चंबल कॉलोनी के 1535 हरे वृक्षों की गुहार… हम तुम्हें जीवन देते हैं, हमें ही काटोगे ….

चंबल कॉलोनी के 1535 हरे वृक्षों की गुहार… हम तुम्हें जीवन देते हैं, हमें ही काटोगे ….

ऑफिस और कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी …?

चंबल कॉलोनी में 1535 हरे वृक्ष लगे हैं। इन्हें बचाने के लिए कॉलोनीवासियों के साथ भारत हित रक्षा अभियान समिति भी आगे आ गई है। कालोनीवासियों ने इन पेड़ों पर नंबर सहित मैं तुम्हें जीवन देता हूं, तुम मुझे ही काटोगे लिखे वाक्य की तख्तियां लटका दी है। साथ ही इन पेड़ों को कटने से बचाने के लिए भारत हित रक्षा अभियान समिति हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है, इसके लिए हाईकोर्ट के वकीलों से समिति के लोगों की चर्चा हो रही है।

दरअसल चंबल कॉलोनी की 9.63 हेक्टेयर जमीन में तीन हेक्टेयर जमीन को समदड़िया ग्रुप ने 89.99 करोड़ रुपए में खरीद ली है। वहीं इस राशि से तीन हेक्टेयर जमीन में जहां समदड़िया ग्रुप अपने हिसाब से निर्माण करेगा। शेष 6.93 हेक्टेयर जमीन पर सरकार के कहने पर 51 करोड़ रुपए की लागत से 92 फ्लैट, जल संसाधन विभाग का नया दफ्तर, मल्टीपरपज हॉल, स्पोर्ट्स काॅम्पलेक्स, गोदाम और रेस्ट हाउस आदि का निर्माण करेगा।

इस विकास कार्य में चंबल कॉलोनी की जमीन पर खड़े 1535 हरे वृक्षों की बलि चढ़ने वाली है, जिसे कॉलोनीवासी सहन नहीं कर पा रहे हैं। वे लगातार इन पेड़ों को कटने से बचाने की मांग कर रहे हैं। वहीं अब उनकी मांग का समर्थन करने के लिए भारत हित रक्षा अभियान समिति भी उनके साथ जुड़ गई है।

वर्ष 2016 में लगाए गए थे 600 पौधे, अब पेड़ बन गए हैं
चंबल कॉलोनी निवासी पीके श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2018 में चंबल कॉलोनी में एक साथ 600 पौधे रोपे गए थे, जो कि आज पेड़ बन गए हैं। उन्होंने बताया कि कॉलोनी में पीपल के 10, बरगद के 65, नीम के 510, आम के 200, नीबू व फलदार पेड़ 110, बेल के 15 पाखर के 10, शीशम के 10 सहित कुल 1535 पेड़ लगे हैं।

पेड़ काटे बिना पूरी करें परियोजना
इंदौर से भारत हित रक्षा अभियान समिति के अभय जैन ने पत्रकारों को बताया कि चंबल कॉलोनी शहर का सर्वाधिक हरा भरा क्षेत्र है। सुप्रीम कोर्ट की वर्ष 2021 में बनी कमेटी के अनुसार एक पेड़ एक साल में 74 हजार 500 रुपए की ऑक्सीजन हमें देता है। इस हिसाब 1535 पेड़ एक साल में 11.43 करोड़ रुपए की ऑक्सीजन दे देते हैं। जबकि ये पेड़ कई साल पुराने हैं। इस लिहाज से यह सौदा हर तरह से सरकार, मानव जाति और शहर की जनता के लिए घाटे का है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में प्रभारी गोविंद सिंह राजपूत, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया और कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस को ज्ञापन देने दे चुके हैं।

आप पर नहीं तो हम देंगे इंजीनियर

वहीं अब अपनी मांग को लेकर शहर में हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और उसके बाद फिर से ज्ञापन देंगे। जैन ने बताया कि वे पेड़ों को कटने से बचाने के लिए ग्वालियर हाईकोर्ट में भी याचिका लगाएंगे। उनकी मांग है कि बिना पेड़ काटे इस परियोजना को पूरा किया जाए। वर्तमान में कई अच्छे आर्किटेक्ट और इंजीनियर हैं जो इस तरह से डिजाइन बना सकते हैं। सरकार चाहे तो इस कार्य में समिति उन्हें निशुल्क योग्य आर्किटेक्ट और इंजीनियर उपलब्ध करा सकती है। इस मौके पर मनीष काले इंदौर, विशाल बिंदल झारखंड, राहुल सिंह सतना, पीके श्रीवास्तव मौजूद रहे।

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