स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग जुटाने के टॉप तरीके, ताकि आप अपने बिजनेस को ग्रो कर सकों।
Startup ke Liye Funding Kaise Le Hindi :
वर्तमान समय में दुनिया के ज्यादातर युवाओ का एक बड़ा सपना होता हैं वो हैं सफल स्टार्टअप होना इस ज्यादातर युवा वर्ग जॉब छोड़कर स्टार्टअप शुरू कर रहा हैं। स्टार्टअप में सभी सफल होंगे इसकी कोई गारंटी नहीं होती हैं कि आपका स्टार्टअप सफल भी होगा या नहीं। इसलिए बहुत से युवा स्टार्टअप शुरू करने से भी डरते हैं।
लेकिन फन्डिंग कहाँ से मिलेगी ये भी एक बड़ा सवाल हैं। बहुत से लोगो को यही नहीं पता होता कि फन्डिंग कहाँ से आएगी। लेकिन वे आधी अधूरी जानकारी प्राप्त करके स्टार्टअप शुरू कर देते हैं। इसलिए बहुत से स्टार्टअप बजट की कमी के कारण , फन्डिंग के अभाव में शुरू होने से पहले ही बंद हो जाते हैं।
ऐसे में अगर आप भी खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो आपको फंडिंग पके बारें में जानकारी होनी चाहिए। ताकि आप जरूरत पड़ने पर अपने स्टार्टअप के लिए फन्डिंग जुटा सको। इस लेख में हम आपको फन्डिंग जुटाने के तरीकों के बारें में ही विस्तार से जानकारी देने वाले हैं इस लिए लेख को अंत तक पूरा पढ़ें। इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि स्टार्टअप के लिए फन्डिंग कैसे लें Startup ke Liye Funding Kaise Le Hindi
स्टार्टअप्स को फंडिंग के लिए तीन कैटेगरी में बांटा गया हैं। मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेड और सर्विस
इन्हीं तीन पैरामीटर के आधार पर ही स्टार्टअप्स को फंडिंग मिलती हैं।
बहुत सारे बिजनेस ऐसे होते हैं उन्हें सही समय पर निवेश / फंडिंग नहीं मिल पाती हैं। इसलिए वे शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाते हैं।
ऐसे में अगर आपके पास भी कोई ऐसा बिजनेस आइडिया हैं जो भविष्य में बड़ा बन सकता हैं। आपके पास उस आइडिया की पूरी लिखित में पूरी प्लानिंग हैं। लेकिन आपके पास निवेश करने के लिए बजट नहीं हैं। तो हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनके जरिए आप फन्डिंग जुटा सकते हैं।
अगर आप अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग जुटाना चाहते हैं तो आपको 5 स्टेट से होकर गुजरना होगा। लॉन्च स्टेज, ग्रोथ स्टेज, शेक-आउट स्टेज, मैच्योरिटी स्टेज और डिकलाइन स्टेज.
- लॉन्च स्टेज : अगर आप किसी स्टार्टअप की शुरुआत करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए अपने स्टार्टअप की शुरुआत करनी होगी।
- ग्रोथ स्टेज : शुरुआत में आपको आपने स्टार्टअप में इतना निवेश करना होगा कि आपका स्टार्टअप शुरू होकर चल पड़ें।
- शेक-आउट स्टेज : इस स्टेज में बिजनेस शुरू होने के बाद जब आपका बिजनेस अच्छी ग्रोथ के कई स्तरों को पार कर लेते हैं।
- मैच्योरिटी स्टेज : जब बिजनेस में सेल्स, रेवेन्यू और प्रॉफिट अच्छे अनुपात में मिलने लगता हैं। और वो स्टार्टअप अपनी दूसरी ब्रांच खोलने और नयी टेक्नोलॉजी में निवेश करने लगता है.
- डिक्लाइन स्टेज : इस स्टेज में जब बिजनेस में बिक्री और रेवेन्यू कम होने लगता है। तो इस स्टेज में बिजनेस को खराब दौर से निकालना काफी मुश्किल रहता हैं।
कोई भी निवेशक इन चीजों को देखकर ही आपके बिजनेस में फंडिंग के तौर पर निवेश कर सकता हैं।
फंडिंग जुटाने के टॉप तरीके Startup ke Liye Funding Kaise Le Hindi
एंजेल इन्वेस्टमेंट (Angel Investment)
देश में ऐसे अनेक बड़े बड़े बिजनेस मैन हैं। जिनके कमाई करोड़ों अरबों रुपये में होती हैं। ये लोग अपनी और भी कमाई बढ़ाने के लिए दूसरे स्टार्टअप में निवेश करते रहते हैं। इन निवेशकों को ही एंजल इन्वेस्टर कहा जाता हैं।
ऐसे में अगर आपके पास भी एक अच्छा बिजनेस आइडिया हैं जिसको ग्रो करने के लिए आपको फंडिंग की जरूरत हैं। तो आपको अपने बिजनेस की एक अच्छी प्लानिंग करके प्रेजेंटेशन तैयार करनी होगी। ताकि इन इन्वेस्टर्स को अपने बिजनेस को अच्छे से समझा सको। भविष्य में आपका बिजनेस किस लेवल तक जा सकता हैं।
इसके बारें में पूरी जानकारी देनी होगी। अगर इन्वेस्टरों को आपका बिजनेस आइडिया पसंद आता हैं। उन्हे आपके ऊपर भरोसा हो जाता हैं। तो आपके और इन्वेस्टरों के बीच में एक लिखित में डील साइन होती हैं।
इंडिया में ज्यादातर मेट्रो सिटीज जैसे कि दिल्ली , मुंबई , बेंगलोर , हैदराबाद में इस प्रकार के एंजल इन्वेस्टर मौजदू है। जो छोटे स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए फन्डिंग प्रदान करते हैं। छोटे स्टार्टअप के लिए एंजेल इन्वेस्टर्स सबसे अच्छा विकल्प हैं.
बैंक लोन (Bank Loan)
स्टार्टअप फंडिंग के लिए बैंक लोन का विकल्प एक बेहतर विकल्प हैं। अगर किसी व्यक्ति को स्टार्टअप में निवेश के लिए पैसों की जरूरत होती हैं तो सबसे पहले उनके दिमाग बैंक लोन का विकल्प ही आता हैं।
अगर आपको स्टार्टअप को ग्रो करने के लिए ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं हैं तो आप बैंक लोन या किसी वित्तीय कंपनी से लोन ले सकते हो। बहुत से बिजनेस मैन इसी विकल्प पर जोर देते हैं।
बैंक से लोन लेने के लिए आपको कुछ जरूरी कागजी प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता हैं। इसलिए आपको वित्त मामलों की अच्छी समझ होनी चाहिए।
बिजनेस में दो तरह की जरूरतें होती हैं। फिक्स्ड कैपिटल और वर्किंग कैपिटल
फिक्स्ड कैपिटल में प्रोपर्टी या बिल्डिंग का किराया, मशीनरी, इक्विपमेंट्स की लागत और फर्नीचर या इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च शामिल होता हैं। जबकि वर्किंग कैपिटल में रॉ मैटेरियल्स का खर्च , कर्मचारियों को दिया जाने वाला वेतन, मशीनरी के मेंटेनेंस का खर्च, विज्ञापन और मार्केटिंग का खर्च, बिजली-पानी का बिल इत्यादि खर्च शामिल हैं।
इस तरह की जरूरतें पूरी करने के लिए आप बैंक से लोन लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। भारत में बैंक लोन का विकल्प सभी बैंकों में मौजूद हैं।
सरकारी योजनाएं (Government Schemes)
देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार भी नए नए योजनाएं लांच करती हैं। ताकि देश में छोटे स्टार्टअप को बढ़ावा मिल सकें। केंद्र सरकार ने देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंडअप इंडिया योजना की शुरुआत की हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में उधमी को लोन देने के लिए तीन केटेगीरी बनाई गई हैं। शिशु, किशोर और तरुण। शिशु कैटेगरी में 50 हजार , किशोर में 50 हजार से 5 लाख रुपए जबकि तरुण। केटेगीरी में 5 लाख से 10 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता हैं।
क्राउडफंडिंग (Crowdfunding)
Startup Funding के लिए क्राउडफंडिंग भी एक बड़ा विकल्प माना जाता हैं। क्राउडफंडिंग में आपको अपने स्टार्टअप को लिस्ट करके यह जानकारी देनी होगी। कि आपको कितने बजट की जरूरत हैं।
स्टार्टअप लिस्ट करने के बाद जिस भी व्यक्ति को आपको स्टार्टअप आइडिया पसंद आता हैं। वह आपको फंडिंग प्रदान करता हैं।
Crowdfunding मे फंड जुटाते समय आपको यह भी बताना होगा कि आप इस फंड का इस्तेमाल कब और किस प्रकार करेंगे। क्राउडफंडिंग में आपको जो व्यक्ति फंड प्रदान करते हैं । कई बार आपको उन्हे कुछ देना भी पड़ता हैं।
वेंचर कैपिटल (Venture Capital)
Startup Funding के लिए वेंचर कैपिटल इक्विटी का विकल्प भी बेहतर माना जाता हैं। इसमें निवेशक आपके बिजनेस का कुछ हिस्सा लेकर निवेश करते हैं। और आईपीओ या एक्विजिशन के बाद ही बिजनेस से हटते हैं।
startup funding के इस तरीके में आपको निवेश करने वालों के साथ कमाई का कुछ हिसा उनके साथ शेयर करना पड़ता हैं।
वेंचर कैपिटलिस्ट्स के तहत स्टार्टअप में निवेश करने वाले निवेशक यह जानकारी भी रखते हैं कि स्टार्टअप सही चल रहा हैं या नहीं , कहीं स्टार्टअप घाटे में तो नहीं चल रहा हैं। इसकी जानकारी वे स्केलेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी के जरिए रखते हैं।
कोई भी व्यक्ति अपने स्टार्टअप के लिए इस तरीके से भी फंडिंग जुटा सकता हैं।
शार्क टैंक से फंडिंग लें
शार्क टैंक इंडिया सोनी टीवी पर आने वाला एक प्रोग्राम हैं। जहां पर स्टार्टअप शुरू करने वाले लोग अपने आइडिया को लेकर जाते हैं। और प्रोग्राम में बैठे जजों के सामने अपने आइडिया के बारे में जानकारी देते हैं।
आपको स्टार्टअप ने कितना ग्रो किया आपका स्टार्टअप कितना सफल हैं कितने लोग स्टार्टअप में काम कर रहे हैं। यानि की स्टार्टअप से जुड़ी हुई जानकारी शेयर करनी होती हैं। अंत मे आपको यह भी बताना होगा कि आपको कितनी फंडिंग के जरूरत हैं।
अगर जजों को लगता हैं कि आपका स्टार्टअप वाकई मे दमदार हैं इसमें निवेश करके अच्छा प्रॉफ़िट लिया जा सकता हैं तो उसमें निवेश करते हैं। ऐसी अनेक स्टार्टअप सामने आए हैं जिन्होंने शार्क टैंक के जरिए अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग ली हैं। ऐसे में आप भी इसका फायदा ले सकते हो।