दो साल में धर्म छिपाकर 107 युवतियों का शोषण, 55 में दुष्कर्म की शिकायत
मार्च 2021 में प्रदेश में लागू हुआ था धर्म स्वातंत्र्यता अधिनियम …
भोपाल. प्रदेश में धर्म और नाम छिपाकर युवतियों का शेषण करने के मामले तेजी से बढ़े हैं। सबसे अधिक मामले मालवा-निमाड़ में सामने आए हैं। मार्च 2021 में प्रदेश में धर्म स्वातंत्र्यता अधिनियम लागू होने के बाद से अब तक 115 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 50 मामले 2022 में दर्ज हुए हैं। इन 115 प्रकरणों में 107 ऐसे हैं, जिनमें धर्म छिपाकर पहले दोस्ती फिर धर्म बदलने के लिए दबाव बनाने का मामला है। आठ मामले ऐसे हैं, जिनमें आरोपियों ने इलाज, बच्चों की पढ़ाई समेत आर्थिक प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित किया। पीड़िताओं में 55 के साथ बलात्कार तो 27 के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आए हैं।
मप्र में अधिनियम लागू होने के बाद से दर्ज मामलों में सबसे अधिक 111 पीड़िताएं हिन्दू हैं। इनमें से 103 को मुस्लिम धर्म में तो सात को ईसाई धर्म में शामिल करने के लिए प्रताड़ित किया गया।
आधे से अधिक प्रकरण मालवा और निमाड़ में
मालवा 47
निमाड़ 21
नरसिंहपुर 06
सिवनी 06
बड़वानी 05
खरगोन 04
धार 04
शाजापुर 03
मंदसौर 03
नीमच 02
शहडोल 02
आगर-मालवा 02
रीवा 02
हरदा 02
सतना 02
नोट: अशोक नगर, बालाघाट, उज्जैन, सीधी, बैतूल, राजगढ़, सीहोर, डिंडौरी, छतरपुर, ग्वालियर, टीकमगढ़, दमोह और सागर में एक-एक मामले दर्ज हुए हैं।)
इस अधिनियम के तहत सबसे अधिक 30 केस इंदौर जिले में दर्ज हुए हैं। 11 प्रकरणों के साथ खंडवा जिला दूसरे नंबर पर है। इस बीच भोपाल जिले में 10 केस पंजीबद्ध किए गए।
101 में कोर्ट में चालान पेश
115 प्रकरणों में से 101 में पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया, जबकि 14 मामलों में चालानी कार्रवाई बाकी है।
7 मामलों में बदलवाया धर्म
सात प्रकरणों में आरोपियों ने पीड़िताओं का धर्म परिवर्तन करा लिया था, जबकि 108 में दबाव बना रहे थे।