ग्वालियर-चंबल अंचल : लाइसेंसी हथियारों की बिक्री में 20% तक इजाफा …!

11 महीने में बने 1117 शस्त्र लाइसेंस, 8 साल में सर्वाधिक …

ग्वालियर-चंबल अंचल में शस्त्र रखना शान माना जाता है। यही कारण है कि शस्त्र लाइसेंस की संख्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है। साल 2022 की बात करें तो अब तक यानी 11 माह में 1117 शस्त्र लाइसेंस बने हैं, जो पिछले 8 साल की तुलना में सबसे ज्यादा हैं। यह स्थिति भी तब है जब कलेक्टर ने 1,100 आवेदन निरस्त कर दिए। ग्वालियर जिले में लाइसेंसी हथियारों की संख्या 34 हजार 554 तक पहुंच गई है। यह अंचल के अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि जिले में हर महीने 600 से अधिक आवेदन जमा होते हैं पर बहुत जरूरी होने पर इनमें से लाइसेंस सिर्फ 20-25 के बनाए जाते हैं। इनमें सुरक्षा गार्ड के लिए नौकरी करने वाले आवेदकों की संख्या ज्यादा रहती है।

लाइसेंस बढ़ने के 2 बड़े कारण
1 इस साल 226 फौती लाइसेंस बने हैं। कोविड काल में कई लाइसेंसधारियों का निधन होने से प्रशासन के पास फौती के आवेदन इस साल ज्यादा पहुंचे हैं।

2 इस साल वृद्धावस्था के प्रकरण भी ज्यादा 178 रहे। इसमें लाइसेंसधारी की उम्र ज्यादा होने पर लाइसेंस को लोग ट्रांसफर करा लेते हैं।

कारोबार में 20 फीसदी तक वृद्धि हुई
शस्त्र कारोबारी अशोक अग्रवाल के मुताबिक लाइसेंसी हथियार व कारतूस की बिक्री में 20 फीसदी तक वृद्धि हुई है। सर्वाधिक 90 फीसदी बिक्री इन दिनों 12 बोर और रायफल की हो रही है। अग्रवाल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में चुनाव के पहले लाइसेंसी हथियार के लिए आवेदन ज्यादा जमा होते रहे हैं। इस बार भी चुनाव से पहले ऐसी स्थिति बन सकती है।

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