एमबीबीएस की सीटें 150 से बढ़कर हुईं 250, टीचर्स की संख्या 30 फीसदी कम

जीएमसी में टीचर्स एक ग्रुप में चार गुना बच्चों को पढ़ा रहे, दिन में लग रही दो कक्षाएं …

भोपाल. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) मेडिकल एजुकेशन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए छात्रों के माइक्रो ग्रुप बना कर पढ़ाने पर जोर देता है। इसके हिसाब से एक टीचर एक समय में 18 से 20 बच्चों को पढ़ाए। मगर वर्तमान में गांधी मेडिकल कॉलेज में एक टीचर 70 से 100 छात्रों को पढ़ा रहा है। साथ ही रोजाना दो क्लासें लगाई जा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तीन साल में मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीटें 150 से बढ़कर 250 हो गई हैं। वहीं मेडिकल टीचर्स की संख्या 30 फीसदी कम हो गई है। यह स्थिति सिर्फ जीएमसी की नहीं बल्कि प्रदेश के सभी पुराने मेडिकल कॉलेजों की है।

जीएमसी में फर्स्ट इयर छात्रों के लिए 30 शिक्षकों की जरूरत …

एनएमसी के नियम को पूरा करने के लिए जीएमसी में फर्स्ट इयर छात्रों को पढ़ाने के लिए कम से कम 30 शिक्षक की जरूरत होगी। मगर वर्तमान में कॉलेज में कोर्स को पूरा करने के लिए दिन में दो क्लासें लगाई जा रही है। सरकार की तरफ से प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटों में लगातार बढ़ाई जा रही हैं। मगर मेडिकल टीचर्स की कमी से यह कदम एक समस्या बनता जा रहा है।

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