मंत्री बोले-मुझे जूते मारो, डंडे मारो…:ऊर्जा मंत्री तोमर ..!
कहा-अगर मैं निकम्मा तो आज ही रिजाइन कर दूंगा …
नेता अपने वोटर्स को रिझाने के लिए क्या क्या नहीं करते। लेकिन जब जनता रूठ जाए तो फिर क्या करें। शिवराज के एक मंत्री ने ऐसे ही हालात का सामना किया। उन्होंने ऐसा इमोशनल कार्ड खेला कि नाराज जनता के तेवर ठंडे हो गए।
अपने बयानों और कार्यशैली से चर्चाओं में रहने वाले मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सोमवार को वह ग्वालियर में अतिक्रमण हटाने से नाराज लोगों के बीच पहुंचे। यहां उन्होंने कहा- आप लोग मुझे जूते मार लें। डंडे मारें। चाहे पत्थर फिंकवा दें। मैं वही करूंगा, जो शहर और आने वाली पीढ़ियों के हित में होगा। मौके पर मौजूद लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया।
रविवार को ग्वालियर के किलागेट इलाके में नगर निगम और प्रशासन के अफसर अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। यहां जेसीबी चलने लगी, तो लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। लोग हंगामा करने लगे। पुलिस ने लाठियां चलाकर उन्हें खदेड़ा। इसके बाद स्थानीय कांग्रेस नेता भी पहुंच गए थे। पुलिस नेताओं को उठाकर ले गई थी। उन्हें घर में नजरबंद कर दिया। ये इलाका ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्मन सिंह तोमर का विधानसभा क्षेत्र है। लोगों ने क्षेत्रीय विधायक तोमर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अमले ने यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी की थी।
डैमेज कंट्रोल करने पहुंचे ऊर्जा मंत्री
कार्रवाई के बाद क्षेत्रीय लोग काफी नाराज थे। खास तौर पर अपने विधायक से, जो प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री भी हैं। अगले साल विधानसभा का चुनाव होना हैं। ऐसे में प्रद्युम्न सिंह तोमर की मुसीबत बढ़ सकती है, इसलिए दोपहर में ऊर्जा मंत्री तोमर नाराज लोगों के बीच पहुंचे। लोगों ने मंत्री के सामने भी गुस्सा जाहिर किया। यहां लोगों ने नाराजगी जताई। कुछ ने कहा, अब आ गए, कल कहां थे। किसी ने बिना नोटिस के तोड़फोड़ का आरोप लगाया।
बोले- आप कहें तो रिजाइन दे दूं
‘मैं सबको नहीं बुला रहा हूं, संतुष्ट करने के लिए। अगर आप असंतुष्ट हैं। यदि आप समझते हैं कि मैं निकम्मा हूं, तो आपके किसी काम का नहीं हूं। आपके साथ अन्याय किया है, तो मैं क्षत्रिय बालक हूं। आप कहें तो आज ही रिजाइन कर देता हूं। अगर आपको विश्वास नहीं है। मुझे कुछ नहीं कहना। ना ही मुझे तोड़फोड़ पर कुछ कहना। आपको लाठी चलानी है, लाठी चलाएं, मुझे जूते मारना है, जूते मारिए, पत्थर फेंकना, पत्थर फेंकिए, लेकिन कह देता हूं, वह काम जरूर करूंगा, जो आने वाली पीढ़ियों और ग्वालियर का भला होगा।
अगर नहीं है भरोसा, नेताओं की तरह मुझे भी गिनना चाहते हैं, तो मुझे कोई तकलीफ नहीं होगी। ये मेरा कोई चुनावी भाषण नहीं है। मैं आपकी बात सुनूंगा। आपको गाली देना है, गाली दीजिए। जो करना है, करिए। आपके कुछ साथी मेरे पास आए। इससे पहले भी सिर रखकर कहा था कि प्रशासन कार्रवाई करेगा।
प्रशासन मुझ पर आरोप लगाता है कि आप कार्रवाई नहीं होने दे रहे हैं। मैं तो आपका सेवक हूं, इसीलिए आपके पास आया हूं। मैं चाहता हूं कि कोई बीच का रास्ता निकाला जाए। आप मेरे साथ चलो। जिला प्रशासन को लेकर बैठकर बात करते हैं। बीच का रास्ता निकालते हैं, जिससे आपको न्याय मिल सके। विकास के काम भी प्रभावित न हो। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना। मैंने प्रशासन से कहा है, आप जो सहमति देंगे लिखकर, उसके हिसाब से कार्रवाई होगी।’
लंबे समय से अटका है सड़क चौड़ीकरण का प्रोजेक्ट
ग्वालियर के किलागेट चौराहा से लेकर फूलबाग सेवा नगर तक सड़क चौड़ीकरण का प्रोजेक्ट लंबे समय से अटका है। यह मार्ग इतना संकरा है कि उसे चौड़ा करने के लिए बड़े स्तर पर अतिक्रमण हटाना होगा। यहां पुराने किले के जमाने की बसाहट है। अतिक्रमण में करीब 40 लोग ऐसे हैं, जिनका पूरा मकान या दुकान ही अतिक्रमण की जद में आ रही है। ऐसे में कई वर्षों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का विरोध हो रहा था। डेढ़ साल पहले भी प्रशासन नोटिस देकर कार्रवाई नहीं कर पाया था।