भिंड : कलेक्टर ने लगाया 1 लाख तक का जुर्माना …!

भिंड में CM हेल्पलाइन को लेकर अफसरों की लापरवाही …

भिंड जिले में सीएम हेल्पलाइन का निराकरण समय सीमा अवधि में न करने पर पांच अफसर लापरवाह बने हुए। अफसरों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए भिंड कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने जनपद सीईओ भिंड एक लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा भिंड नगर पालिका सीएमओ , लहार जनपद सीईओ व गोहद और भिंड तहसीलदार पर अर्थदंड लगाते हुए जानकारी भोपाल मुख्यालय में भी भेजी जा है।

बीते रोज भिंड कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने जिले में सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज होने वाली शिकायतों की समीक्षा की गई। इस समीक्षा बैठक में सबसे ज्यादा लापरवाह भिंड जनपद के सीईओ राजेश गौड़ रहे।

भिंड कलेक्टर ने पाया कि भिंड जनपद सीईओ गौड़ द्वारा 131 प्रकरणों में 429 दिवस में समाधान नहीं कराया गया। समय अवधि में निराकरण न करने पर भिंड जनपद सीईओ पर 1 लाख 07 हजार 250 रुपए का अर्थ दंड लगाया गया।

इसी तरह भिंड नगरपालिका सीएमओ वीरेन्द्र तिवारी पर 54 हजार का अर्थदंड लगाया गया। सीएमओ तिवारी ने सीएम हेल्पलाइन के 140 प्रकरणों में लेटलतीफी बरती और 216 दिवस में निराकरण नहीं किए। इस वजह से अर्थदंड लगाया हैं।

तहसीलदार गोहद अनिल पटेल पर 69 प्रकरणों में 110 दिवस के विलंब पर 27500 रुपए के अर्थदंड लगाया गया हैं। भिंड तहसीलदार ममता शाक्य पर 27 प्रकरणों में 27 दिवस के विलंब पर 6750 रुपए,सीईओ जनपद पंचायत लहार अरूण त्रिपाठी पर 16 प्रकरणों में 48 दिवस के विलंब होने पर 12000 रुपए अर्थदंड लगाया गया है।

इन सभी अधिकारियों को नोटिस जारी कर कलेक्टर ने जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इन अफसरों द्वारा स्वयं के बचाव को लेकर जवाब प्रस्तुत किए हैं। इन अफसरों द्वारा दिए गए जवाब की कॉपी भोपाल मुख्यालय भेजी जा रही है। भोपाल स्तर के अफसर भिंड जिले के अफसरों द्वारा भेजे गए जवाब को वैरीफाई करेंगे। सबसे खास बात यह है कि भोपाल मुख्यालय के अफसर यद्यपि संतुष्ट नहीं हुए तो इन अफसरों गाज गिरना तय माना जा रहा है।

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