सिरोंज का कन्यादान घोटाला ..!
जेल से आए वीआईपी मरीज; बीमारी मामूली, लेकिन एक महीने से हैं हमीदिया के मेहमान …
हमेशा चर्चाओं में रहने वाला हमीदिया अस्पताल पिछले एक महीने से वीआईपी बंदियों-कैदियों की आवभगत में लगा है। इनमें दो डॉक्टर (एक सजायाफ्ता और एक हिरासत में) हैं और एक निलंबित मुख्य कार्यपालन अधिकारी (हिरासत में)। सिरोंज का कन्यादान घोटाला हो या कथित पत्रकार प्यारे मियां के लिए नाबालिग का अबॉर्शन करने वाला आरोपी या फिर गरीबों के लिए आई आयुष्मान योजना पर डाका डालने वाला डॉक्टर। भास्कर ने इन तीनों वीआईपी बंदी-कैदी की बीमारी के बारे में पड़ताल की।
हमीदिया के रिकॉर्ड से इसकी जानकारी लेकर मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. हेमंत पांडे से समझा। डॉ. पांडे ने इनके बीमारी रिकॉर्ड को देखकर साफ कहा कि ऐसी मामूली बीमारी के मरीज तो रोज ओपीडी में आते हैं। डॉ. हेमंत मित्तल को भर्ती रखने में बीमारी ही स्पष्ट नहीं है। डॉ. विवेक परिहार को पैरों में क्लॉटिंग बता रहे हैं। अगर विशेष कारणों से भर्ती भी रखना है तो ज्यादा से ज्यादा खींचकर 15 दिन। अगर 15 दिन में ठीक नहीं हुए तो इन्हें दिल्ली रेफर करना चाहिए।
……. इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि इन्हें सेंट्रल जेल में मोबाइल और परिवार मुहैया नहीं था जो अस्पताल में पुलिस अभिरक्षा में आसानी से मिल गया है। ये तीनों सेंट्रल जेल के डॉक्टरों से बात करके चैकअप के लिए हमीदिया अस्पताल लाए गए, लेकिन डॉक्टरों की विशेष देखभाल के कारण इन्हें हमीदिया ऐसा रास आया कि एक महीने से ज्यादा समय होने के बाद भी यहीं हैं। यहां न तो इनकी बीमारी ठीक हो रही और न ही जांच रिपोर्ट आ रही हैं जिससे कि पता चल सके कि ये कब वापस जेल जा सकेंगे।
डीप वेन थ्रम्बोसिस – हमारे पैरों में दो तरह की नसें होती हैं। एक तो जो स्किन के पास में होती हैं यानी ऊपरी सतह पर और दूसरी जो गहराई में होती हैं इन्हें डीप वेन्स कहते हैं। ये नसें लंग्स और हार्ट तक दूषित ब्लड सप्लाई का काम करती हैं। फिर हार्ट से यह ब्लड प्यूरीफाय होकर पूरी बॉडी में पहुंचाया जाता है। डीप वेन थ्रम्बोसिस होने पर पैरों की इन्हीं गहराई वाली नसों में खून के थक्के जम जाते हैं। यानी ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है और दूषित ब्लड लंग्स और हार्ट तक नहीं पहुंच पाता इससे सूजन और दर्द होने लगता है।
वास्कुलिटिस – वास्कुलिटिस एक सूजन-संबंधी बीमारी है जो रक्त वाहिकाओं, धमनियों, नसों और केशिकाओं को प्रभावित करती है। यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों में परिवर्तन करता है जो रक्त प्रवाह को प्रतिबंधित करता है और अंततः ऊतक और अंगों को नुकसान पहुंचाता है।
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आयुष्मान योजना में एक करोड़ से ज्यादा का फर्जी क्लेम लिया; बीमारी- पैरों में तकलीफ
ये 19 अक्टूबर 2022 से सेंट्रल जेल से हाइपरटेंशन सहित हार्ट संबंधित दिक्कत बताकर हमीदिया अस्पताल आया। अभी पैरों में क्लाॅटिंग (डीप वेन थ्रॉम्बोसिस) की शिकायत बताकर भती हैं। आरोप – आयुष्मान योजना में एक करोड़ रुपए का फर्जी क्लेम ले चुका था। 50 लाख रुपए की दूसरी किस्त मिलने से पहले पकड़ाया।
एक्सपर्ट – भर्ती की जरूरत नहीं। 10 दिन में ठीक हो सकती है बीमारी।
कोरोना काल में सीएम कन्यादान योजना के नाम पर 5923 शादियां कराईं; बीमारी- यूरिन संबंधी
20 अक्टूबर 2022 से भर्ती हैं। यूरिन संबंधी बीमारी बताकर अस्पताल में भर्ती हुआ है। आरोप – लॉकडाउन के दौरान 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता के नाम पर राशि वितरित की। 2019 से 2021 के बीच 5923 शादियां कराईं। सभी हितग्राहियों को 51-51 हजार वितरित करना बताया, लेकिन पैसा किसी के पास नहीं पहुंचा।
एक्सपर्ट – मरीज ठीक नहीं हो रहा था तो दिल्ली एम्स रेफर करना था।
नाबालिग का अबॉर्शन कराने में 5 साल की सजा, बीमारी – वास्कुलिटिस
23 अक्टूबर 2022 से भर्ती। डॉक्टरों को बीमारी समझ नहीं आई तो भर्ती कर लिया। डॉक्टरों के अनुसार मित्तल वास्कुलिटिस बीमारी से पीड़ित हैं।
आरोप – प्यारे मियां कांड में नाबालिग का अबॉर्शन किया था। सजा हो चुकी है। एक्सपर्ट – यह बीमारी इतनी गंभीर नहीं कि मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़े।
एक महीने से इलाज- डॉक्टर बोले- जांच के बाद पता चलेगा, क्या बीमारी है
“डॉ. विवेक परिहार की जांचें अंतिम चरण में हैं। सारी जांचों के बाद पता चलेगा कि बीमारी क्या है। डॉ. हेमंत मित्तल की हार्ट रेट सामान्य से ज्यादा है। बीपी भी बढ़ा हुआ है। जिसे सामान्य किया जा रहा है। कुछ जरूरी जांच के बाद तय होगा कि सर्जरी होना है या नहीं।”
– डॉ. प्रवीण शर्मा, कार्डियोथोरेसिक सर्जन, हमीदिया
रिकॉर्ड देखकर बीमारी बता पाऊंगा
“आप मरीज का नाम लिखकर भेज दीजिए। मरीज की जानकारी अस्पताल के रिकॉर्ड से देखकर बता पाऊंगा।’
– डॉ यशपाल रमोले, यूरोलॉजिस्ट, हमीदिया अस्पताल