10 लाख तिब्बती बच्चों को जबरन परिवार से अलग किया ..? संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों की रिपोर्ट

10 लाख तिब्बती बच्चों को जबरन परिवार से अलग किया:चीन ने बोर्डिंग स्कूलों में भेजा; संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों की रिपोर्ट

तिब्बती अल्पसंख्यकों के बच्चों को चीनी भाषा में पढ़ाई करने के लिए मजबूर किया जाता है। जिन स्कूलों में इन बच्चों को रखा गया है, उनमें केवल हान संस्कृति के बार में पढ़ाई कराई जाती है। हान चीन में बहुसंख्यक जातीय समूह हैं, जो वहां की आबादी का 92% हिस्सा हैं। विशेषज्ञों ने कहा- तिब्बती बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय प्रणाली अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के विपरीत रखा जा रहा है। विशेषज्ञों को डर है कि कई बच्चे अपनी मूल भाषा भूल सकते हैं और उन्हें अपने परिवारों के साथ संवाद करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

एक्सपर्ट ने कहा- तिब्बती बच्चे अपनी मूल भाषा के साथ अपनी पहचान खो रहे हैं। तिब्बती भाषा में अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ आसानी से संवाद करने की क्षमता खो रहे हैं, जो उनकी पहचान को कम करने का काम कर रहा है। एक और चिंताजनक तथ्य यह है कि तिब्बत क्षेत्र के अंदर और बाहर चल रहे आवासीय विद्यालयों की संख्या और उनमें रहने वाले तिब्बती बच्चों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *