डबल इंजन की सरकार पर भारी ‘नेताजी‘ की सहानुभूति लहर …

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के लिहाज से बेहद अहम सीट है। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई इस सीट पर अखिलेश ने अपनी पत्नी को मैदान में उतारा। ताजा आंकड़ों के अनुसार डिंपल यादव सवा दो लाख से ज्यादा वोट से आगे हैं। जानिए क्या हैं समीकरण।

मैनपुरी उपचुनाव: उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह यादव की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव जीत की ओर अग्रसर हैं। वे इस समय सवादो लाख से अधिक वा मुलायम सिंह यादव यानी ‘नेताजी‘ के निधन के बाद यह सीट रिक्त हुई थी। इस सीट पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा था।

चुनाव में आरजेडी, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम जैसी पार्टियों ने मुलायम सिंह यादव की रही इस सीट पर सहानुभूति के रूप में अपने प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे थे। हालांकि बीजेपी ने इस सीट को जीतने की भरसक कोशिश की। बीजेपी ने रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा, लेकिन यूपी की बीजेपी सरकार यानी बीजेपी की केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार पर ‘नेताजी‘ की सहानुभूति लहर भारी पड़ी।

मैनपुरी उपचुनाव की मतगणना में शुरू से ही डिंपल यादव ने अपने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के रघुराज शाक्य से बढ़त बनाए रखी। पहले 24 हजार, फिर 50 हजार से अधिक और फिर 1 लाख से अधिक वोट, फिर सवा दो लाख से अधिक वोटों से वे आगे रहीं। जैसे जैसे मतगणना आगे बढ़ती रही,ए डिंपल और शाक्य के वोटों का अंतर भी आगे बढ़ता रहा।

सपा के लिए मुलायम सिंह यादव की सहानुभूति लहर

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने जिस तरह से अपनी पत्नी डिंपल को मैदान में उतारा और हाल ही में चाचा शिवपाल यादव ने भी अपनी बहू के लिए प्रचार में जितना जोर लगाया है, उससे सपा इस बात पर आश्वस्त थी कि मैनपुरी चुनाव का परिणाम उनके पक्ष में ही जाएगा। दरअसल, यूपी में मुलायम सिंह यादव, का राजनीतिक कद काफी बड़ा था। उनके निधन के बाद सहानुभूति की लहर में डिंपल यादव के पक्ष में ये सीट चली गई।

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