‘सरकार और न्यायपालिका एक ही माता-पिता के बच्चे, आपस में लड़ना-झगड़ना ठीक नहीं’- किरण रिजिजू

किरण रिजिजू ने कहा कि, सरकार भारतीय न्यायपालिका का समर्थन करने और उसे मजबूत करने के लिए हमेशा मौजूद रहेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इसकी स्वतंत्रता अक्षुण्ण रहे और इसे बढ़ावा दिया जाए।
पिछले कुछ समय से सरकार और न्यायपालिका कई विषयों पर अलग राय रखते आए हैं। जिससे कई बार विवाद की स्थिति बन चुकी है। जिसके बाद शुक्रवार को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका भाइयों की तरह हैं, इन्हें आपस में लड़ना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कभी भी न्यायपालिका के अधिकार को कमजोर नहीं किया है और वह हमेशा यह सुनिश्चित करेगी कि उसकी स्वतंत्रता अछूती रहे और सवंर्धित हो। उन्होंने संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर उच्चतम न्यायालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “हम एक ही माता-पिता के बच्चे हैं। हम भाई-भाई हैं। आपस में लड़ना-झगड़ना ठीक नहीं है। हम सब मिलकर काम करेंगे और देश को मजबूत बनाएंगे।’’

‘दोनों को मिलकर काम करना चाहिए’

कानून मंत्री ने कहा कि भारत सरकार हमेशा भारतीय न्यायपालिका का समर्थन करेगी और इसे सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों को मिलकर काम करना चाहिए और एक-दूसरे का मार्गदर्शन करना चाहिए। अपने संबोधन में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत एक संपन्न लोकतंत्र है और एक संस्थान को सफल बनाने के लिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तंत्र में लोगों को उचित श्रेय और मान्यता दी जाए।

‘अगर सीजेआई को कमजोर होगा उच्चतम न्यायालय कमजोर’

उन्होंने कहा, “नेता कमजोर होता है तो देश कमजोर होता है। अगर सीजेआई को कमजोर किया जाता है, तो यह खुद उच्चतम न्यायालय को भी कमजोर करने के बराबर है। अगर शीर्ष अदालत कमजोर हो जाती है, तो यह भारतीय न्यायपालिका को कमजोर करने के बराबर है।’’ रिजिजू ने कहा कि अस्थिरता देश को कमजोर करती है और प्रधानमंत्री देश का निर्वाचित नेता होता है। उन्होंने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री का सम्मान किया जाता है तो देश की छवि बेहतर होती है।’’

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