इंदौर में बच्चों के खेलने की जगह पर ‘बिल्डिंग’:गार्डन की जमीन पर बनाई पानी की टंकी और जोनल दफ्तर, पूर्व पार्षद को फाइल देने में लगा दिए 2 साल, जोनल अधिकारी पर 25 हजार रु. जुर्माना

राज्य सूचना आयोग ने निगम के एक जोनल अधिकारी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका है। मामला वार्ड 52 में स्थित बगीचे की जमीन पर निगम द्वारा पानी की टंकी और जोनल कार्यालय का निर्माण करवाने का है। पूर्व पार्षद ने मामले को आयोग के समक्ष रखते हुए दस्तावेज और फाइल दिखाने के लिए आवेदन किया था। आयोग के कहने के बाद भी फाइल दिखाने में काफी समय लिया गया।

आयोग ने इसे आदेश का उल्लंघन मानते हुए जोनल अधिकारी पर पैनल्टी लगाई। साथ ही, समय सीमा में रुपए नहीं जमा करने पर वेतन से रुपए काटकर आयोग के खाते में जमा करने के आदेश निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल को जारी किए हैं। हालांकि मामले में जोनल अधिकारी का कहना है, फाइल उन्होंने दिखाने के साथ ही संंबंधित दस्तावेज भी दिए थे। पैनल्टी की बात अभी नहीं आई है।

यह है मामला
कांग्रेस महासचिव और पूर्व पार्षद दिलीप कौशल का कहना है, इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित काॅलोनी स्कीम नंबर 94 सेक्टर-एच में बगीचे के लिए आरक्षित जमीन पर निगम ने पहले पानी की टंकी और बाद में जाेन क्रमांक 18 कृषि विहार जाेन के भवन का निर्माण करवा दिया था। ऐसे में यहां बगीचे की जमीन इस निर्माण कार्य में चली गई थी, क्योंकि मैं पार्षद था, इसलिए इसकी शिकायत रहवासियों ने की थी।

शिकायत के बाद मैंने सूचना के अधिकार के तहत 12 सितंबर 2017 को नगर निगम में आवेदन देकर जाेन – 18 के निर्माण की फाइल को देखने के साथ ही दस्तावेजों की मांग की। मेरे आवेदन देने के बाद भी जोनल अधिकारी की ओर से मुझे न तो फाइल दिखाई गई और न ही दस्तावेज दिए गए। इसके बाद 10 अक्टूबर 2017 को 20 पेज की जानकारी के लिए 40 रुपए जमा करने का एक पत्र मुझे दिया गया। मैंने रुपए जमा करवा दिए, लेकिन इसके बाद भी काम नहीं हुआ। आपत्ति लेने पर 16 जनवरी 2018 को फिर से जोनल अधिकारी ने 50 रुपए जमा करवाने का एक पत्र दिया। यह राशि भी मैंने जमा करवा दी। इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने पर मैंने राज्य सूचना आयोग के समक्ष अपील की।

राज्य सूचना आयोग ने अपील को स्वीकार कर सुनवाई का नोटिस जारी किया। इसके बाद जोनल अधिकारी ने 7 सितंबर 2019 को फाइल दिखाने के साथ ही 177 पेज की जानकारी भी बिना फीस के दी। साथ ही, आयोग के समक्ष आवेदन पेश कर जानकारी देने की बात बताते हुए अपील को समाप्त करने की मांग की। इस पर आयोग ने जानकारी देने में विलंब पर जोनल अधिकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा-3, धारा-7 के उलंघन का दोषी माना और 25000 रुपए का जुर्माना लगाकर जवाब मांगा है।

कौशल के अनुसार आयोग ने 27 अगस्त 2021 के पहले उक्त राशि जोनल अधिकारी को बैंक में जमा करवाने हैं। ऐसा नहीं करने पर उनके वेतन से 25000 रुपए काटकर आयोग के बैंक खाते में जमा कराने के आदेश नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल को दिए हैं।

कौशल का कहना है, नगर निगम द्वारा शहर में बच्चों के खेलने के लिए स्थित अनेक बगीचों में जोनल कार्यालय और पानी की टंकिया बनाई गई है, जिस कारण शहर में बगीचों की संख्या कम होती जा रही है, जबकि सरकार के मास्टर प्लान 2021 अनुसार निर्धारित किए गए बगीचों को विकास कर सुरक्षित रखने का दायित्व नगर निगम का है।

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