अमरीकी स्कूलाें में देखा जा रहा दलगत विचारधारा का प्रभाव ..!

विश्व परिदृश्य: राजनीतिकरण का शिकार होती शिक्षा व्यवस्था …

अ मरीका की राजनीति में घरेलू मुद्दे आर्थिक या सांस्कृतिक में से किसी एक श्रेणी में रखे जाते रहे हैं, लेकिन इन दिनों यह तय कर पाना मुश्किल होता जा रहा है कि शिक्षा का नाता इनमें से किस से है। कारण यह कि डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स मुद्दों पर अलग-अलग राय रखते हैं और उनकी मतभिन्नता दर्शाती है कि हर पार्टी ने वर्ग संघर्ष की अपनी विचारधारा अपना ली है। ज्यादातर डेमोक्रेट्स के लिए शिक्षा का मतलब आर्थिक पक्ष से है। पार्टी के मौजूदा नीति प्रस्ताव पब्लिक स्कूलों के लिए सरकारी वित्तीय सहायता बढ़ाने पर बल देते हैं ताकि उनमें सुविधाएं व संसाधन बढ़ाने के साथ ही प्री-किंडरगार्टन कार्यक्रमाें का विस्तार व कॉलेज के लिए वहनीय क्षमताएं बढ़ाई जा सकें।

राष्ट्रपति बाइडन ने 2022 मध्यावधि चुनाव से ठीक पहले कुछ छात्र लोन माफ करने की घोषणा की थी। चूंकि यह सीधे-सीधे मौजूदा छात्रों व युवा स्नातकों के एक खास वर्ग को लाभ पहुंचाने वाली थी, इसलिए अब इस घोषणा के सामने कई तरह की कानूनी चुनौतियां हैं। इसके विपरीत रिपब्लिकन्स शिक्षा को व्यापक सांस्कृतिक संघर्ष के एक हिस्से के तौर पर देख रहे हैं। वे पब्लिक स्कूलों और विश्वविद्यालयों को उदार-बहुल वातावरण वाला बताते हैं और मानते हैं कि इन्हें अमरीकी समाज पर अपनी विचारधारा थोपने से रोका जाना चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गत माह एक शिक्षा सुधार प्रस्ताव पेश किया था। इसमें कहा गया था – ऐसे स्कूलों को सरकारी वित्तीय सहायता कम कर दी जाए जो ‘अनुचित नस्लीय, लैंगिक या राजनीतिक सामग्री’ सिखाते हैं। प्रस्ताव में उन शिक्षकों के लिए प्रमाणन कार्यक्रम की बात थी जो ‘देशभक्ति के मूल्यों को अपनाते’ हैं, और साथ ही अभिभावकों को बच्चों के स्कूल के प्राचार्य का चयन करने की अनुमति शामिल थी।

इस मुद्दे पर ट्रंप ने फ्लोरिडा के गवर्नर रोन डीसैनटिस के ‘वार ऑन वोकनेस’ के व्यापक प्रचार के बाद ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें रोन ने मुख्यत: सरकारी शिक्षा व्यवस्था को निशाना बनाया है। डीसैनटिस 2024 राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। उन्होंने फ्लोरिडा में कानूनों की ऐसी शृंखला लागू की है जो उनके इस मत पर आधारित है कि राज्य के पब्लिक स्कूल और विश्वविद्यालय खासकर नस्लीय व लैंगिक मुद्दों पर ‘वामपंथी विचारधारा लागू करने’ पर केंद्रित हो गए हैं। उन्होंने हाल ही न्यू कॉलेज ऑफ फ्लोरिडा में छह कंजर्वेटिव ट्रस्टी नियुक्त किए हैं, जिनका लक्ष्य पाठ्यक्रम और नीतियों में सुधार लाना होगा ताकि ये संस्कृति के अनुकूल हों।

शिक्षा को लेकर पार्टियों का नजरिया दर्शाता है कि वे अमरीका में सामाजिक संबंधों को किस प्रकार देखते हैं। डेमोक्रेट्स मानते हैं कि श्रेणी व्यवस्था संपत्ति की असमानता से परिभाषित होती है और सरकार द्वारा वित्त पोषित शिक्षा कार्यक्रम आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सफलता की ओर प्रवृत्त करने का जरिया है। गत सप्ताह दिए संबोधन में राष्ट्रपति बाइडन ने शिक्षा व्यवस्था को ‘मध्यम वर्ग के लिए वहनीय’ बनाने का संकल्प लिया। साथ ही दो साल का निशुल्क कम्युनिटी कॉलेज बनाने का प्रस्ताव भी रखा ताकि इसे अमरीका में सर्वश्रेष्ठ करियर प्रशिक्षण का जरिया बनाया जा सके। इस तरह बाइडन कामकाजी मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए यह दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी का शिक्षा प्लेटफॉर्म उन्हें उच्चतर आर्थिक गतिशीलता के अवसर प्रदान करेगा। रिपब्लिकन्स के लिए वर्ग-भेद का आधार आर्थिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक है। वे ब्लू-कॉलर मतदाओं से लोकलुभावन अपील करते हैं। इसके लिए वे ऐसे संस्थान चुनते हैं, जिन्हें सुप्रशिक्षित प्रगतिशील पेशेवर चला रहे हैं। इसमें शिक्षा व्यवस्था भी शामिल हो रही है।

सांस्कृतिक मामलों पर सक्रियता ही हाल के चुनावों में श्वेत अमरीकियों के लिए रिपब्लिक उम्मीदवार चुनने का आधार रहा है। जब तक मतदाता श्रेणी विभाजन को लेकर दोनों पार्टियों की राय में कुछ सच तलाशते रहेंगे, शिक्षा नीति का प्रारूप तय करने को लेकर संघर्ष चलता रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *