अशनीर ग्रोवर का बिजनेस मंत्र-अपने प्रोडक्ट का फर्स्ट-कस्टमर खुद बनिए ..!

2018 में भारतपे से शुरुआत; दो यूनिकॉर्न बना चुके हैं, तीसरे की तैयारी …

Unicorn Dreams with कुशान अग्रवाल’ में आज बातें भारतपे की शुरुआत, जर्नी और एक आइडिया को कामयाब बिजनेस में बदलने की। तो चलिए शुरू करते हैं…

कुशान: भारतपे शुरू करने के पीछे आइडिया क्या था? इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई?

अशनीर: आइडिया बहुत सिंपल था। 2018 में UPI आ रहा था। करीब 140 ऐप्स आने वाले थे। ऐसे में एक सेलर 140 QR कोड्स तो लगा नहीं सकता था। इसके लिए एक सिंगल QR कोड की जरूरत थी।

दूसरी बात थी कि दुकानदारों को हर ट्रांजैक्शन को एक्सेप्ट करने में 2% का चार्ज कटता था। मुझे लगा कि यह परफेक्ट समय है, क्योंकि जब UPI आएगा, तो एक सिंगल QR कोड मार्केट में लॉन्च कर सकते हैं और उस पर पेमेंट एक्सेप्टेंस फ्री भी कर सकते है। तो यहां से भारतपे की शुरुआत हुई।

कुशान: Shark Tank सीजन-1 में आप सबसे पॉपुलर शार्क रहे। इसकी जर्नी कैसी रही?

अशनीर: शार्क टैंक मेरे लिए फन था। शूट के दौरान भी हम एन्जॉय करते थे। ऑडियंस को स्क्रीन पर दिखा भी कि शार्क्स खुद भी एन्जॉय कर रहे हैं। यह नया कॉन्सेप्ट था, तो चल भी गया। अब मैं पॉपुलर क्यों हुआ, मुझे नहीं पता। यह तो पब्लिक का डिसीजन है।

हां, लोगों को खुलकर सीधी बात करना पसंद है। शायद इसी वजह से लोगों ने मुझे लाइक किया। वहां मैं किसी की कॉपी नहीं कर रहा था और मेरा कोई एजेंडा भी नहीं था कि मुझे कोई अपना पर्सनल ब्रांड बनाना है।

कुशान: अपनी 3rd यूनिकॉर्न के बारे में बताइए। यह क्या है और इसके नाम के पीछे क्या सोच है?

अशनीर: लोगों को इसके बारे में 15-20 दिन में ही पता लग जाएगा कि हम कर क्या रहे है। कैसी कंपनी बना रहे हैं। जहां तक नाम की बात है, तो मैं पहले से ही दो यूनिकॉर्न कंपनी- ग्रोफर्स और भारतपे के साथ जुड़ा हुआ था। लोग मुझसे बार-बार पूछते थे कि तुम अपनी थर्ड यूनिकॉर्न कब बना रहे हो।

जब मैं नई कंपनी बना रहा था तो पहला सवाल यही आया कि इसका नाम क्या होगा, तो मैंने अपनी कंपनी का नाम ही थर्ड यूनिकॉर्न रख दिया।

कुशान: एक सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर बनने के लिए किस तरह की क्वालिटीज की सबसे ज्यादा जरूरत है?

अशनीर: मुझे लगता है कि ईमानदार होना सबसे जरूरी है। अगर आप खुद ही चीजों को नकारते रहेंगे, तो फिर मार्केट में रिलेवेंट प्रोडक्ट नहीं ला पाएंगे। कई बार ऐसा होता है कि लोग अपना प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च करते हैं और कहते हैं कि वो मार्केट से आगे हैं, लेकिन मार्केट अभी मैच्योर नहीं हुआ है।

अगर कस्टमर्स को प्रोडक्ट पसंद नहीं आ रहा है तो फिर चांद पर रॉकेट छोड़ने का क्या मतलब है। इसलिए आप जो भी प्रोडक्ट लाएं, वह मार्केट के हिसाब से रेलिवेंट होना चाहिए।

कुशान: देश के तमाम यंग एंटरप्रेन्योर्स आपको अपना आइडियल मानते हैं। उन्हें आप पर्सनल लाइफ और बिजनेस के क्या टिप्स देंगे?

अशनीर: पर्सनल एडवाइस तो ये है कि जल्दी शादी कर लो! और बिजनेस टिप्स ये है कि पैसे कमाओ, मेहनत करो।

कुशान: इनिशियल लेवल पर एक आइडिया को स्टार्टअप या बिजनेस में बदलने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत होती है?

अशनीर: सबसे जरूरी है कि जो प्रोडक्ट आप मार्केट में ला रहे हैं, उसे आप भी यूज कर रहे हों। यदि आप खुद उसे यूज नहीं कर रहे हैं, तो ये मत सोचिए कि मार्केट में कोई और इसे यूज करेगा। इसलिए पहला टेस्ट यही है कि क्या आपको उस प्रोडक्ट में कंज्यूमर वैल्यू दिख रही है या नहीं…।

कुशान: आपने एक किताब भी लिखी है- दोगलापन। ये किस बारे में है और किन लोगों को पढ़नी चाहिए?

अशनीर: मैं तो यही कहूंगा कि सभी को पढ़ना चाहिए। इस किताब को पढ़ने से बहुत सारे टिप्स मिलेंगे।

कुशान: आपकी हॉबीज और पैशंस क्या हैं? फ्री टाइम में क्या करना पसंद करते हैं?

अशनीर: मुझे गाड़ियों का बहुत शौक है, ड्राइविंग करना बहुत पसंद है। मुझे घूमना भी अच्छा लगता है। मैं 50 से ज्यादा देशों में जा चुका हूं। अब इंडिया को भी और अधिक एक्सप्लोर कर रहा हूं, छोटे-छोटे शहरों में जा रहा हूं।

अब एक सवाल आपकी वाइफ माधुरी जी से…

 आप भारत की वन ऑफ द हाईएस्ट वूमेन टैक्सपेयर हैं। कैसा फील होता है?

माधुरी: बहुत प्राउड फील करती हूं और खुशी मिलती है कि देश में धीरे-धीरे महिलाएं भी आगे आ रही हैं। हम कभी भी टैक्स देने से बचते नहीं हैं।

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