आपको छुट्टे पैसे के बदले दुकानदार टॉफी या चॉकलेट लेने को मजबूर करे तो करें यहां शिकायत, होगी तुरंत कार्रवाई

जहां हम और आप दुकानदार के पास बिना सोचे ही एक रुपया छोड़ आते हैं वहां बेंगलुरु में एक आदमी एक रुपए के लिए कंज्यूमर कोर्ट पहुंच गया।

दरअसल, इस आदमी को बस कंडक्टर ने एक रुपया नहीं लौटाया था। बस फिर क्या था, आदमी पहुंच गया अदालत। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की न सिर्फ सराहना की बल्कि बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन से 2 हजार रुपए का मुआवजा भी दिलवाया।

याद करें अपने दादा-दादी, नाना-नानी को। जो अक्सर ये कहते रहते हैं कि हमारे जमाने में एक रुपए में बहुत सारी चीजें आ जाती थीं। आज की जेनरेशन को यह बात स्टोरी टेलिंग की तरह लगती है।

इसलिए तो जब भी हमें एक-दो रुपए दुकानदार नहीं लौटाता या फिर उसके बदले टॉफी देता हम बुरा नहीं मानते। इसके पीछे ज्यादातर लोगों की सोच यह है कि एक ही रुपया तो है, इससे क्या हो जाएगा।

आज जरूरत की खबर में बात इसी एक रुपए की करेंगे। ‘एक रुपए से क्या ही हो जाएगा’ और ‘एक रुपए में मिलता ही क्या है’ की सोच को भी कुछ उदाहरण से बदलने की कोशिश करेंगे।
तो सबसे पहले समझ लें कि 1 रुपए में क्या-क्या मिल सकता है

  • टॉफी-कैंडी
  • शैम्पू का पाउच
  • केचप या सॉस का पाउच
  • कॉफी का पैकेट
  • फोटोस्टेट
  • सिंदूर-बिंदी
  • माचिस की डिब्बी
  • सुई
  • हाजमोला

सवाल: दूध लेने जाते हैं तो दुकानदार छुट्‌टे पैसे के बदले टॉफी देता है। इसी तरह शॉपिंग मॉल्स में कई चीजें 999 या 549 की मिलती हैं। उन्हें भी हम 1000 या 550 देकर ₹1 छोड़ देते हैं। क्या मैं अपना कोई नुकसान कर रही हूं?
जवाब:
 जब किसी दुकानदार या शॉपिंग माल में एक रुपया छोड़ देती हैं तो जाहिर सी बात है कि आप अपना नुकसान कर रही हैं। ज्यादातर शॉपिंग मॉल्स में इस तरह का प्राइस रखने की दो मुख्य वजह होती हैं…

  • कंज्यूमर की साइकोलॉजी। जब कोई चीज 999 में मिलती हैं तो देखने में ऐसा लगता है कि 900 रुपए की ही तो है, हजार की नहीं है।
  • बड़ी दुकानों पर ज्यादातर लोग एक रुपए के लिए झगड़ा नहीं करते और आसानी से एक रुपया छोड़ देते हैं। ऐसे में बड़ी दुकान और शॉपिंग मॉल वालों को इस एक-एक रुपया से काफी फायदा होता है।

उदाहरण से समझते हैं… मान लीजिए किसी कंपनी के भारत में 150 रिटेल आउटलेट है और हर आउटलेट पर औसत 100 कस्टमर एक रुपया वापस नहीं लेते, तो 365 दिनों में 150 *100 *365 = 54,750,00 यानी 54 लाख रुपए से ज्यादा का फायदा कंपनी को होता है।

यह भी समझें: इसके साथ ही आप अगर हर रोज किसी न किसी दुकान पर एक रुपया छोड़ रहे हैं तो इस हिसाब से आप हर साल 365 रुपए गंवा रहे हैं। कई बार तो उससे भी ज्यादा रकम ऐसे ही जाने दे रहे हैं। इसी पैसे को गुल्लक में भी अगर रखेंगे तो जरूरत के समय काम आएंगे।

सवाल: इतना ही फायदा है तो ज्यादातर लोग अपना एक रुपया छोड़ क्यों देते हैं?
जवाब: 
नुकसान होने के बावजूद ज्यादातर लोग एक रुपया आसानी से छोड़ देते हैं क्योंकि…

  • लोगों को एक रुपया बहुत ही छोटी कीमत लगती है।
  • उन्हें एक रुपया मांगते हुए शर्म आती है।
  • सामाजिक दबाव की वजह से लोग अपना एक रुपया नहीं मांग पाते।
  • कई बार जब एक रुपए के बदले टॉफी दी जाती है, तो कुछ लोग बिना विरोध रख लेते हैं तो वही कुछ को लगता है कि इसका क्या करेंगे और वो अपना एक रुपया छोड़ देते हैं।
  • लोगों के खुद के पास भी एक रुपया अक्सर खुला नहीं होता तो उन्हें लगता है सामने वाले के पास भी नहीं होगा।
  • कई बार दुकानदार कहता है कि अगली बार ले लेना। मगर वह अगली बार कभी आ ही नहीं पाता।

सवाल: क्या दुकानदार की शिकायत करने के लिए कंज्यूमर कोर्ट जा सकते हैं?
जवाब:
 हां, बिल्कुल। दुकानदार अगर छुट्टे पैसे लौटाने में आनाकानी करे तो jagograhakjago.gov.in या consumerhelpline.gov.in या टोल फ्री नंबर 1800-11-4000 या 14404 पर शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा 8130009809 पर मैसेज कर कंप्लेन कर सकते हैं।

सवाल: 1 रुपया जैसी छोटी रकम के लिए भी क्या कंज्यूमर कोर्ट जाया जा सकता है?
जवाब: 
हां, बिल्कुल। आप एक-दो रुपया के लिए भी कंज्यूमर कोर्ट जा सकते हैं।

सवाल: कंज्यूमर कोर्ट में केस लड़ने के लिए ग्राहक को खुद पैसे खर्च करने होंगे?
जवाब: 
जी हां, शुरुआत में आपको इसके पैसे खुद ही देने होंगे। मुआवजे के तौर पर आप इसका खर्चा भी कंपनी से क्लेम कर सकते हैं।

सवाल: इस मामले में याचिकाकर्ता को 2000 रुपए मिले मगर इससे ज्यादा तो उसने केस लड़ने में ही खर्चा कर दिए होंगे। आखिर कंज्यूमर कोर्ट जाने पर खर्चा कितना आता है?
जवाब:
 इस मामले में याचिकाकर्ता को उसका एक रुपया, 2000 रुपए का जुर्माना और 1000 रुपए का केस लड़ने में किया गया खर्चा वापस मिला था। कुल मिलाकर याचिकाकर्ता को 3001 रुपए मिले।
कंज्यूमर कोर्ट में केस लड़ने का खर्चा…

  • डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 1 लाख तक के मुआवजे वाले केस के लिए 100 रुपए, 5 लाख तक के केस के लिए 200 रुपए, 10 लाख तक के केस के लिए 400 रुपए और 20 लाख तक के केस के लिए 500 रुपए की कोर्ट फीस चुकानी पड़ती है।
  • स्टेट कोर्ट में 20 लाख से 50 लाख तक के मुआवजे वाले केस के लिए 2 हजार रुपए और 1 करोड़ तक के केस के लिए 4 हजार रुपए कोर्ट फीस देनी होती है।
  • नेशनल कंज्यूमर कोर्ट में केस फाइल करने के लिए 5 हजार रुपए की कोर्ट फीस भरनी होती है।

बिना एडवोकेट के आप खुद लड़ सकते हैं, अपना केस

  • सबसे पहले आपकी जो भी शिकायत है, उसे सादे पेपर में लिख लें।
  • ई-दाखिल पोर्टल पर जाएं, दिए गए फॉर्मेट में शिकायत रजिस्टर करें।
  • आपको कंज्यूमर कोर्ट की मोशन हियरिंग की डेट जल्द ही मिल जाएगी।
  • शिकायत की एक फिजिकल कॉपी लेकर तय तारीख पर कोर्ट जाएं।
  • कोर्ट पूछेगी आपका वकील है? तो कहें, नहीं मैं अपना केस खुद लडूंगा/लडूंगी।
  • इसके बाद आप अपना केस खुद लड़ सकते हैं।

आगे से आपको पैसे के बदले दुकानदार टॉफी या कैंडी दें तो साफ मना कर दें। अगर वो लड़े या जिद कर आपको बार-बार दें तो दुकानदार के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में केस किया जा सकता है।

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आपको छुट्टे पैसे के बदले दुकानदार टॉफी या चॉकलेट लेने को मजबूर करे तो करें यहां शिकायत, होगी तुरंत कार्रवाई
नई दिल्ली. देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो गई है. तकीबन 8-9 महीने के बाद पहली बार बाजारों में रौनक लौटी है. दुकानों पर भीड़ जुटने लगी है और लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को कई तरह की समस्याओं से भी सामना करना पड़ता है. ऐसी है एक समस्या है छु्ट्टे या खुल्ले पैसे (Coin) का. अक्सर देखने को मिलता है कि जब आप सामान खरीदने (Products Purchase) जाते हैं तो दुकानदार (Shop Owners) आपको छुट्टे के बदले चॉकलेट या टॉफी (Chocolate or Toffee) पकड़ा देता है. लोगों को अब इस समस्या से निजात मिलने जा रहा है. अब देश में नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (New Consumer Protection Act-2019) लागू हो जाने के बाद अब छुट्टे पैसे के बदले टॉफी देने की शिकायत कंज्यूमर फोरम में भी कर सकते हैं.

छुट्टे पैसे के बदले टॉफी नहीं दे सकता दुकानदार
अगर आप बस (Bus) या ट्रेन (Train) में भी सफर करते हैं तो भी ऐसी ही समस्या से आपको दो-चार होना पड़ता है. खासतौर पर बाजार में दुकानदार 2 रुपये 5 रुपये के बदले ग्राहक को टॉफी पकड़ा देता है. अगर ग्राहक पैसे मांगता है तो दुकानदार साफ कहता है कि छुट्टे पैसे नहीं है. कुछ सामान खरीद लो या फिर अगली बार आओगे तो मैनेज कर लेंगे और अगली बार कभी आता नहीं है. आता भी है तो दुकानदार पैसा देना भूल जाता है.

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2 रुपये 5 रुपये के बदले ग्राहक को टॉफी पकड़ा देता है.

यहां कर सकते हैं शिकायत
इस तरह की शिकायतों के लिए भी सरकार ने कदम उठाया है. उपभोक्ता या ग्राहक इसकी शिकायत अब भारत सरकार की वेबसाइट https://jagograhakjago.gov.in/ और https://consumerhelpline.gov.in/ टोल-फ्री नंबर 1800-11-4000 या 14404 नंबर पर भी कर सकते हैं. इसके साथ ही आप मोबाइल नंबर 8130009809 पर SMS के जरिए भी दुकानदार की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. गलती पाए जाने पर दुकानदार पर कार्रवाई भी हो सकती है.

इस कानून की ले सकते हैं मदद
गौरतलब है कि कुछ साल पहले हरियाणा रोडवेज की बसों में छुट्टे पैसों के बदले टॉफी देने का मामला काफी तूल पकड़ा था. हरियाणा सरकार ने रोडवेज की बसों में इस तरह की शिकायत के बाद कार्रवाई की थी. इसके बाद कई राज्य सरकारों ने अपने परिचालकों को चेतावनी जारी की थी. यात्रियों से भी कहा गया था कि अगर कोई परिचालक छुट्टे पैसों की जगह टॉफी दे तो तुरंत शिकायत करें.

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रोडवेज की बस में सफर करते यात्री

लोगों को कई बार इस तरह की समस्या बस, ऑटो या ट्रेनों में देखने को मिलती है. यात्री के अगर 2-3 रुपये बच जाते हैं तो सामने वाला अगली बार देने की बात कह कर आगे निकल जाता है. ट्रेनों में पैसेंजर को छुट्टे पैसे को लेकर वेंडर या फंट्री स्टाफ से चिकचिक करनी पड़ती है. खुल्ले पैसे के नाम पर वेंडर पैसेंजर से अधिक पैसे वसूलते हैं. हालांकि, इसको लेकर रेलवे ने नियम सख्त कर दिए हैं. इसके लिए रेलवे ने चाय, पानी या किसी खाद्य सामग्री का रेट तर्कसंगत कर दिया है, जिससे यात्री को मुश्किल न हो.

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