर नाराजगी
भाजपा के संभावित फॉर्मूले पर मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा नाराजगी जता चुके है। उन्होंने कहा था कि कई नेताओं के बच्चे पार्टी में फुलटाइम काम कर रहे हैं, तो क्या आप इसीलिए उनका नाम काटना चाहते हैं। जो फुल टाइम रुटीन में काम करें, उन्हें अवसर मिले।

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