इनक्यूबेशन सेंटर : छह विवि के इनक्यूबेशन सेंटर में 53 स्टार्टअप पर काम ..!
इनक्यूबेशन सेंटर:छह विवि के इनक्यूबेशन सेंटर में 53 स्टार्टअप पर काम; 47 शुरुआती दौर में और 13 को मिला पेटेंट
- उच्च शिक्षा विभाग ने इन विश्वविद्यालयों को अपने एक्सपीरियंस शेयर करने के लिए बुधवार को भोपाल में वर्कशॉप कराई
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत ईको-सिस्टम का निर्माण करने के उद्देश्य से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के 6 शासकीय विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेशन सेंटर खोले जा चुके हैं। इन सेंटर पर 53 स्टार्टअप पर काम किया जा रहा है। वहीं 47 शुरुआती अवस्था में हैं। इनके माध्यम से 13 पेटेंट स्वीकृत हो चुके हैं और 27 के लिए एप्लाई किया जा चुका है।
उच्च शिक्षा विभाग ने इन विश्वविद्यालयों को अपने एक्सपीरियंस शेयर करने के लिए बुधवार को भोपाल में वर्कशॉप कराई। यहां इन्होंने समस्याएं बताईं और सुझाव दिए। कमिश्नर हायर एजुकेशन कर्मवीर शर्मा ने कहा कि सबसे पहले हमें एक मजबूत ईको-सिस्टम तैयार करने की जरूरत है। विभाग इस बात के लिए कोशिश कर रहा है कि विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ स्वरोजगार के लिए भी काबिल बनाया जाए। इसके लिए हमारे यह इनक्यूबेशन सेंटर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
स्टूडेंट्स जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बनें
कमिश्नर शर्मा ने कहा हमारे प्रयास ऐसे होने चाहिए कि यहां से स्टूडेंट्स जॉब सीकर के स्थान पर जॉब क्रिएटर बने। इसके लिए यदि हमारे इंस्टीट्यूट और इंवेस्ट इंडिया आपस में जुड़ जाते हैं तो यह एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट होगा। एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. सुनील सिंह, मनीषा शर्मा आदि मौजूद रहे।
निर्देश… यूनिवर्सिटी एक महीने में बनाएं कंपनी
इंक्यूबेशन सेंटर को संचालित करने के लिए इंदौर के देवी अहिल्या विवि को छोड़कर अन्य कोई विवि कंपनी नहीं बना सका है। इस कार्यशाला से पहले कमिश्नर शर्मा ने सभी विवि को एक महीने के भीतर कंपनी तैयार करने के निर्देश दिए। इनक्यूबेशन सेंटर को विभिन्न फंडिंग एजेंसी से आर्थिक सहायता भी मिल सके।
स्टार्टअप का डीपीआईआईटी में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी
इंवेस्ट इंडिया-नेशनल इनवेस्टमेंट प्रमोशन एंड फेसिलिटी एजेंसी के सदस्य अनुभव कुमार दास व प्रभलीन कौर ने बताया स्टार्टअप को तभी निवेश मिलेगा, जब वे डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) में रजिस्टर्ड होंगे। वहीं फंडिंग के लिए एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनानी होगी।
इन विवि में इनक्यूबेशन सेंटर
भोपाल के बरकतउल्ला विवि, इंदौर के डीएवीवी, रीवा के एपीएस विवि, उज्जैन के विक्रम विवि, जबलपुर के आरडीवीवी और ग्वालियर के जीवाजी विवि में इनक्यूबेशन सेंटर एक्टिव हो गए हैं।
यह समस्या आईं
- प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाते हैं तो इसमें शेयर होल्डर कौन-कौन होगा ?
- इनक्यूबेशन सेंटर का चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) किसे नियुक्त करें?
- स्किल्ड मैनपॉवर की कमी है? विवि में नई भर्ती नहीं हाे पाती।
- स्टूडेंट्स के बीच इंटरप्रिन्योरशिप की जागरूकता की कमी।
- स्पेशलाइज्ड लैब स्टेबलिस्ड करने के लिए फंड की कमी।
यह सुझाव आए
- ऐसा नेटवर्क तैयार हो, जिसमें स्टार्टअप का ऐसा नया आइडिया आता है, जिससे जुड़ी सुविधा संबंधित विवि के पास नहीं है तो उसके लिए अन्य विवि से सुविधा मिल सके।
- डेडिकेटेड ह्यूमन सिसोर्स उपलब्ध कराने की व्यवस्था दी जाए।
- शासन की तरह से यूनिफाइड डिटेल गाइडलाइन जारी की जाए।