जिंदगी पाने के लिए मौत से जूझ रहे हैं 16 नवजात ..मेडिकल कॉलेज की आग में 10 बच्चों की मौत
झांसी मेडिकल कॉलेज आग : जिंदगी पाने के लिए मौत से जूझ रहे हैं 16 नवजात, आईसीयू के बाहर प्रार्थनाएं और आस
झांसी मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में आग लगने से कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई है जबकि 16 अन्य घायल हो गए और जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात करीब 10.45 बजे आग लग गई, संभवतः बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) झांसी सुधा सिंह ने कहा कि इस घटना में घायल हुए अन्य 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। घटना के वक्त एनआईसीयू में 50 से ज्यादा बच्चे भर्ती थे। झांसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि एक फायर ब्रिगेड को घटनास्थल पर भेजा गया जबकि जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
निकटवर्ती महोबा जिले के रहने वाले एक दंपती को अपने नवजात बच्चे की मृत्यु से सदमा लगा है। मां ने पत्रकारों को बताया कि बच्चे का जन्म 13 नवंबर को सुबह 8 बजे हुआ था। गमगीन मां ने कहा मेरा बच्चा आग में जान गंवा चुका है।
मेडिकल कॉलेज के कथित दृश्यों में घबराए हुए मरीजों और उनके तीमारदारों को बाहर निकलते हुए दिखाया गया है जबकि कई पुलिसकर्मियों ने बचाव और राहत उपायों में सहायता की।
लखनऊ से जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पास स्वास्थ्य विभाग भी है। पाठक ने कहा कि वह झांसी जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घटना बेहद दुखद और हृदयविदारक है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव आदित्यनाथ के निर्देश पर पाठक के साथ थे।
बयान में कहा गया है कि सीएम योगी ने संभागीय आयुक्त बिमल कुमार दुबे और उप महानिरीक्षक (झांसी पुलिस रेंज) कलानिधि नैथानी को 12 घंटे के भीतर मामले पर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
झांसी से लोकसभा सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि ‘मैं इस घटना से बेहद दुखी हूं। उन्होंने कहा कि वह इस समय स्टेशन से बाहर हैं। घटना के कुछ देर बाद सदर विधायक रवि शर्मा भी अस्पताल पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
शनिवार तड़के एसएसपी सुधा सिंह ने पत्रकारों को बताया कि 16 घायल बच्चों का इलाज किया जा रहा है और उनकी जान बचाने के प्रयास जारी हैं। उनके लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं।