मुरैना पुलिस में सब कुछ ठीक नहीं!:कहीं जूतम पैजार, तो कहीं हाथापाई, आत्महत्या तक करने की कोशिश कर चुका सिपाही

  • पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारियों की बुलाई बैैठक

जिले की पुलिस अपनों से ही नाराज है। दो दिन पहले एसपी ऑफिस के बड़े बाबू जो एसआई रैंक के हैं। एक एएसआई के बीच जूतम पैजार हो गई। वजह थी, बेवजह परेशान करना। एक माह पहले सिविल लाइन थाने में दो एएसआई रैंक के अधिकारी रात में आपस में भिड़ गए। दोनों में जमकर हाथापाई हुई। लड़ाई इतनी बढ़ गई, थाने का गेट तक तोड़ डाला। सुबह जब सीनियर अधिकारियों को पता लगा तो एक को लाइन हाजिर कर दिया। लाइन हाजिर अधिकारी अभी तक बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है।

इससे पहले पुलिस लाइन में मौजूद एक सिपाही सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या करने जा रहा था, ऐन वक्त पर उसे बचा लिया गया। बाद में उसे रामपुर थाने भेज दिया। इन घटनाओं से स्पष्ट है कि मुरैना पुलिस अपने लोगों से ही असंतुष्ट है। इसका कारण सिर्फ अधिकारों का हनन और भ्रष्टाचार बताया जा रहा है। फिलहाल, मामले को लेकर आज, एसपी ऑफिस में पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने सभी थाना प्रभारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में पूछा जाएगा, आखिर ऐसी भी क्या नाराजगी है?
केस क्रमांक-1
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ एक एसआई रैंक के बड़े बाबू (क्लर्क) ओपी शर्मा को एएसआई नीरज परमार ने पीट दिया। घटना शनिवार शाम की है। बताया जाता है, दोनों के बीच जमकर जूतम पैजार हुई। एएसआई कुछ दिनों पहले अवकाश लेकर गए थे। वह 7-8 दिन पहले छुट्‌टी से वापस भी आ गए थे। वापस आने पर एएसआई अपनी आमद दर्ज कराकर ज्वाइन करने, बड़े बाबू के चक्कर लगा रहे थे। बड़े बाबू आमद दर्ज करा नहीं रहे थे।

एएसआई की कमजोरी यह थी, वह जितने दिन का अवकाश लेकर गए थे, उससे कहीं अधिक दिनों की छुट्‌टी बिताकर लौटे थे। बड़े बाबू इस मौके को भुनाना चाहते थे। जब, पानी सिर से ऊपर उठा तो एएसआई बड़े बाबू पर चिल्लाकर बोले, एसपी साहब, मुझे बर्खास्त कर देंगे, तब मानोगे क्या ? आवेश में आकर बड़े बाबू ने भी गाली गलौज कर दी। फिर क्या था, पहले से परेशान एएसआई व बड़े बाबू में हाथा-पाई हुई और फिर बात जूतम पैजार तक पहुंच गई। सूत्रों की मानें तो, इस बीच कार्यालय के कुछ लोग बड़े बाबू को बचाने आए तो, एएसआई गुस्से में बोले कि, इस बड़े बाबू से आप लोग त्रस्त न हो, तो ही इसे बचाना। बाद में ऑफिस के लोगों ने मामला शांत कराया। बाद में दोनों को एसपी ललित शाक्यवार ने अपने चैंबर में बुलाकर समझा-बुझाकर शांत करा दिया।
केस नंबर-2
एक माह पहले, शहर के सिविल लाइन थाने में दो एएसआई रात में आपस में भिड़ गए। वजह यह थी कि एएसआई कमलेश जाटव का स्थानान्तरण थाना प्रभारी विनय यादव ने रामपुुरा चौकी पर कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि अपने स्थानान्तरण से नाराज एएसआई कमलेश जाटव ने रात में शराब पीकर, थाना प्रभारी को गालियां दीं। इस दौरान वहां मौजूद एक अन्य एएसआई लक्ष्मन गौण ने उन्हें रोका तो वह उस पर भी हावी हो गया। देखते ही देखते दोनों आपस में भिड़ गए और थाने के टीआई के चेंबर का गेट तोड़ डाला। सुबह जब थाना प्रभारी विनय यादव को इस बात का पता लगा तो उन्होंने एएसआई कमलेश जाटव को लाइन हाजिर कर दिया। अभी तक एएसआई कमलेश जाटव लाइन हाजिर हैं, और अपने कियेे पर पछता रहे हैं।
केस नंबर-3
एक माह पूर्व, एसडीओ श्रद्धा पांढ़रे ने एक ट्रेक्टर ट्राली को जब्त किया। वह उसे लेकर सिविल लाइन थाने पहुंची। उनके साथ वन विभाग का अमला भी मौजूद था। वह ट्रेक्टर ट्राली को सिविल लाइन थाने को सुपुर्द करने पहुंची थीं। लेकिन यह बात थाने के स्टॉफ को नागवार गुजरी। वहां मौजूद एक दीवान ने उन्हें ट्रेक्टर ट्राली की जब्ती लेने से इंकार कर दिया। इससे भी जब उसका मन नहीं भरा तो वह उनके स्टॉफ से बोला कि यहां से ट्रेक्टर ट्राली ले जाओ, वरना एक रिपोर्ट तुम्हारे खिलाफ डाल दूंगा। बताया जाता है कि यह सारा ड्रामा थाना प्रभारी की शह पर किया गया था। बाद में इस बात को लेकर एसडीओ ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी।
केस नंबर-4
20 अप्रेल, 2021 की बात है। पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक राहुल अटेरिया ने सुसाइड नोट लिखकर आत्म हत्या करने का प्रयास किया। ऐन, वक्त पर उसके कुछ अधिकारियों को इस अनहोनी की खबर लग गई तो, उन्होंने उसे बचा लिया। उसकी शिकायत आरआई कृष्णपाल सिंह तोमर से थी। उसका कहना था कि आरआई उसकी वापसी नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह उसका अवकाश पर जाना था। इसके अलावा उस पर अपनी सर्विस रायफल से शादी समारोह में हर्ष फायर करने का भी आरोप था। इस मामले की जांच चल रही थी। आरआई का कहना था कि उसने शराब पी रखी थी। जांच में यह सिद्ध हो चुका है। बताया जाता है कि बाद में आरक्षक से माफी नामा भी लिखवाया गया। फिलहाल, आरक्षक राहुल अटेरिया ने सुसाइड नोट लिखकर आरआई की काफी किरकिरी कर दी। बाद में आरआई ने भी अपनी जान छुड़ाते हुए उसे रामपुर चौकी में पदस्थ कर दिया।
केस नंबर-5
हेड कान्सटेबल मालती पाराशर पुलिस लाइन के आरआई कृष्णपाल सिंह तोमर से बहुत खफा हैं। लगभग एक माह पहले उन्होंने पत्रकारों को बुलाकर कहा कि आरआई उनसे उनका शासकीय क्वार्टर खाली करवाना चाहते हैं। वह इस बारिश के मौसम में अपने परिवार को लेकर कहां जाएंगी। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने रोते हुए आरआई पर कई आरोप लगाए। बाद में आरआई ने इस मामले में रुचि लेना बंद कर दिया। मामला अपने आप शांत हो गया।

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