ये कैसी पुलिस और कैसी सुरक्षा? अब कौन देगा इन सवालों के जवाब

गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या को लेकर तिहाड़ प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के गंभीर इनपुट थे। टिल्लू की हत्या के इनपुट के चलते उसे तिहाड़ की 8 नंबर जेल से 4 में शिफ्ट किया गया। इसके बाद उसे रोहिणी जेल में शिफ्ट कर दिया गया। फिर उसे तिहाड़ लाकर 8 नंबर जेल में रखा गया।
Tillu Tajpuriya Murder Case Another video of gangster Tillu Tajpuria murder viral
Tillu Tajpuriya Murder
तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या का दिल दहला देने वाला एक और वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में चौंकाने वाली बात ये है कि हमलावर पुलिसकर्मियों के सामने बेदम हो चुके टिल्लू पर दोबारा से घातक हथियार से हमला कर रहे हैं और पुलिसकर्मी हमलावरों को रोकने के बजाय सिर्फ मूकदर्शक बनकर यह सब होते हुए देख रहे हैं।
यह इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि टिल्लू को गहरी साजिश के तहत जेल में मारा गया है। गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या को लेकर तिहाड़ प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के गंभीर इनपुट थे। टिल्लू की हत्या के इनपुट के चलते उसे तिहाड़ की 8 नंबर जेल से 4 में शिफ्ट किया गया।

इसके बाद उसे रोहिणी जेल में शिफ्ट कर दिया गया। फिर उसे तिहाड़ लाकर 8 नंबर जेल में रखा गया। जब टिल्लू की हत्या का इनपुट था तो उसे फिर उसी 8 नंबर जेल में क्यों रखा गया। कहीं टिल्लू की हत्या साजिश के तहत तो नहीं की गई और उसकी सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहने वाले जवान कहां थे, इन सब सवालों से पर्दा स्पेशल सेल उठाएगी।

दिल्ली पुलिस ने टिल्लू की हत्या के मामले की जांच पश्चिमी जिला पुलिस से लेकर स्पेशल सेल को दे दी है। इसके साथ ही टिल्लू की हत्या से कुछ समय पहले हुई प्रिंस तेवतिया की हत्या के मामले की जांच भी स्पेशल सेल को दी गई है। स्पेशल सेल के एक अधिकारी का कहना है कि जब टिल्लू हाई रिस्क जोन में था, तो उसकी बार-बार जेल क्यों बदली जा रही थी।

इसके अलावा हाई सिक्योरिटी सेल में रहने वाले बदमाश की सुरक्षा में 24 घंटे पांच से छह जवान तैनात रहते हैं, लेकिन टिल्लू पर जानलेवा हमला होने के समय ये जवान कहां थे। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि जिस तरह टिल्लू की हत्या की गई, उससे साजिश समेत कई सवाल खड़े होते हैं। टिल्लू ताजपुरिया को सिविल लाइंस इलाके का बिल्डर रहा अमित गुप्ता वित्तीय व अन्य सहायता दे रहा था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अमित गुप्ता के पास काफी आईपीएस व नौकरशाहों का पैसा लगा हुआ था। ये भी माना जा रहा है कि इस पैसे की जानकारी टिल्लू को हो। ऐसे में टिल्लू की हत्या को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
ये हैं हमलावर
जेल के एक अधिकारी ने बताया कि टिल्लू पर दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान ने हमला किया। टिल्लू ताजपुरिया भूतल पर बने हाई सिक्योरिटी सेल में बंद था। 2 मई की सुबह सेल खोलने के दौरान हमलावर ऊपर की मंजिल से चादर की मदद से कूदे और फिर टिल्लू को सेल से बाहर निकालकर धारदार हथियार से वार कर दिया। जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल से चार चादरें, खून से सने आरोपी के कपड़े और चार धारदार हथियार बरामद किए।
इन बातों की अनदेखी की गई
-सेल को खोलने के दौरान पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे।
-हमला करने के दौरान पहली मंजिल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आरोपियों को क्यों नहीं रोका।
-टिल्लू पर हमला करने के दौरान काफी शोर शराबा हुआ, बावजूद कोई भी पुलिसकर्मी वहां नहीं पहुंचा।
-घायल टिल्लू को निकालने के दौरान हमलावर कैदियों को सेल में क्यों नहीं बंद किया गया। हमलावरों से घातक हथियार भी नहीं लिए गए।
-सेंट्रल गैलरी में टिल्लू पर दोबारा हमले के दौरान पुलिसकर्मियों ने हमलावरों को रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया।
-घायल टिल्लू को अस्पताल ले जाने में पुलिसकर्मियों ने क्यों देरी की।

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